Friday, April 19, 2024
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आजम खान को तगड़ा झटका, जौहर यूनिवर्सिटी की 70 हेक्टेयर जमीन यूपी सरकार के नाम होगी

एडीएम कोर्ट के इस फैसले के बाद साढ़े बारह एकड़ जमीन तो यूनिवर्सिटी के पास रहेगी, लेकिन करीब 173 एकड़ जमीन (70 हेक्टेयर) राज्य सरकार के नाम दर्ज की जाएगी।

उत्तर प्रदेश के रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद मोहम्मद आजम खान को एडीएम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। एडीएम प्रशासन के राजस्व न्यायालय ने जौहर यूनिवर्सिटी की 70.05 हेक्टेयर जमीन उत्‍तर प्रदेश सरकार के नाम दर्ज करने का आदेश दिया है। यह जमीन अभी तक आजम खान की जौहर ट्रस्ट के नाम पर थी।

सपा सांसद आजम खान मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रस्ट ने शासन से 12.5 एकड़ जमीन खरीदने की अनुमति ली थी। लेकिन नियमों की अनदेखी करते हुए ट्रस्ट ने करीब 70 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन खरीद ली। आरोप है कि इस दौरान जमीनों पर अवैध कब्जे भी किए गए और सरकारी नियमों में फेरबदल किया गया। जिसके मद्देनजर एडीएम जेपी गुप्ता की कोर्ट ने शनिवार को यह फैसला सुनाया।

एडीएम कोर्ट के इस फैसले के बाद साढ़े बारह एकड़ जमीन तो यूनिवर्सिटी के पास रहेगी, लेकिन करीब 173 एकड़ जमीन (70 हेक्टेयर) राज्य सरकार के नाम दर्ज की जाएगी। बता दें 1 साल पहले इस मामले की शिकायत भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ के पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयोजक आकाश सक्सेना द्वारा की गई थी।

अतिरिक्त जिला सरकारी वकील (एडीजीसी-सिविल) अजय तिवारी ने कहा, “ट्रस्ट ने सरकारी आदेश का उल्लंघन किया है, जिसमें उन्हें सिर्फ इस शर्त के आधार पर 12 एकड़ से अधिक जमीन की खरीद की अनुमति दी थी गई कि उन्हें सरकार द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करना होगा।” एडीजीसी ने कहा, “अदालत ने इससे पहले सीतापुर जेल में बंद ट्रस्ट के अध्यक्ष आजम खान को नोटिस और समन जारी किया था, जिसे उन्होंने स्वीकार करने से इनकार कर दिया।”

गौरतलब है कि कोर्ट ने अपने आदेश में सूचित किया था कि ट्रस्ट अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी के लोगों से संबंधित जमीन को नहीं खरीद सकेगा और न ही इनके द्वारा नदी के किनारे या इसके आसपास के क्षेत्रों व ग्राम समाज भूमि या ‘चक’ सड़क से संबंधित भूमि को खरीदा जा सकेगा। इसके बावजूद आजम खान ने कोर्ट की बातों को अनदेखा कर शर्तों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश राजस्व अधिनियम की धाराओं का भी उल्लंघन किया।

कोर्ट से आदेश लेते वक्त ट्रस्ट द्वारा तब कहा गया था कि वह गरीबों की मदद के लिए चैरिटी का काम भी करेगी। साथ ही ट्रस्ट गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा भी दिलाएगी। लेकिन जाँच के दौरान यह सामने आया कि ट्रस्ट द्वारा जमीन पर जौहर विश्वविद्यालय का कार्य तो जोरशोर से चल रहा लेकिन ट्रस्ट द्वारा किए गए बाकी सारे वादे हवा हवाई हैं। पिछले दस सालों में ट्रस्ट ने कोई चैरिटी का काम नहीं किया।

इसे देखते हुए शिकायतकर्ता ने माँग की थी कि यूनिवर्सिटी को सरकार द्वारा टेकओवर कर लेना चाहिए।उल्लेखनीय है कि 500 एकड़ की जमीन पर फैले मुहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के चांसलर सपा सांसद आजम खान हैं। विश्वविद्यालय को 2006 में स्थापित किया गया था। खान के अलावा उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और दोनों बेटे ट्रस्ट के सदस्य हैं। आजम की बड़ी बहन ट्रस्ट की कोषाध्यक्ष हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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