उत्तर प्रदेश के संभल जिले में रविवार (24 नवंबर 2024) को मुस्लिम भीड़ ने पुलिस पर हमला बोल दिया था। यह हमला तब किया गया, जब वहाँ की जामा मस्जिद में कोर्ट के आदेश पर सर्वे चल रहा था। घटना के बाद विपक्षी दलों द्वारा सुरक्षा बलों के बजाय दंगाइयों को समर्थन मिला। हालाँकि इस हिंसा की FIR सामने आने के बाद कहानी कुछ और ही निकल कर आ रही है। सामने आई एक और FIR में खुलासा हुआ है कि दंगाइयों ने उसी डिप्टी एसपी को टारगेट कर के गोली मारी थी, जिनके खिलाफ भीड़ लगातार बयानबाजी कर रही थी। कई दुकानों को भी भीड़ ने निशाना बनाया और आगजनी की।
ऑपइंडिया को मिली एक अन्य FIR में सब इंस्पेक्टर दीपक राठी शिकायतकर्ता के तौर पर दर्ज हैं। दीपक राठी संभल शहर में बतौर चौकी इंचार्ज तैनात हैं। रविवार को उन्होंने थाना कोतवाली संभल में तहरीर दी है। तहरीर में दीपक ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर चल रहे सर्वे की टीम को सुरक्षा प्रदान करने के लिए वो जामा मस्जिद पर ही अपनी टीम के साथ तैनात थे। सुबह लगभग 9 बजे 700 से 800 लोगों की भीड़ जामा मस्जिद के पास पहुँच गई।
दीपक राठी ने आगे बताया कि भीड़ के पास घातक हथियार मौजूद थे। इनका मकसद सर्वे के काम में बाधा डालना था। FIR में 2 दिन पहले शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषण का भी जिक्र है। इस भाषण को पुलिस ने राजनैतिक स्वार्थ की सिद्धि के लिए दिया गया बयान बताया है, जिससे भीड़ उग्र हुई थी। इसी तहरीर में आगे सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इक़बाल द्वारा भीड़ को जियाउर्रहमान के नाम पर उकसाने की बातें भी लिखी गई हैं।
सब इंस्पेक्टर राठी ने आगे बताया है कि उग्र हो रही भीड़ को उनके और DSP अनुज चौधरी द्वारा समझाने की बहुत कोशिश की गई। पुलिस की अपील का भीड़ पर कोई असर नहीं पड़ा। वह नारेबाजी करते हुए सरकारी काम में बाधा डालने लगी। थोड़ी ही देर में भीड़ ने पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ शुरू कर दी। पुलिस के वाहनों सहित सार्वजनिक सम्पत्तियों और कुछ दुकानों को भी आग के हवाले कर दिया गया।
तहरीर के अनुसार इसी भीड़ में से किसी उपद्रवी ने डिप्टी एसपी संभल को निशाना बना कर गोली मारी। गोली चलाने वाले का मकसद पुलिस अधिकारी की जान लेना था। यह गोली DSP अनुज चौधरी के पैर में लगी, जिससे वो घायल हो गए। दीपक राठी की तहरीर पर सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और समाजवादी पार्टी के MLA इक़बाल महमूद के बेटे सुहैल इक़बाल सहित 700 से 800 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है। इन सभी पर हत्या के प्रयास, तोड़फोड़ और आगजनी आदि की धाराएँ लगाई गई हैं।
भीड़ के टारगेट पर पहले से DSP चौधरी
मुस्लिम भीड़ ने अपनी हिंसा में जिन डिप्टी एसपी अनुज चौधरी को निशाना बनाया, वो पहले से ही दंगाइयों के टारगेट पर थे। हिंसा के दिन भीड़ से बयानबाजी कर रहे एक व्यक्ति का वीडियो वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में दिख रहा व्यक्ति भीड़ को शांत और DSP संभल को ही गलत बता रहा है। बयानबाज के मुताबिक DSP संभल ने भीड़ से बदतमीजी की है। उसने अपील भी की थी कि डिप्टी एसपी संभल को हटाया जाए।
DSP संभल को न सिर्फ गोली मारी गई बल्कि भीड़ ने बाकायदा टारगेट करके उनकी सरकारी गाड़ी पर भी हमला किया। ऑपइंडिया को मिली एक तस्वीर में CO लिखी गाडी पर हुई पत्थरबाजी के निशान साफ देखे जा सकते हैं। इस पथराव से DSP अनुज चौधरी की गाड़ी का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया है। साथ ही गाड़ी को अन्य हिस्सों में भी काफी नुकसान पहुँचा है।
''इन जाहिलों से मरने के लिए पुलिस में भर्ती हो रखे क्या हम….''
— Pyara Uttarakhand प्यारा उत्तराखंड (@PyaraUKofficial) November 26, 2024
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सुनिए संभल के पुलिस अधिकारी अनुज चौधरी साहेब की सीधी बात नो बकवास pic.twitter.com/SozHVBBEov
मुस्लिम भीड़ की हिंसा में घायल DSP अनुज चौधरी का वीडियो सामने आया है। वीडियो में उनके पैरों में प्लास्टर बंधा दिखा रहा है। उन्होंने एक बयान में यह भी बताया कि हजारों की भीड़ पुलिसकर्मियों की जान लेने पर आमादा थी। आत्मरक्षा में पुलिस ने संतुलित कार्रवाई की। दंगाइयों के पक्ष में सवाल पूछ रहे पत्रकार से DSP संभल ने उलटे सवाल कर लिया। उन्होंने पूछा कि अगर भीड़ शांत थी तो आपने (पत्रकार) ने उसमें घुस कर वीडियोग्राफी क्यों नहीं की? इसी बयान में उन्होंने कहा, “इन जाहिलों के हाथों मरने के लिए पुलिस में भर्ती हुए हैं क्या?”