Wednesday, May 1, 2024
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‘जजों को निशाना बनाने की भी हद होती है, हमें भी थोड़ा ब्रेक दीजिए’: मीडिया से खफा हुए जस्टिस चंद्रचूड़, केस में देरी को लेकर छपी थी खबर

जजों को निशाना बनाते हुए लिखे गए इस आर्टिकल से जस्टिस चंद्रचूड भड़क गए और कहा, "जजों को भी ब्रेक दें और उन्हें निशाना बनाने की भी एक सीमा होती है।"

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ ने जजों को मीडिया में निशाना बनाए जाने पर अपना गुस्सा जाहिर किया है। जस्टिस चंद्रचूड ने उस मीडिया आउट्लेट का उल्लेख किया था कि जिसमें ये लिखा गया था कि एंटी क्रिश्चियन वायलेंस से जुड़ी याचिका पर सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट देरी कर रहा है। दरअसल, गुरुवार (28 जुलाई, 2022) को जस्टिस चंद्रचूड़ की बेंच के सामने एक वकील ने ईसाई समुदाय के खिलाफ हिंसा के संबंध में एक मामले का उल्लेख किया। उसी दौरान जस्टिस चंद्रचूड ने यह टिप्पणी की।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, जजों को निशाना बनाते हुए लिखे गए इस आर्टिकल से जस्टिस चंद्रचूड भड़क गए और कहा, “जजों को भी ब्रेक दें और उन्हें निशाना बनाने की भी एक हद होती है।” न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि हम पर दबाव बनाना बंद करें।

जस्टिस चंद्रचूड ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा, “मैं कोविड से संक्रमित था, इसलिए इस मामले को नहीं उठाया जा सका। लेकिन मैंने हाल ही में एक न्यूज आर्टिकल पढ़ा जिसमें कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई में देरी कर रहा है। हमें भी ब्रेक दो। जजों में से एक कोविड से पीड़ित था, इसलिए सुनवाई नहीं हो पाई। आप जजों को कितना टारगेट करेंगे, इसकी भी एक लिमिट होती है।”

जस्टिस चंद्रचूड़ ने ये भी पूछा कि इस तरह की खबरें पब्लिश पब्लिश करने वाले हैं कौन? फिर उन्होंने आगे कहा कि हम इसे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेंगे, नहीं तो फिर कोई और खबर आएगी।

ANI की रिपोर्ट के अनुसार, पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील द्वारा मामले पर सुनवाई किए जाने के अनुरोध पर ये टिप्पणियाँ की। बता दें कि वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोन्साल्वेज ने जून, 2022 में अवकाशकालीन पीठ के समक्ष एक मामले का उल्लेख किया था जिसमें कहा गया था कि देशभर में ईसाई संस्थानों और पादरियों के खिलाफ हर महीने औसतन 45 से 50 हिंसक हमले होते हैं।

गौरतलब है कि बेंगलोर डीओसिस के आर्क बिशप पीटर मचाडो (Peter Machado) और नेशनल सॉलिडेरिटी फोरम द्वारा अप्रैल, 2022 में एक याचिका दायर की गई थी। जिसमें दावा किया गया था कि ईसाइयों के खिलाफ टारगेट के तहत वॉयलेंस किया जा रहा है। दरअसल, इस याचिका में FIR दर्ज करने और स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम से जाँच कराने की माँग की गई है।

बता दें कि इस याचिका पर सुनवाई चल रही थी लेकिन एक जज के कोरोना से संक्रमित हो जाने के कारण सुनवाई में थोड़ी देरी हुई। वहीं खबर ये भी है कि जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ इस साल नवंबर से सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस का पद सँभालने वाले हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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