Wednesday, March 19, 2025
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दोस्तों संग सेल्फी लेने के चक्कर में तोड़ दिए हम्पी के दो स्तंभ, पर्यटक गिरफ़्तार

इसी साल फरवरी में कुछ असामाजिक तत्वों ने विष्णु मंदिर परिसर के स्तम्भों को जानबूझकर क्षतिग्रस्त कर दिया था। इसके अलावा संत व्यासराजा स्वामी की पवित्र वृन्दावन समाधि को भी इसी साल जुलाई में अज्ञात हमलावरों ने नुकसान पहुँचाया था।

एक पर्यटक को हम्पी पुलिस ने बुधवार को दो ऐतिहासिक स्तम्भों को नुकसान पहुँचाने के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया है। आरोप है कि उसने दोस्तों के साथ selfie लेने में उन्हें नीचे गिरा दिया। आरोपित नागराज बंगलुरु के अवलाहल्ली का निवासी बताया जा रहा है।

वैश्विक धरोहर है विजय विट्ठल मंदिर

बेल्लारी जिले स्थित विजय विट्ठल मंदिर को संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक संस्था UNESCO ने विश्व धरोहर घोषित किया हुए है। बुधवार (18 सितंबर) को उस स्थान पर घूमने पहुँचे नागराज ने दोस्तों के साथ selfie लेने के लिए मंदिर के सालु मंडप में मौजूद स्तम्भों को धक्का देना शरू कर दिया। वहां पर मौजूद पुरातत्व विभाग (Archeological Survey of India, ASI) के गार्डों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने आकर नागराज को हिरासत में ले लिया। उसके दोस्तों को इसलिए छोड़ दिया गया, क्योंकि स्तम्भों को नुकसान पहुँचाने की हरकत अकेले नागराज की थी

‘कानून और धरोहर का सम्मान करना ही होगा’

हम्पी पुलिस ने नागराज के ख़िलाफ़ प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 (Ancient Monuments and Archaeological Sites and Remains Act, 1958) की धारा 30 के अंतर्गत मामला दर्ज किया है। बल्लारी के एसपी सीके बाबा ने The Hindu से बातचीत करते हुए बताया कि बीते कुछ दिनों में हुई बारिश के चलते स्तम्भों के आसपास की मिट्टी ढीली हो गई थी और जब नागराज ने धक्का दिया तो पहले एक स्तम्भ गिरा। बगल का दूसरा स्तम्भ भी उसकी चपेट में आ गया। हालाँकि यह जानबूझकर नहीं बल्कि दुर्घटनावश हुआ नुकसान दिख रहा है, लेकिन ASI की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि हम सभी को धरोहर स्मारकों और उनके संरक्षण के लिए बने कानून की इज़्ज़त करनी चाहिए।

विशेष ‘कृपा’ वाला रहा है यह साल

हम्पी के लिए यह साल नुकसान पहुँचाने वालों की विशेष ‘कृपा’ के चलते सुर्ख़ियों में आने वाला रहा है। इसी साल फरवरी में कुछ असामाजिक तत्वों ने विष्णु मंदिर परिसर के स्तम्भों को जानबूझकर क्षतिग्रस्त कर दिया था, जिसके लिए उन्हें ₹70,000 प्रति व्यक्ति का जुर्माना और उन स्तम्भों को फिर से स्थापित करने की सज़ा होस्पेट की अदालत ने सुनाई थी। इसके अलावा संत व्यासराजा स्वामी की पवित्र वृन्दावन समाधि को भी इसी साल जुलाई में अज्ञात हमलावरों ने रात में नुकसान पहुँचाया था, जिसके बाद स्थानीय हिन्दुओं ने श्रमदान और अंशदान से डेढ़ दिन के भीतर स्थल की मरम्मत पूरी कर दीथी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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