Wednesday, March 26, 2025
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संभल में सपा नेता ने भाजपा के गुलफाम यादव को जहरीले इंजेक्शन से मरवाया था, जेल से छुड़वाए थे हत्यारे: ब्लॉक प्रमुख बेटा की कुर्सी बचाने को रची साजिश

धर्मवीर उर्फ़ धम्मा ने जिन गुलफाम यादव की हत्या कर दी, वह संभल और पड़ोसी जिले कासगंज की राजनीति में बड़ा नाम थे। वह राज्य पिछड़ा आयोग में सदस्य रहे थे। उनकी पत्नी 3 बार से लगातार प्रधान हैं। उनका बेटा दिव्य प्रकाश ब्लॉक प्रमुख रह चुका है।

उत्तर प्रदेश के संभल में भाजपा नेता गुलफाम यादव की हत्या सपा नेता महेश यादव ने करवाई थी। महेश यादव ने अपने बेटे का ब्लॉक प्रमुख बचाने को लेकर यह हत्या करवाई है। महेश यादव ने इस हत्या के लिए बरेली जेल से एक अपराधी की जमानत करवाई थी। पुलिस ने अब महेश यादव, उसके बेटे समेत हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया है।

इस घटना की साजिश का पूरा खुलासा संभल के एसपी कृष्ण कुमार ने मंगलवार (25 मार्च, 2025) को किया है। एसपी कृष्ण कुमार ने बताया कि इस मामले में जुनावई ब्लॉक के ब्लॉक प्रमुख रवि यादव, उसके पिता और ग्राम प्रधान महेश यादव, मुकेश यादव, रामनिवास, सुधीर और विकास को गिरफ्तार किया गया है। एसपी ने बताया है कि हत्या मामले में 3 लोग फरार हैं।

ब्लॉक प्रमुख पद की थी लड़ाई

एसपी कृष्ण कुमार ने बताया कि ब्लॉक प्रमुख रवि यादव के खिलाफ गुलफाम यादव अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले थे। बताया गया है कि गुलफाम अपने बेटे को ब्लॉक प्रमुख बनाना चाहते थे। इसके चलते रवि यादव का पिता महेश यादव परेशान था। इसके बाद उसने गुलफाम यादव की हत्या की योजना बनाई। इसके लिए उसने अपराधियों का सहारा लेने का निर्णय लिया।

महेश यादव ने इसके बाद बरेली जेल में बंद अपराधी धर्मवीर उर्फ़ धम्मा से मुलाक़ात की। यह मुलाकात 19 नवम्बर, 2024 को जेल के भीतर ही हुई थी। धम्मा को महेश यादव ने हत्या के बदले जमानत करवाने की बात कही। धम्मा जब इस हत्या के लिए राजी हो गया तो उसकी जमानत का इंतजाम किया गया।

इस जमानत के लिए ₹35 हजार का खर्च हुआ। धम्मा इसके बाद जेल से बाहर आ गया। महेश यादव ने ₹1 लाख और धम्म पर खर्च किए। इसके जरिए धम्मा का गिरवीं पड़ा ट्रैक्टर छुड़वाया गया। महेश यादव ने इसके बाद हत्या की प्लानिंग की।

महेश यादव ने साजिश रची कि हत्या चुपचाप तरीके से की जाए, जिससे किसी को पता ना चले। इसी के लिए जहरीले केमिकल वाला इंजेक्शन लगाने की योजना बनाई गई। धम्मा ने इस साजिश में नेमपाल और महेश यादव को भी शामिल कर लिया।

इंजेक्शन की नेमपाल ने दी सलाह

नेमपाल ने धम्मा को इंजेक्शन से हत्या की सलाह दी थी। नेमपाल रामनिवास नाम के शख्स से यह जहरीला इंजेक्शन लाया था। जेल से बाहर आने के बाद धम्मा गुलफाम से नजदीकियाँ भी बढाने लगा था। वह उनके पास उठता-बैठता था। हत्या वाले दिन (10 मार्च, 2025) भी धम्मा गुलफाम के पास जाकर बैठ गया था।

नेमपाल और महेश इसके बाद घर के भीतर गए और गुलफाम यादव के इंजेक्शन लगा दिया। इससे उनकी मौत हो गई। हत्या के बाद तीनों फरार हो गए। हत्या करवाने वाले महेश यादव ने धम्मा समेत बाकी को कई दिनों तक शरण भी दी। वहीं पुलिस ने इस मामले में हत्या के बाद जाँच चालू की थी।

अंतत: उसने इस मामले का खुलासा किया और जुनावई के पास से ही इन लोगों को गिरफ्तार किया है। एसपी कृष्ण कुमार ने बताया है कि नेमपाल और धम्मा अभी भी फरार हैं और उन्हें गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है।

मुलायम सिंह यादव के खिलाफ लड़ चुके थे गुलफाम

धर्मवीर उर्फ़ धम्मा ने जिन गुलफाम यादव की हत्या कर दी, वह संभल और पड़ोसी जिले कासगंज की राजनीति में बड़ा नाम थे। वह राज्य पिछड़ा आयोग में सदस्य रहे थे। उनकी पत्नी 3 बार से लगातार प्रधान हैं। उनका बेटा दिव्य प्रकाश ब्लॉक प्रमुख रह चुका है। उसी को दोबारा प्रमुख बनाने की जुगत में गुलफाम यादव थे।

जिस गुन्नौर इलाके से गुलफाम यादव आते थे, वहाँ यादव जनसंख्या काफी अधिक है। वह भाजपा के पुराने कार्यकर्ता थे और 2007 में भी विधानसभा चुनाव गुन्नौर विधानसभा से लड़ चुके थे। उन्होंने 2004 में भी मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चुनाव लड़ा था लेकिन हार गए थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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