उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के गजरौला थाना क्षेत्र की 15 साल की लड़की के साथ गैंगरेप का मामला प्रकाश में आया है। आरोप मेरठ के अफजल मलिक और उसके शार्गिदों पर है। अफजल ने इलाज के नाम पर पीड़िता के साथ इस घटना को अंजाम दिया। सेकुलर मीडिया ने समुदाय विशेष के आरोपितों को तांत्रिक बता पहचान छिपाने की कोशिश की है।
रिपोर्ट के अनुसार आरोपितों ने पीड़िता को इस घटाने बारे में किसी को नहीं बताने की धमकी भी दी थी। पीड़िता के परिवार के ने मामले की शिकायत मेरठ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) से की है। दैनिक हिंदुस्तान की रिपोर्ट मुताबिक, मामले की जाँच अंचल अधिकारी (कोतवाली) को सौंप दी गई है। साथ ही एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने सभी आरोपितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
पुलिस आरोपितों की तलाश कर रही है। पुलिस को दी शिकायत में पीड़िता के परिजनों ने कहा है कि उनकी बेटी बीमार थी। भवनपुर के तारिक ने उसके उपचार के लिए मेरठ के राशिदनगर गली नंबर-3 के निवासी अफजल मलिक से मिलवाया था। तारिक ने कहा था कि अफजल उनकी बेटी को ठीक कर सकता है। इसके बाद परिजन उसे लेकर अफजल के पास गए थे।
परिवार ने आरोप लगाया है कि अफजल के साथ मिलकर तारिक, असलम और जुल्फिकार ने गैंगरेप किया। ये अफजल के शागिर्द बताए जा रहे हैं। पीड़िता के परिजनों ने कहा है कि सामूहिक बलात्कार की यह वारदात 5 जुलाई 2021 को हुई थी। पीड़िता ने जब इसकी जानकारी परिजनों को दी तो उन्होंने पुलिस से शिकायत की।
#UttarPradesh: Tantrik in #Meerut rapes girl from Amroha on pretext of treating illness.https://t.co/qOBvduieDs
— TIMES NOW (@TimesNow) July 7, 2021
पीड़िता के परिजनों ने आरोप लगाया है कि आरोपितों ने राशि दोगुना करने के बहाने से उनकी जमीन को भी 26 लाख रुपए में बेच दिया है। पैसे लेने के बाद फोन तक नहीं उठा रहे हैं। मेरठ के एससपी सिटी विनीत भटनागर ने कहा कि शिकायत के बारे में पता चलने के बाद मामले की जाँच शुरू कर दी गई है।
तांत्रिक बताने का सेकुलर एजेंडा
रिपोर्ट में अपराध और अपराधी दोनों का नाम स्पष्ट होने के बावजूद टाइम्स ऑफ इंडिया ने सेकुलर बनने का दिखावा करते हुए पाठकों को भ्रमित करने की कोशिश की। मीडिया अक्सर समुदाय विशेष के जघन्य अपराधों पर पर्दा डालने की कोशिश करता रहता है। खबर को हिंदू टच देकर गुमराह भी करता है।
रिपोर्ट में टाइम्स ऑफ इंडिया ने बलात्कार के आरोपित अफजल को एक ‘तांत्रिक’ बताया है। इसी तरह से टाइम्स नाउ ने भी तांत्रिक’ बताकर उसी एजेंडे को आगे बढ़ाने की कोशिश की है। सामान्य अर्थों में ‘तांत्रिक’ वह व्यक्ति होता है जो ‘तंत्र विद्या’ का अभ्यास करता है। यह शब्द मुख्य रूप से हिंदू धर्म से जुड़ा है, जिससे यह प्रतीत होता है कि यह अपराध हिंदू व्यक्ति ने किया।
इसी नक्शे कदम पर चलते हुए लाइव हिंदुस्तान ने भी अपराध को ‘तंत्र-मंत्र’ से जोड़ने की कोशिश की है। उसकी रिपोर्ट में भी आरोपितों के नाम स्पष्ट हैं। बावजूद इसके लाइव हिंदुस्तान ने ऐसा किया।
पहले भी हुआ है ऐसा
यह कोई पहली बार नहीं है जब मीडिया हाउसों ने सेकुलर दिखने के चक्कर में मुख्य आरोपित की पहचान को छुपाया हो। पिछले महीने 14 जून 2021 को उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में ‘दैनिक भास्कर’ ने मौलवी को ‘तांत्रिक’ लिख कर भ्रम फैलाया था। घटना दोस्तपुर थाना क्षेत्र के खलिसपुर दुर्गा गाँव की थी। सविता प्रजापति नाम की महिला अपने पति कपिल देव के साथ अपनी बीमार माँ के कहने पर मायके आई थी। उक्त महिला को कई बीमारियाँ थीं। ‘दैनिक भास्कर’ ने लिखा था कि उस महिला को ‘बाबा’ के पास ले जाया गया, जबकि वो एक मौलवी/फकीर था।
इसी तरह से पिछले महीने ही उत्तर प्रदेश के मेरठ में संतान की चाहत में एक शौहर ने अपनी ही बीवी को दोस्त इस्माइल के हवाले कर दिया। तंत्र-मंत्र का झाँसा देकर इस्माइल ने महिला के साथ दुष्कर्म किया। लेकिन मीडिया ने उसे भी ‘तांत्रिक’ बता गुमराह करने की कोशिश की।