Wednesday, June 18, 2025
Homeदेश-समाजरिया के भाई शौविक चक्रवर्ती को ड्रग मामले में NDPS से मिली बेल, 3...

रिया के भाई शौविक चक्रवर्ती को ड्रग मामले में NDPS से मिली बेल, 3 महीने से थे हिरासत में

एनडीपीएस की विशेष अदालत से जमानत मिलने से पहले शौविक की बेल याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज की थी। अदालत ने पेश किए गए सबूतों में यह पाया था कि शौविक ड्रग डीलर्स के संपर्क में थे और सुशांत के लिए ड्रग्स खरीदते थे।

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े ड्रग मामले में अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती के भाई शौविक चक्रवर्ती को आज (दिसंबर 2, 2020) एनडीपीएस की विशेष अदालत से जमानत मिल गई है। पिछले महीने शौविक ने अपनी बेल के लिए विशेष अदालत में याचिका दी थी।

3 नवंबर को दायर की गई अपनी याचिका में उन्होंने कहा था कि उन्हें इस केस में फँसाया जा रहा है, क्योंकि उनके मुताबिक उनके कब्जे से कोई भी ड्रग या साइकोट्रॉपिक पदार्थ जब्त नहीं हुए थे

इसके अलावा उन्होंने हाइकोर्ट के आदेश का भी याचिका में जिक्र किया था, जिसमें अदालत ने एनसीबी अधिकारियों के समक्ष दिए बयानों को लेकर कहा था कि उन्हें स्वीकार नहीं किया जा सकता और इसलिए शौविक को जेल में रखने का कोई कारण नहीं है।

बता दें, एनडीपीएस की विशेष अदालत से जमानत मिलने से पहले शौविक की बेल याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज की थी। अदालत ने पेश किए गए सबूतों में यह पाया था कि शौविक ड्रग डीलर्स के संपर्क में थे और सुशांत के लिए ड्रग्स खरीदते थे।

ड्रग मामले में एनसीबी ने शौविक चक्रवर्ती को 5 सितंबर से हिरासत में लिया हुआ था। उन्हें पूरे तीन माह बाद आज राहत मिली है। इससे पहले मुंबई की विशेष अदालत ने मादक पदार्थ से जुड़े मामले में संदिग्ध तस्कर समेत दो आरोपितों को मंगलवार को जमानत दी थी। इनमें से एक शौविक के दोस्त सूर्यदीप मल्होत्रा हैं और दूसरा अंकुश अनरेजा है। इन्हें कोर्ट ने 50,000 रुपए के मुचलके पर जमानत दी थी।

इसके अलावा 7 अक्टूबर को सुशांत केस में मुख्य आरोपित रिया चक्रवर्ती को भी बॉम्बे हाईकोर्ट ने सशर्त जमानत पर रिहा किया था। उनके साथ सैमुअल मिरांडा को भी बेल मिली थी। रिया को 1 लाख के निजी मुचलके पर छोड़ा गया था और उन्हें निर्देश दिए गए थे कि जब भी उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा, तब उन्हें पहुँचना होगा।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

न किसी की ‘पंचायती’ स्वीकारी, न किसी की ‘पंचायती’ करेंगे स्वीकार… 35 मिनट में PM मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप को बता दी उनकी ‘औकात’:...

35 मिनट की बातचीत पिछले महीने ऑपरेशन सिंदूर के वक्त जो खबरें आईं थीं उससे संबंधित थीं, जिनमें ट्रंप के एक पोस्ट के बाद धड़ल्ले से चलाया गया कि भारत ने तो ऑपरेशन सिंदूर इसलिए रोका क्योंकि अमेरिका ने हस्तक्षेप किया था।

कागजों से निकल कर 40 करोड़ लोगों तक पहुँची सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएँ: ₹1 लाख करोड़ पहुँचा बजट: 11 सालों में इतना बदल गया हेल्थ...

भारत की स्वास्थ्य सेवाओं में मोदी सरकार ने एक मील का पत्थर स्थापित किया है। गंभीर और असाध्य बीमारियों के लिए भी विकल्प मौजूद किए।
- विज्ञापन -