Monday, October 14, 2024
Homeदेश-समाज2380 शहर, 3000 शाखाएँ: 86 साल पहले लक्ष्मीबाई केलकर ने शुरू किया था महिला...

2380 शहर, 3000 शाखाएँ: 86 साल पहले लक्ष्मीबाई केलकर ने शुरू किया था महिला RSS, मातृशक्ति से राष्ट्र निर्माण करना था विजन

राष्ट्र सेविका समिति की आद्य संचालिका लक्ष्मीबाई केलकर के 117 वें जन्मदिन के मौके पर दीन दयाल कॉलेज में हुए इस कार्यक्रम में 300 की तादाद में महिलाएँ शामिल हुईं और लगभग 250 के करीब महिलाओं ने गूगल मीट के जरिए इसमें अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

भारत में स्त्री-आरएसएस यानी कि राष्ट्र सेविका समिति की नींव रखने वाली लक्ष्मीबाई केलकर (मौसी जी) के 117 वें जन्मदिवस के मौके पर दिल्ली में ‘संकल्प दिवस’ कार्यक्रम का आयोजन हुआ।

ये कार्यक्रम 16 जुलाई 2022 को समिति के प्रबुद्ध वर्ग, जिन्हें ‘मेधाविनी सिन्धु सृजन’ के नाम से जाना जाता है, उन्होंने दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज में आयोजित किया।

इस कार्यक्रम में मातृशक्ति का महत्व समझाते हुए राष्ट्रनिर्माण को लेकर बात हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता पायल मागो ने की जबकि मुख्य वक्ता संवर्धिनी न्यास की अखिल भारतीय संगठन सचिव माधुरी मराठे रहीं।

माधुरी मराठे ने मंच से कहा कि चरित्र निर्माण तथा राष्ट्र निर्माण में मातृशक्ति की अहम भूमिका होती है। मातृ शक्ति संगठन के जरिए ही राष्ट्र और विश्व में परिवर्तन किया जा सकता है।

उन्होंने लक्ष्मीबाई केलकर द्वारा समाज में दिए गए योगदान से प्रेरणा लेने को कहा। वह बोलीं, “लक्ष्मीबाई केलकर जी ने अपने विधवा होने को अभिशाप न मानकर शक्ति माना और राष्ट्र निर्माण के कार्य में जुट गईं तथा वर्धा में समिति की स्थापना की। हम अपनी कमियों को अपनी शक्ति बनाएँ और जिस प्रकार भी संभव हो राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दें। यही लक्ष्मी बाई केलकर के जीवन का आदर्श वाक्य था।”

कार्यक्रम की तस्वीर

उन्होंने कहा कि समाज में नेतृत्व करने वाले शख्स को ‘मौसी जी’ जैसा होना चाहिए। उनके जीवन में ‘मैं’ का स्थान नहीं था। उन्होंने सबकुछ राष्ट्र को समर्पित कर दिया था।

आगे देश की संस्कृति को बनाए रखने की जरूरत पर बात करते हुए माधुरी मराठे ने बताया कि कैसे महिलाओं के जागरण के लिए केलकर ने अपना पूरा जीवन समर्थन किया हुआ।

उन्होंने कहा, “देश के विभाजन के वक्त सेविकाओं के आह्वान पर लक्ष्मीबाई केलकर कराची पहुँची और सेविकाओं को विषम परिस्थितियों का साहस के साथ सामना करने के लिए प्रेरित किया।”

बता दें कि राष्ट्र सेविका समिति की आद्य संचालिका लक्ष्मीबाई केलकर के 117 वें जन्मदिन के मौके पर दीन दयाल कॉलेज में हुए इस कार्यक्रम में 300 की तादाद में महिलाएँ शामिल हुईं और लगभग 250 के करीब महिलाओं ने गूगल मीट के जरिए इसमें अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

राष्ट्र सेविका समिति

राष्ट्र सेविका समिति के बारे में बता दें कि 25 अक्टूबर 1936 को विजयदशमी के दिन इस संगठन की नींव रखी गई थी। आज ये भारतीय महिलाओं का सबसे बड़ा और सुदृढ़ संगठन है जिसकी शाखाएँ पूरे भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी फैली हुई हैं। भारत के 2380 शहरों ,कस्बों और गाँवों में समिति की 3000 शाखाएँ चल रही हैं।

समिति के 1000 सेवा प्रकल्प चल रहे हैं। दुनिया के 16 देशों में समिति की सशक्त उपस्थिति दर्ज हो चुकी है। इसके अलावा सेविका समिति सामाजिक, सांस्कृतिक और बौद्धिक धरातल पर 1936 से काम कर रही है । शाखाओं के माध्यम से समिति की सेविकाएँ (सदस्या) समाज और देश के समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जब मर चुके थे रामगोपाल मिश्रा, तब भी उनके मृत देह पर मुस्लिम कट्टरपंथी बरसा रहे थे पत्थर: तलवार से काटने, गोलियाँ मारने के...

बहराइच में मृतक रामगोपाल मिश्रा की लाश जब उनके साथी निकल कर ला रहे थे तब उन पर भी मुस्लिम भीड़ ने गोलियाँ और पत्थर बरसाए थे।

दुर्गा पूजा पर झारखंड पुलिस ने नहीं बजने दिया DJ… विरोध में हिंदुओं ने नहीं किया माँ दुर्गा का विसर्जन, रात भर प्रतिमाएँ सड़क...

झारखंड के चक्रधरपुर में पुलिस ने दुर्गा पूजा विसर्जन जुलूस का डीजे पुलिस ने जब्त कर लिया। इसके बाद विसर्जन नहीं हो पाया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -