Tuesday, March 19, 2024
Homeदेश-समाजमार गिराए गए अमर दुबे का पिता 5 साल बाद जिंदा गिरफ्तार, विकास दुबे...

मार गिराए गए अमर दुबे का पिता 5 साल बाद जिंदा गिरफ्तार, विकास दुबे का था राइट हैंड

कानपुर के बिकरु गॉंव में 3 जुलाई को हुए शूटआउट के दौरान अमर दुबे ने ही सीओ को गोली मारने के बाद उसके पैर पर कुल्हाड़ी से वार किया था। अमर को हमीरपुर में 8 जुलाई की सुबह यूपी एसटीएफ और हमीरपुर पुलिस ने एक संयुक्त ऑपरेशन के दौरान मार गिराया था।

गैंगस्टर विकास दुबे के राइट हैंड अमर दुबे को पुलिस ने 8 जुलाई को मार गिराया था। इसके बाद पुलिस के हाथ उसका पिता संजीव दुबे भी लग गया। संजीव 5 साल से गायब था और परिवार वालों का कहना था कि वह मर चुका है।

लेकिन संजीव दुबे पिछले पाँच साल से गुमनामी की जिंदगी जी रहा था। दरअसल गुरुवार (9 जुलाई, 2020) को बिकरू गाँव में पुलिस ने एक ऑपरेशन चलाया था। बेटे के एनकाउंटर की खबर सुनने के बाद संजीव दुबे अपने ठिकाने से बाहर निकला। इसकी सूचना खबरी ने तत्काल पुलिस को दी। मौके पर मौजूद पुलिसवालों ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद पता चला परिवारवालों ने ही पुलिस से बचाने के लिए उसके झूठे मौत की खबर फैलाई थी।

खबरों के अनुसार एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि संजीव दुबे उर्फ संजू पर 12 आपराधिक मामले चौबेपुर थाना में दर्ज थे। इनमें हत्या की कोशिश, ज़मीन पर कब्जा करना, उगाही और लूट जैसे मामले थे। 7 साल पहले वह एक सड़क दुर्घटना का शिकार हो गया था। हादसे में सिर्फ उसका पैर कटा था।

कुछ दिन बाद उसने परिजनों से पुलिस को अपनी झूठी मौत की खबर देने को कहा और अंडरग्राउंड हो गया। इसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ चल रहे सारे केस बंद कर दिए।

गौरतलब है कि कानपुर के बिकरु गॉंव में 3 जुलाई को हुए शूटआउट के दौरान अमर दुबे ने ही सीओ को गोली मारने के बाद उसके पैर पर कुल्हाड़ी से वार किया था। अमर को हमीरपुर में 8 जुलाई की सुबह यूपी एसटीएफ और हमीरपुर पुलिस ने एक संयुक्त ऑपरेशन के दौरान मार गिराया था।

अमर दुबे मध्य प्रदेश की सीमा में घुस कर फरार होने की कोशिश में लगा था। पुलिस ने उसे सरेंडर करने का भी मौका दिया था। इसके बावजूद उसने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी, जिसमें 2 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।

वारदात के बाद मध्य प्रदेश की सीमा पर यूपी पुलिस की सख्ती और वाहनों की चेकिंग को देखते हुए उसने वहाँ जाने का विचार त्याग दिया। इसके बाद वो हमीरपुर के मौदहा में अपने एक सम्बन्धी के यहाँ जाने की फ़िराक़ में था लेकिन एसटीएफ को उसके इरादों की भनक लग गई। उसके पास से एक बैग और एक ऑटोमॅटिक फायर आर्म बरामद हुआ था।

अमर दुबे के ऊपर 25,000 रुपए का इनाम रखा गया था। 2-3 जुलाई की रात अमर दुबे अपने आका विकास दुबे के घर में ही मौजूद था और पुलिस पर हमले की साजिश रचने और गोलीबारी करने में शामिल था।

अमर दुबे अपनी धाक जमाने के लिए दिखावे का शौक़ीन था और बंदूकें लेकर महँगी गाड़ियों के साथ फोटो क्लिक करवाता था। अमर और उसके साथी बिल्हौर के सीओ देवेंद्र मिश्र को घसीट कर विकास दुबे के मामा प्रेम कुमार पांडे के घर में ले गए और गोलियों से भून दिया था। मिश्र पर धारदार हथियार से भी वार किए थे।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

नारायणमूर्ति का 4 महीने का पोता अरबपतियों की लिस्ट में शामिल, दादा ने दिए इंफोसिस के ₹240 करोड़ के शेयर

अपने पोते एकाग्रह को नारायणमूर्ति ने अपनी कम्पनी इंफोसिस के 15 लाख शेयर दिए हैं। यह शेयर उन्होंने अपने हिस्से गिफ्ट के तौर पर दिए हैं।

‘शानदार… पत्रकार हो पूनम जैसी’: रवीश कुमार ने ठोकी जिसकी पीठ इलेक्टोरल बॉन्ड पर उसकी झूठ की पोल खुली, वायर ने डिलीट की खबर

पूनम अग्रवाल ने अपने ट्वीट में दिखाया कि इलेक्टोरल बॉन्ड पर जारी लिस्ट में गड़बड़ है। इसके बाद वामपंथी मीडिया गैंग उनकी तारीफ में जुट गया। लेकिन बाद में हकीकत सामने आई।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe