उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक बार फिर नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के विरोध में प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ सख्त नजर आई है। मौलाना सैफ अब्बास सहित 14 अन्य आरोपितों के पोस्टर सड़कों पर लगाए गए हैं। सरकार ने प्रदर्शन करने वाले 8 लोगों को भगोड़ा घोषित किया है। इसके साथ ही इनकी गिरफ्तारी पर 5000 नकद इनाम की घोषणा की है।
जानकारी के मुताबिक, प्रदेश सरकार ने सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शन में शामिल 8 प्रदर्शनकारियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए उनको भगोड़ा और मोस्ट वांटेड घोषित कर दिया गया है। इन प्रदर्शनकारियों घरों के बाहर नोटिस लगाए गए हैं। इसके अलावा, कई जगह पोस्टर चस्पा किए गए हैं। पुलिस ने इन प्रदर्शनकारियों की सूचना देने वाले को 5 हजार रुपए का इनाम की भी घोषणा की है।
जारी किए गए पोस्टर पर पुलिस अधिकारियों के नंबर भी हैं, जिनपर इसकी जानकारी दी जा सकती है। पुलिस द्वारा दो अलग-अलग पोस्टर जारी किए गए हैं। एक में वह प्रदर्शनकारी हैं, जिन पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है, दूसरे में वह प्रदर्शनकारी हैं, जो फरार तो हैं, लेकिन उन पर गैंगस्टर एक्ट नहीं लगा है।
वहीं इस मामले में ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस नवीन अरोड़ा ने पहले बताया था कि सीएए और एनआरसी की आड़ में उपद्रव मचाने वालों के खिलाफ ठाकुरगंज थाने में 27 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इनमें 11 लोगों को अरेस्ट किया जा चुका है और एक आरोपित ने सरेंडर कर दिया था। हालाँकि, 7 आरोपितों ने कोर्ट से गिरफ्तारी का स्टे ले लिया था जिसके बाद बचे हुए 8 आरोपितों के खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई करते हुए धारा 82 की कार्रवाई की गई है जिसमें उनके घर के बाहर डुगडुगी बजाकर नोटिस चस्पा किया गया।
इन आरोपितों पर लखनऊ में सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान आगजनी करने, सांप्रदायिक वैमनस्यता फैलाने और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुँचाने का आरोप है। जिनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगा है उन में मोहम्मद अलाम, मोहम्मद तहिर, रिजवान, नायब उर्फ रफत अली, अहसन, हसन और इरशाद शामिल है।
पुलिस के अनुसार, पोस्टर में शामिल हसन, इरशाद और आलम ने गुरुवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया। वहीं दूसरे पोस्टर में चौक निवासी मौलाना सैफ अब्बास, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मौलाना क़ल्बे सादिक के बेटे कल्बे सिब्तैन “नूरी”, ठाकुरगंज के सलीम चौधरी, कासिफ, हलीम, नीलू, मानू, इस्लाम, आसिफ, तौकीर, जमाल और शकील अभी फरार हैं। इन सभी आरोपितों की धर पकड़ के लिए इनाम घोषित किया गया है। साथ ही इनको पकड़ने के लिए पुलिस की एक टीम का भी गठन हुआ है।
गौरतलब है कि लखनऊ में पिछले साल 19 दिसंबर को सीएए-एनआरसी की आड़ में उग्र और बेहद हिंसक प्रदर्शन किया गया था। इस मामले में यूपी पुलिस ने 287 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। तोड़फोड़, आगजनी, मारपीट, लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम व सरकारी कार्य में बाधा समेत अन्य धाराओं में कुल 63 मुकदमे दर्ज किए गए थे।
वहीं योगी सरकार ने राजधानी लखनऊ में सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुँचाने वाले दंगाइयों के चेहरे सार्वजनिक करते हुए उनके पोस्टर चौराहों पर लगवा दिए थे। हिंसा के बाद ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि नुकसान की भरपाई दंगाइयों से की जाएगी।