लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपित केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पुलिस लाइंस पहुँच गए हैं। क्राइम ब्रांच उनसे पूछताछ कर रही है। आशीष मिश्रा के खिलाफ धारा 147, 148, 149, 279, 338, 304ए, 302 और 120बी के तहत मामला दर्ज है। पुलिस ने उनके घर पर नोटिस चिपकाकर पुलिस के समक्ष पेश होने के लिए कहा था।
#WATCH Son of MoS Home Ajay Mishra Teni, Ashish Mishra arrives at Crime Branch office, Lakhimpur
— ANI UP (@ANINewsUP) October 9, 2021
He was summoned by UP Police in connection with Lakhimpur violence. pic.twitter.com/g6wMpHYOKr
इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आश्वासन दिया कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। हालाँकि, उन्होंने बिना सबूत के दबाव में कोई कार्रवाई करने से इनकार कर दिया। शुक्रवार (8 अक्टूबर) को एक टेलीविजन चैनल द्वारा आयोजित कॉन्क्लेव में बोलते हुए यूपी के सीएम ने जोर देकर कहा कि गिरफ्तारी सबूतों के आधार पर की जाएगी, न कि केवल आरोपों के आधार पर।
लखीमपुर खीरी हिंसा के दोषियों के खिलाफ प्रक्रिया के तहत होगी कार्रवाई: योगी आदित्यनाथ
सीएम योगी ने कहा, “सब कुछ एकदम साफ हो जाएगा। किसी के साथ अन्याय नहीं होगा। किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी, लेकिन किसी दबाव में कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।” यूपी के सीएम ने आगे कहा कि विपक्षी सदस्य, जो पीड़ित परिवारों से मिलना चाहते थे, वे केवल दिखावा कर रहे थे, लेकिन असल में उनमें से कुछ चेहरे ऐसे भी हैं जो लखीमपुर खीरी त्रासदी के पीछे हो सकते हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून की नजर में उनकी पोजिशन और पॉवर के बावजूद सभी समान हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। सीएम ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने में इस बात की परवाह नहीं की जाएगी कि वह किस पार्टी से जुड़ा है।
सीएम ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के संभावित इस्तीफे और उनके बेटे आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी के बारे में पूछे जाने पर कहा, “सुप्रीम कोर्ट के अनुसार हम किसी के द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकते। लिखित शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया है और घटना की जाँच की जा रही है।”
इससे पहले यूपी पुलिस ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में दर्ज प्राथमिकी में आशीष मिश्रा का नाम लिया था। ‘किसान’ इस बात पर जोर दे रहे हैं कि घटना के समय आशीष मिश्रा मौके पर मौजूद थे और कुछ यह भी दावा कर रहे हैं कि मिश्रा कार चला रहे थे, जिससे दो किसान प्रदर्शनकारियों की कुचलकर मौत हो गई। इधर, आशीष और उनके पिता कह रहे हैं कि वह उस दिन मौके पर भी मौजूद नहीं था, इसलिए लोगों को कार से मारने का सवाल ही नहीं उठता।
विपक्षी अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए यूपी सरकार को निशाना बना रहे हैं
राजनीतिक लाभ के लिए घटना का इस्तेमाल करने के लिए विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि छत्तीसगढ़ और पंजाब के मुख्यमंत्री अपने राज्यों को चलाने में सक्षम नहीं हैं, लेकिन अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साध रहे हैं।
उन्होंने कॉन्ग्रेस के नेता राहुल और प्रियंका गाँधी से सवाल किया, जो आगामी यूपी विधानसभा चुनावों से पहले अपने डूबते राजनीतिक करियर को बचाने के लिए लखीमपुर त्रासदी का लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने कहा, “राहुल, प्रियंका और अखिलेश यादव कहाँ थे, जब कोरोना महामारी चरम पर था? पीड़ितों के परिवारों सहित सभी लोगों ने कहा कि वे सरकार के काम की सराहना करते हैं।”
‘किसानों’ ने देशव्यापी ‘रेल रोको’ विरोध की धमकी दी
दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के राज्य सरकार के आश्वासन के बावजूद ‘किसानों’ ने आंदोलन की धमकी दी है, जिससे और भी हिंसा भड़क सकती है। संयुक्त किसान मोर्चा ने शुक्रवार को लखीमपुर खीरी हिंसा की जाँच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित एसआईटी और जाँच आयोग को खारिज कर दिया। मोर्चा ने माँग पूरी नहीं होने पर 18 अक्टूबर को देशव्यापी ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन की धमकी दी है।
उल्लेखनीय है कि ‘किसान’ संगठन लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा के सिलसिले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने और उनके बेटे आशीष मिश्रा को गिरफ्तार करने की माँग कर रहे हैं। किसान संयुक्त मोर्चा ने कहा कि वह लखीमपुर खीरी घटना की जाँच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित एसआईटी और जाँच आयोग, दोनों को खारिज करता है। आशीष मिश्रा से फिलहाल क्राइम ब्रांच पूछताछ कर रही है।
लखीमपुर खीरी हिंसा
लखीमपुर खीरी हिंसा में कुल आठ लोग मारे गए थे, जो एक बहुत बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है, खासकर कॉन्ग्रेस पार्टी के लिए। खबरों के मुताबिक, विरोध कर रहे किसानों ने भाजपा कार्यकर्ताओं के काफिले पर हमला कर दिया, जिसके बाद एक कार ने कथित तौर पर नियंत्रण खो दिया, जिसमें दो किसान घायल हो गए। इससे आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने वाहन पर हमला कर दिया, उसमें आग लगा दी और यात्री के साथ मारपीट की। इसके परिणामस्वरुप दो भाजपा कार्यकर्ता, एक पत्रकार और ड्राइवर की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि हिंसा के दौरान दो और किसानों की मौत हो गई।