Wednesday, May 14, 2025
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त्रिशूल, प्रतिमा, कलश, स्तम्भ के अवशेष… ज्ञानवापी में ASI को क्या-क्या मिला? नमाज के कारण रोकना पड़ा सर्वे, चाबियाँ नहीं दे रहा था मुस्लिम पक्ष

जो मूर्ति मिली है, उस पर कलाकृतियाँ मिलने की बात कही जा रही है। इस मूर्ति का कालखंड क्या है, इसका पता लगाया जा रहा है।

ज्ञानवापी परिसर में लगातार दूसरे दिन शनिवार (5 अगस्त, 2023) को भी ASI ने सर्वे किया। इस दौरान कई अहम सबूत मिले। मुस्लिम पक्ष ने तहखाने की चाबी देने से इनकार कर दिया था, लेकिन बाद में किसी तरह टीम भीतर घुसने में कामयाब रही। दूसरे दिन करीब साढ़े 4 घंटे सर्वे का काम किया गया। परिसर में इस दौरान 61 लोग मौजूद रहे, जिसमें मुस्लिम पक्षकार भी थे। दोपहर के नमाज के लिए सर्वे का काम रोकना पड़ा, जिसके बाद ये फिर से शुरू किया।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ज्ञानवापी ढाँचे के भीतर खंडित मूर्तियाँ भी मिली हैं। वहीं मुस्लिम पक्ष दावा कर रहा है कि ऐसा कुछ नहीं मिला है। हिन्दू याचिकाकर्ता सीता साहू ने कहा है कि 4 फीट की आधा मनुष्य और आधा पशु की प्रतिमा मिली है। तहखाने में मंदिर के टूटे खण्डों के अवशेष मिलने का दावा भी किया गया है। तहखाने की वीडियोग्राफ़ी भी हुई है। सर्वे में 2 फ़ीट का त्रिशूल मिलने की बात भी कही जा रही है। 5 कलश भी मिले हैं।

बता दें कि पहले दिन मुस्लिम पक्ष ने सर्वे का बहिष्कार किया था, लेकिन दूसरे दिन उधर से भी लोग पहुँचे। मुस्लिम पक्ष के वकील मुमताज अहमद ने ASI के सर्वे से संतुष्ट होने की बात कही है। उन्होंने कहा कि हम टीम का सहयोग कर रहे हैं। जिला प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद मुस्लिम पक्ष ने तहखाने की चाबियाँ दीं। बैरिकेटेड एरिया में सर्वे कराया गया। जाँच रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट में पेश की जाएगी।

जो मूर्ति मिली है, उस पर कलाकृतियाँ मिलने की बात कही जा रही है। इस मूर्ति का कालखंड क्या है, इसका पता लगाया जा रहा है। कमल, त्रिशूल, कलश और मूर्तियों की आकृतियाँ मिली हैं – ऐसा कहा जा रहा है। ज्ञानवापी की पश्चिमी दीवार पर सूँड जैसी आकृति मिली है। नक्काशी और स्वस्तिक भी पाया गया है। एएसआई के एडिशनल डायरेक्टर जनरल डॉ. आलोक त्रिपाठी के नेतृत्व में सर्वे का काम 4 सप्ताह तक चलेगा।

जहाँ ASI की टीम टीम सीढ़ियों के सहारे गुंबद के भीतर पहुँची, वहीं एक टीम ने पश्चिमी दीवार का सर्वे किया। ‘TV9 भारतवर्ष’ के खबर की मानें तो दोनों पक्षों ने किसी भी तरह की धार्मिक आकृति मिलने की बात को नकार दिया है। फोटोग्राफी और वीडियोग्राफ़ी के अलावा मशीनों से साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। पिलरों की गिनती भी हो रही है। डायल टेस्ट इंडिकेटर से सतह का माप लिया जा रहा है। परिसर और उसके क्षेत्र की कोडिंग भी कराई गई है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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