Monday, December 30, 2024
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कड़ाके की ठंड में पटना की सड़कों पर लाठी क्यों खा रहे छात्र, क्यों झेल रहे पानी की बौछारें: जानिए क्या है BPSC से जुड़ा विवाद, क्यों ‘PK वापस जाओ’ के लगे नारे

जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती सहित 21 लोगों के खिलाफ पटना के गाँधी मैदान थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।

बिहार में कड़ाके की ठंड के बावजूद राजधानी पटना में बीपीएससी अभ्यर्थी सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। यह विवाद बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा से जुड़ा है, जो 13 दिसंबर 2024 को आयोजित की गई थी। छात्रों का कहना है कि इस परीक्षा में गंभीर अनियमितताएँ हुईं और वे इसे रद्द कर दोबारा आयोजित करने की माँग कर रहे हैं।

अब तक तीन बार हो चुका है लाठीचार्ज

पटना के जेपी गोलंबर और गाँधी मैदान से लेकर गर्दनीबाग धरनास्थल तक छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन की शुरुआत से लेकर अब तक परीक्षार्थियों पर तीन बार लाठीचार्ज हो चुका है। दरअसल, पटना के बापू सभागार में आयोजित इस परीक्षा में प्रश्न पत्र के वितरण में देरी और पेपर लीक के आरोप लगे।

परीक्षार्थियों का दावा है कि प्रश्न पत्र स्तरहीन थे और कुछ सवाल निजी कोचिंग संस्थानों के मॉडल प्रश्न पत्रों से मेल खाते थे। इसके चलते 18 दिसंबर से सभी 912 केंद्रों की दोबारा प्रारंभिक परीक्षा की माँग को लेकर बीपीएससी परीक्षार्थी पटना के गर्दनीबाग धरनास्थल पर आंदोलन कर रहे हैं। अपनी इसी माँग को लेकर पटना के गाँधी मैदान में लगी गाँधी जी मूर्ति के नीचे रविवार (30 दिसंबर 2024) को ये छात्र संसद लगाना चाहते थ, लेकिन यहाँ हालात तब बिगड़ गए जब परीक्षार्थियों ने बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की और पुलिस ने बल प्रयोग किया।

छात्रों की प्रमुख माँगें–

  • बीपीएससी की परीक्षा रद्द कर दोबारा आयोजित की जाए।
  • नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया पारदर्शी बनाई जाए। इसका गणितीय मॉडल सार्वजनिक करने की माँग भी की गई है।
  • पेपर लीक के दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।
  • छात्रों पर लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो।

नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया बनी विवाद की मुख्य वजह: नॉर्मलाइजेशन एक सांख्यिकीय प्रक्रिया है, जिसका उपयोग अलग-अलग शिफ्टों में आयोजित परीक्षाओं के कठिनाई स्तर को संतुलित करने के लिए किया जाता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय न हो। हालांकि, छात्रों का आरोप है कि बीपीएससी ने इसे सही तरीके से लागू नहीं किया। इससे आसान शिफ्ट में शामिल छात्रों को अनुचित लाभ हुआ और कठिन शिफ्ट वाले छात्रों को नुकसान उठाना पड़ा।

नॉर्मलाइजेशन के नुकसान: 1-) कठिनाई का सही आकलन नहीं हो पाना विवाद का कारण बनता है। 2-) व्यक्तिगत मेहनत और परिस्थितियों को नजरअंदाज कर दिया जाता है। 3-) कठिन शिफ्ट के छात्रों का स्कोर कम हो सकता है, जिससे उनका चयन प्रभावित होता है।

प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस ने की कार्रवाई

रविवार (29 दिसंबर 2024) शाम को गाँधी मैदान से सीएम आवास तक मार्च निकालने की कोशिश कर रहे छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इस दौरान कई छात्र घायल हुए। पुलिस ने 21 नामजद और 600-700 अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। प्रशासन का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने बिना अनुमति के जुलूस निकाला और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाया।

छात्रों को कई संगठनों और राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिल रहा है। इस प्रदर्शन में आइसा (AISA), एबीवीपी (ABVP) जैसे संगठन भी सक्रिय हैं, तो राजद और जन सुराज ने आंदोलन का समर्थन किया है। इस बीच, फेसबुक, एक्स और अन्य प्लेटफार्म पर #BPSCExamScam और #BPSCNormalization जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे पर होने के कारण मुख्य सचिव ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की। हालाँकि, इस बातचीत से कोई निष्कर्ष नहीं निकला। छात्रों ने कहा है कि अगर उनकी माँगें नहीं मानी गईं, तो वे आंदोलन जारी रखेंगे।

