Friday, June 20, 2025
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UP पंचायत चुनाव में कोरोना से हुई जिन कर्मचारियों की मौत, उनके परिवार को हफ्तेभर में ₹30 लाख: योगी सरकार ने जारी किए 606 करोड़ रुपए

“जिला मजिस्ट्रेट एक सप्ताह के भीतर मृत कर्मचारियों के परिजनों के बैंक खातों में आरटीजीएस के माध्यम से धन हस्तांतरित करेंगे।”

उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के दौरान करीब 2000 सरकारी कर्मचारियों की मौत हुई थी। योगी सरकार ने इनके परिवारों को मुआवजा देने के लिए करीब 600 करोड़ रुपए जारी किए हैं। इन लोगों की इसी साल अप्रैल-मई के बीच राज्य में पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान संक्रमण से मृत्यु हुई थी।

न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश सरकार के 26 अगस्त के आदेश के तहत राज्य चुनाव आयोग को 606 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। सभी जिलाधिकारियों को पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान जान गँवाने वाले कर्मचारियों के परिवारों को 30 लाख रुपए हस्तांतरित करने का आदेश दिया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह द्वारा हस्ताक्षरित यूपी सरकार के आदेश का हवाला देते हुए कहा गया है, “जिला मजिस्ट्रेट एक सप्ताह के भीतर मृत कर्मचारियों के परिजनों के बैंक खातों में आरटीजीएस के माध्यम से धन हस्तांतरित करेंगे।” यह आदेश राज्य चुनाव आयोग और सभी डीएम को भेजा गया है। इसमें राज्य सरकार के जान गँवाने वाले सभी 2128 कर्मचारियों के नाम हैं। इनमें से 2097 की मृत्यु कोरोना संक्रमण से और 31 की अन्य वजहों से हुई थी।

रिपोर्ट के अनुसार शुरुआत में राज्य सरकार ने चुनाव ड्यूटी के दौरान कुछेक कर्मचारियों की मौत ही संक्रमण से होने की बात कही थी। चुनाव आयोग के मानदंड का हवाला दे यह बात कही गई थी। इसके अनुसार मौत की गिनती तभी की जाएगी जब यह ड्यूटी के दौरान घर से निकलने और वापसी के दौरान हुई हो। 26 अगस्त के आदेश में कहा गया है कि सरकार ने मानदंडों में विस्तार के बाद 2128 कर्मचारियों की सूची तैयार की गई है।

करीब 600 करोड़ रुपए जारी करने के बाद सरकार अभी 27.75 करोड़ रुपए की और व्यवस्था कर रही है, क्योंकि 2128 मृतक कर्मचारियों के परिवारों को 30 लाख रुपए का मुआवजा देने के लिए 633.75 करोड़ रुपए की जररूत होगी। गौरतलब है कि राज्य के एक प्रमुख शिक्षक संघ ने अप्रैल और मई में 2000 से अधिक शिक्षकों और अन्य सरकारी महकमों के कर्मचारियों की बात कही थी। इसके बाद सरकार ने पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजा जारी करने का फैसला किया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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