नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर यूपी में हो रहे हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए कानपुर में सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। शनिवार को दोपहर बाद उपद्रवियों ने यतीमखाना पुलिस चौकी पर हमला बोल दिया था। इस मामले में आरोपितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है। 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं 15 अन्य को हिरासत में लिया गया है।
कई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि यतीमखाने में हुई हिंसा में आतंकवादी संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) का हाथ है। साथ ही इस घटना को अंजाम देने वालों में हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) से जुड़े नेता का नाम भी सामने आ रहा है। इस बीच, ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कॉन्ग्रेस के नेताओं के लखनऊ में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई है।
Kanpur: Security tightened after the protest against #CitizenshipAct turned violent in Yateem Khana Police Station area y’day. SP East says “FIR registered, 12 arrested, 15 detained. CCTV footage being checked. We’re appealing people to maintain peace and not believe the rumours” pic.twitter.com/8EgqvLFgjR
— ANI UP (@ANINewsUP) December 22, 2019
कानपुर (पूर्व) के एसपी ने कहा, “12 लोगों को गिरफ्तार किया है और 15 अन्य को हिरासत में लिया गया है। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। हम लोगों से अपील करते हैं कि अफवाहों पर विश्वास न करें और शांति बनाए रखें।”
दैनिक जागरण की रिपोर्ट में बताया गया है कि शनिवार को यतीमखाना में दंगा भड़काने के आरोप में सुन्नी उलमा काउन्सिल के महामंत्री हाजी सलीस समेत 14 लोगों को नामजद किया गया है। हाजी सलीस आतंकवादी संगठन SIMI से भी जुड़ा रहा है। साथ ही एडीजी प्रेम प्रकाश के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया कि पुलिस की जाँच में सामने आया है कि उपद्रव करने वालों में तमाम लोग AIMIM से जुड़े हैं। गिरफ्तार होने वालों में मोहम्मद यासीन, अब्दुल रहमान, मोहम्मद मुस्तफा, परवेज खान, मोहम्मद अरमान, नदीम, मोहसिन, मोहम्मद ताहिर और मोहम्मद अहसान का नाम शामिल है।
UP DGP, OP Singh: We have come to know that some political leaders of Trinamool Congress want to visit here (Lucknow). We will not permit them for the same as section 144 is imposed in the area and it can make the atmosphere more tense. #CitizenshipAmendmentAct pic.twitter.com/vcL3dD0EMN
— ANI UP (@ANINewsUP) December 22, 2019
इस बीच, उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने इस बाबत कहा, “हमें पता चला है कि तृणमूल कॉन्ग्रेस के कुछ राजनीतिक नेता यहाँ (लखनऊ) आना चाहते हैं। हम उन्हें इसके लिए अनुमति नहीं देंगे, क्योंकि क्षेत्र में धारा 144 लागू है और उनका यहाँ आना माहौल को और अधिक तनावपूर्ण बना सकता है।”
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शुक्रवार को प्रदेश के विभिन्न जिलों में भड़की आग शनिवार को भी सुलगती रही। कानपुर में दूसरे दिन भी यह आग धधक उठी और उग्र भीड़ ने यतीमखाना पुलिस चौकी पर हमला करते हुए जमकर पत्थरबाजी और आगजनी की। पेट्रोल व देसी बम भी फेंके।
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