उत्तर प्रदेश के देवबंद में बने दारुल उलूम में अब फिर से महिलाओं की भी एंट्री हो सकेगी। एंट्री के लिए कड़े नियम-कानून लागू किए गए हैं। यह फैसला शुक्रवार (8 नवंबर 2024) को लिया गया है। दारुल उलूम की सर्वोच्च संस्था मजलिस-ए-शूरा ने भी नए नियमों को मंजूरी दे दी है। इसी साल 17 मई को संस्थान के अंदर महिलाओं के प्रवेश पर बैन लगा दिया गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने शुक्रवार को इस बदलाव की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि तमाम नए नियमों और कानूनों के साथ फिर से महिलाओं को दारुल उलूम में इंट्री देने का निर्णय लिया गया है। इन नियम कानूनों में महिलाओं का अपने शौहर अथवा किसी ऐसे अभिभावक के साथ आना अनिवार्य होगा जिनसे वो पर्दा न करती हों। इस्लाम में इन संबंधियों को महरम कहा जाता है। हालाँकि इन बदलावों की शुरुआत अक्टूबर माह में ही हो चुकी थी।
इसके अलावा महिलाओं को संस्थान में घूमने की महज 2 घंटों के लिए इजाजत मिलेगी। इसके लिए बाकायदा विजिटर पास बनाया जाएगा। विजिटर पास के कॉलम में विजिटर का नाम, पता, मोबाइल नंबर आदि का पूरा ब्यौरा लिखा होगा। दिन छिपने से पहले ही महिलाओं को संस्थान छोड़ देना होगा। घूमने-फिरने के दौरान किसी भी प्रकार की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी आदि प्रतिबंधित होगी। संस्थान के अंदर खाना खाने पर पूरी तरह से रोक होगी। यहाँ की सर्वोच्च संस्था मजलिस-ए-शूरा ने भी इन बदलावों पर अपनी मुहर लगा दी है।
@MANOJ200447 भारत में महिला सशक्तिकरण बहुत जोर शोर से अलापा जाता है। लेकिन इस दारुल उलूम का फतवा देखो, महिला वहां बिना रिश्तेदार के साथ के प्रवेश नहीं कर सकती। pic.twitter.com/Tg9CdNaBn1
— Manoj Prasad (@MANOJ200447) November 9, 2024
बताते चलें कि विगत 17 मई 2024 को दारुल उलूम में शिक्षण कार्य के दौरान महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। तब यहाँ के मैनेजमेंट का कहना था कि पढ़ाई के दौरान कई बाहरी औरतें बेपर्दा हो कर घूमते हुए बिना हिजाब के यहाँ की तस्वीरें खींच रहीं थीं। संस्थान ने यह भी कहा कि कई महिलाएँ यहाँ रील बना कर उस पर अपने हिसाब से गाने एडिट कर के सोशल मीडिया पर भी वायरल कर रहीं थीं। दारुल उलूम ने इसे संस्थान की छवि गिराने वाली हरकतें माना था।