प्रशांत किशोर पर प्रदर्शन के दौरान गायब होने का आरोप

अपनी राजनीतिक पार्टी जन सुराज अभियान चला रहे प्रशांत किशोर पर छात्रों को भड़काने का आरोप लगा है। दरअसल, बीपीएससी 70वीं परीक्षा को लेकर चल रहे आंदोलन में जन स्वराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर भी शामिल हुए, लेकिन उनके प्रदर्शन स्थल से लौट जाने के बाद छात्रों का गुस्सा और भी बढ़ गया। छात्र बीपीएससी परीक्षा को दोबारा कराने की माँग कर रहे थे। प्रशांत किशोर ने शुरू में मार्च का नेतृत्व किया, लेकिन बाद में वह प्रदर्शन स्थल से चले गए, जिससे कई छात्र नाराज हो गए और उनके खिलाफ नारेबाजी करने लगे। उन्होंने ‘प्रशांत किशोर वापस जाओ’ के नारे भी लगाए। वहीं, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सीएम आवास तक पहुँचने से रोकने के लिए लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया, जिससे कई छात्र घायल हो गए।

जन सुराज के प्रशांत किशोर सहित कई अन्य पर केस दर्ज

जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती सहित 21 लोगों के खिलाफ पटना के गाँधी मैदान थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन पर छात्रों को उकसाने और हंगामा कराने का आरोप है। प्राथमिकी में 21 नामजद और 600 से 700 अज्ञात लोगों को आरोपित बनाया गया है। कहा गया कि जन सुराज के नेता जब भीड़ बेक़ाबू हो गई तो जेपी गोलंबर के पास भीड़ को छोड़ कर निकल गए। उन लोगों के द्वारा मुख्य सचिव को ज्ञापन देने के लिए पाँच लोगों का डेलीगेशन भेजने की बात की गई, लेकिन आपसी सहमति नहीं बनने के कारण लोगों का नाम भी नहीं दिया गया। प्रदर्शन पर अड़े छात्रों को रोकने के लिए पहले उन पर वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा और हल्का बल प्रयोग कर इन्हें हटाया गया तथा स्थिति को सामान्य किया गया।

आमने-सामने आए तेजस्वी यादव और प्रशांत किशोर

बीपीएससी अभ्यर्थियों का आंदोलन अब सियासी रंग भी ले चुका है। जन सुराज के प्रशांत किशोर और राजद नेता तेजस्वी यादव के बीच बयानबाजी तेज हो गई है। तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे थक चुके हैं और रिटायर्ड अधिकारियों के सहारे राज्य चला रहे हैं। उन्होंने लाठीचार्ज की निंदा करते हुए कहा कि छात्रों के साथ अन्याय हो रहा है और परीक्षा को दोबारा आयोजित किया जाना चाहिए।

वहीं, प्रशांत किशोर ने भी 2 जनवरी से धरने पर बैठने की घोषणा की है। प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि राजद आंदोलन को कुचलने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि वे 2 जनवरी से धरने पर बैठेंगे और पटना पुलिस के खिलाफ मानवाधिकार आयोग जाएंगे।

ये है बीपीएसपी परीक्षा को लेकर बवाल का पूरा मामला

बता दें कि बीपीएससी की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा का विज्ञापन सितंबर 2024 में जारी किया गया था और इसमें 4,83,000 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया, जिनमें से 3,25,000 ने परीक्षा दी है। यह परीक्षा 2,031 पदों के लिए आयोजित की गई थी, जिसमें 200 एसडीएम, 136 डीएसपी और अन्य राजपत्रित अधिकारी पद शामिल थे, जिससे यह पिछले कुछ वर्षों में सबसे बड़ी भर्ती प्रक्रिया बनी। प्रारंभिक परीक्षा 13 दिसंबर 2024 को दोपहर 12 बजे से 2 बजे के बीच आयोजित की गई, जिसमें अभ्यर्थियों को सामान्य ज्ञान के 150 प्रश्नों के उत्तर देने थे।

बापू सभागार में आयोजित परीक्षा के दौरान ही विवाद हुआ। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि पेपर की सील पहले से खुली हुई थी, पेपर बाँटने में आधे घंटे की देरी की गई और पेपर लीक किया गया। छात्रों की माँग पर उस परीक्षा को रद्द कर 4 जनवरी 2025 को दोबारा परीक्षा आयोजित कराए जाने का ऐलान हुआ, लेकिन अब छात्र चाहते हैं कि सभी 900 से ज्यादा सेंटरों पर दोबारा परीक्षा का आयोजन हो।

छात्रों की माँग है कि सिर्फ एक सेंटर पर दोबारा परीक्षा कराने से इसकी निष्पक्षता प्रभावित होगी इसलिए पूरी परीक्षा फिर से कराई जाए। हालाँकि बीपीएससी ने ऐसा कराने से इनकार कर दिया है, इसकी वजह से पटना के गर्दनी बाग इलाके में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन जारी रखा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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