Friday, September 20, 2024
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बिहार में ईसाई धर्मांतरण कराते धराए केरल के दो पादरी, कई गाँवों में लोगों को बनाया ईसाई: महीने के मिलते हैं ₹12000

पूछताछ में पादरी जॉर्ज ने खुलासा किया है कि उसे इस काम के लिए प्रति महीने 12,000 रुपए दिए जाते हैं। ईसाई मजहब अपनाने वालों को भी इनकी तरफ से कुछ रुपए दिए जाते थे।

ईसाईयों के धर्मांतरण का रैकेट बिहार में दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। अब बिहार के सुपौल जिले से केरल के दो पादरियों को ईसाई धर्मांतरण की कोशिश करते हुए पकड़ा गया है। शनिवार (6 नवम्बर, 2021) को इन दोनों को धर्मांतरण कराते हुए दबोचा गया। ये दोनों आमलोगों के बीच बाइबिल का वितरण कर रहे थे। साथ ही लोगों को ईसाई मजहब से जुड़ने के लिए लालच दे रहे थे। इसी बीच आम लोगों ने हिन्दू संगठनों को इनके कृत्यों के बारे में सूचित कर दिया।

सुपौल के भीमपुर के केवला गाँव में ये दोनों गरीबों को बहला-फुसला रहे थे। दोनों पादरियों में एक महिला भी है। पादरी जार्ज और रिषू सुपौल शहर के भेलाही मोहल्ले में किराए के मकान में रहते हैं। पूछताछ में पादरी जॉर्ज ने खुलासा किया है कि उसे इस काम के लिए प्रति महीने 12,000 रुपए दिए जाते हैं। ईसाई मजहब अपनाने वालों को भी इनकी तरफ से कुछ रुपए दिए जाते थे। अब तक इन दोनों ने मिल कर कइयों का ईसाई धर्मांतरण कराया है।

भीमपुर पुलिस ने दोनों पादरियों को हिरासत में लेकर जाँच शुरू कर दी है। उनके आधार कार्ड सहित अन्य कागजात जुटाए जा रहे हैं और उनकी जाँच की जा रही है। इस मामले में अब तक किसी ने लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई है। ये दोनों बीते कई वर्षों से यहाँ रह कर धर्मांतरण का काम कर रहे थे, लेकिन किसी को खबर तक नहीं हुई। इलाके में कई परिवारों को ईसाई बनाया गया है। आक्रोशित हिन्दू संगठनों ने इसे रोकने के लिए आंदोलन की चेतावनी दी है।

हिन्दू संगठनों ने कहा है कि जिस तरह से लोगों को लोभ-लालच देकर ईसाई बनाया जा रहा है, उसके खिलाफ केंद्र सरकार को कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है। ऊपर डाले गए वीडियो में आप देख सकते हैं कि कैसे पूछे जाने पर दोनों पादरी खुद अपना पर्दाफाश कर रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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