Wednesday, April 24, 2024
Homeदेश-समाजजिस लखबीर को मारकर टाँग दिया, उसके परिवार ने माँगी- नौकरी, CBI जाँच, ₹50...

जिस लखबीर को मारकर टाँग दिया, उसके परिवार ने माँगी- नौकरी, CBI जाँच, ₹50 लाख मुआवजा: अमित शाह के OSD से मिले

दरअसल, सिंघु बॉर्डर पर 15 अक्‍टूबर को निहंगों ने लखबीर सिंह की बेरहमी से हत्‍या कर दी थी। लखबीर की हत्‍या की जिम्मेदारी निहंग समूह निर्वेर खालसा-उड़ना दल ने ली थी। इसका कारण पवित्र ग्रंथ की बेअदबी बताया था।

सिंघु बॉर्डर पर 15 अक्टूबर को मारे गए दलित युवक लखबीर सिंह के परिवार ने आज (28 अक्टूबर 2021) केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के ओएसडी से मुलाकात की। परिजनों ने उन्हें ज्ञापन देते हुए मुआवजे के रूप में 50 लाख रुपये और सरकार नौकरी की माँग की। इसके साथ ही परिवार ने मामले की जाँच CBI से कराने की भी माँग की।

बता दें कि बुधवार (27 अक्टूबर 2021) को सिंघु बॉर्डर पर मृतक लखबीर सिंह के समर्थन में प्रदर्शन हुआ था। लखबीर सिंह के परिवार को मुआवजे और सरकारी नौकरी की माँग को लेकर हिंद मजदूर किसान समिति के कार्यकर्ता बॉर्डर के पास पहुँच रहे थे, लेकिन पुलिस ने रोक दिया था। बताया जाता है कि उनका प्‍लान सिंघु बॉर्डर पर धरना और हवन करने का था।

सिंघु बॉर्डर के पास नरेला में भारी संख्या में पुलिस तैनात थी और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। पुलिस ने इन्हें नरेला इंडस्ट्रियल इलाके में ही रोक लिया। हिंद मजदूर किसान समिति के कार्यकर्ता जब आगे बढ़ने लगे, तब पुलिस ने इन्हें रोकने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस के साथ झड़प शुरू हो गई और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया

गौरतलब है कि सिंघु बॉर्डर पर 15 अक्‍टूबर को निहंगों ने लखबीर सिंह की बेरहमी से हत्‍या कर दी थी। लखबीर की हत्‍या की जिम्मेदारी निहंग समूह निर्वेर खालसा-उड़ना दल ने ली थी। इसका कारण पवित्र ग्रंथ की बेअदबी बताया था। हरियाणा में सोनीपत जिले के कुंडली में किसानों के प्रदर्शन स्थल के पास लखबीर का शव बैरिकेड से बँधा मिला था। एक हाथ कटा हुआ खून से लथपथ था। हत्या के मामले में चार निहंगों को गिरफ्तार किया गया है। किसानों का प्रदर्शन स्थल सिंघु में दिल्ली-हरियाणा सीमा के नजदीक है। केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 10 महीनों से यह ‘किसानों’ के आंदोलन का केंद्र बना हुआ है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

दंगे के लिए विरोध प्रदर्शन की जगहों को दिए गए थे हिन्दू नाम, खुले में हो रही थी लोगों को मारने की प्लानिंग: दिल्ली...

हाई कोर्ट ने 2020 दिल्ली दंगा आरोपित सलीम मलिक उर्फ़ मुन्ना को सोमवार को जमानत देने से मना कर दिया। कोर्ट ने कहा वह साजिश में शामिल था।

लोकसभा चुनाव में विदेशी पत्रकारों का प्रोपेगेंडा: खालिस्तानी समर्थक महिला पत्रकार के ‘वीजा प्रपंच’ की मीडिया ने ही खोली पोल, अब फ्री प्रेस के...

ऑस्ट्रेलियन पत्रकार अवनी डायस ने 20 अप्रैल 2024 को भारत छोड़ दिया। अब उन्होंने आरोप लगाया है कि भारत सरकार उनकी लोकसभा चुनाव कवरेज में अडंगा लगा रही है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe