मध्य प्रदेश के हरदा जिले में एक मुस्लिम परिवार सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहा है। बॉयकॉट का ये फरमान स्थानीय मौलानाओं ने सुनाया है। पीड़ित परिवार की गलती बस इतनी है कि उनके एक निकाह समारोह में डांसर ने नाच दिया था। बहिष्कार का ऐलान करने वालों ने इसे मज़हबी तौर-तरीकों के खिलाफ बताया है। परिवार के समाज से निष्कासन की अवधि फिलहाल 11 महीने रखी गई है। इसी के साथ परिवार पर 1 लाख रुपए का जुर्माना भी ठोंका गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामला हरदा के छीपानेर रोड का है। यहाँ रशीद अपने परिवार के साथ रहते हैं। रशीद के घर 28 जनवरी को एक सदस्य का निकाह हुआ था। निकाह में दूल्हा मोहीन और दुल्हन चाँदनी थीं। 2 दिनों के बाद 30 जनवरी को इसी निकाह की ख़ुशी में रशीद ने दावत रखी थी। इस दावत में रशीद के रिश्तेदारों और दोस्तों के अलावा आसपास के तमाम लोगों ने शिरकत की थी। इसी निकाह में रशीद ने राजस्थानी कलाकारों को बुलाया था। इन कलाकारों में एक महिला डांसर ने घूमर डांस किया था। डांस का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
हरदा में बेटे की शादी में राजस्थानी घूमर नृत्य करवाने पर रशीद और उसके परिवार को समाज मे 11 महिनों के लिए किया प्रतिबंधित @News18MP @News18India pic.twitter.com/IgGddwr26d
— Harda Shanti kumar Jaisani (@jaisani_shanti) May 21, 2024
वायरल वीडियो में एक महिला डांसर राजस्थानी परिधान में कई लोगों के आगे स्टेज पर नाच रही थी। मंच पर एक पुरुष में राजस्थान के पारम्परिक वेश में दिख रहा है। कार्यक्रम खत्म हो जाने के बाद रशीद के इलाके के कुछ मौलानाओं और मुस्लिम समाज के अन्य लोगों ने मीटिंग की। मीटिंग में सर्वसम्मति से यह घोषणा की गई कि निकाह में महिलाओं का डांस कायदों के खिलाफ है। इसी दौरान सभा के पंचों ने रसीद और उनके परिवार को नियम तोड़ने वाला घोषित कर दिया।
रशीद ने हरदा के जिलाधिकारी (DM) को शिकायती पत्र दे कर न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके परिवार को 11 महीने के लिए किसी भी शादी-ब्याह में न बुलाने का फरमान सुनाया गया है। बताया यह भी जा रहा है कि पीड़ित परिवार पर 1 लाख रुपए का जुर्माना भी ठोंका गया है। रशीद की बुजुर्ग अम्मी ने इस फरमान को गलत बताया है। पीड़ित परिवार इस फैसले के खिलाफ पुलिस में गया। आरोप है कि पुलिस ने बॉयकॉट करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की।
आखिरकार रशीद ने हरदा के जिलाधिकारी से शिकायत की है। जिलाधिकारी ने फ़ौरन ही जाँच के लिए एक टीम रशीद के घर और पास-पड़ोस में पहुँची। रशीद के पड़ोसियों ने बहिष्कार जैसे आरोपों को झूठ बताया है। पड़ोसियों ने बताया कि रशीद का बहिष्कार नहीं किया गया है बल्कि उनको जाजम के खाने से बाहर कर दिया गया है। प्रशासन मामले की जाँच करवा रहा है।