Saturday, April 20, 2024
HomeराजनीतिPM मोदी के 7 साल: वे फैसले जो साबित हुए मील का पत्थर, खुला...

PM मोदी के 7 साल: वे फैसले जो साबित हुए मील का पत्थर, खुला सशक्त और आत्मनिर्भर भारत का रास्ता

मोदी सरकार के सात साल के कार्यकाल में ऐसे कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए जिनसे देश विकास के नए मार्ग पर आरूढ़ हुआ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज से ठीक सात पहले देश के 15वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। 24 मई 2014 को प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही उन्होंने देश में विकास की नई गाथा लिखने की शुरुआत कर दी थी। कॉन्ग्रेस के कई दशकों के शासनकाल के बावजूद शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक विकास समेत तमाम मोर्चों पर पीछे रह जाने के बाद मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने पिछले सात सालों में देश को विकास के नए पथ पर अग्रसर करने का काम किया है।

मोदी सरकार के सात साल के कार्यकाल में ऐसे कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए जिनसे न केवल देश विकास के नए मार्ग पर आरूढ़ हुआ, बल्कि आम लोगों को भी उसका भरपूर फायदा मिला। आइए एक नजर डालते हैं मोदी सरकार के पिछले सात साल के कार्यकाल के दौरान देश के लिए गेमचेंजर साबित हुए उनके बड़े फैसलों पर।

1. एक देश, एक संविधान

मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत से ही ताबड़तोड़ बड़े फैसले लिए। इसी के तहत 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को एक विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को हटाते हुए जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख के दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला किया गया था। मोदी सरकार ने इस फैसले से विशेष राज्य के दर्जे के नाम पर अलग झंडे, अलग कानून और अलग संविधान देने वाले आर्टिकल 370 को खत्म करके जम्मू-कश्मीर को शेष देश के साथ एकता के सूत्र में पिरो दिया।

आर्टिकल 370 हटाया जाना क्यों जरूरी था

17 अक्टूबर 1949 को भारतीय संविधान का हिस्सा बने आर्टिकल 370 जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए एक ‘अस्थायी प्रावधान’ था। आर्टिकल 370 में ये उल्लेख किया गया था कि देश की संसद को जम्मू-कश्मीर के लिए रक्षा, विदेश मामले और संचार के अलावा अन्य किसी विषय में कानून बनाने का अधिकार नहीं होगा। साथ ही, जम्मू-कश्मीर को अपना अलग संविधान बनाने की अनुमति दे दी गई थी। भारत के अन्य राज्यों के लोग कश्मीर में अपनी जमीन नहीं खरीद सकते, यदि कोई कश्मीरी महिला किसी अन्य राज्य के लोगों से शादी करती है तो उसकी कश्मीरी नागरिकता छिन जाती है। साथ ही भारत सरकार द्वारा अन्य राज्यों में लागू आर्टिकल 356 (राष्ट्रपति शासन) या वित्तीय आपातकाल (आर्टिकल 360) कश्मीर पर लागू नहीं हो सकता था।

मोदी सरकार ने आर्टिकल 370 को हटाकर विशेष दर्जे के नाम पर कश्मीर को शेष भारत से काटने वाले कानून को हटाने का काम किया है। इससे न केवल कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित आतंकी घटनाओं पर लगाम लगी है बल्कि दशकों तक आतंक की आग में झुलसने वाले कश्मीर में विकास की नई उम्मीद भी जगी है।

2. सामाजिक उत्थान

तीन तलाक पर रोक: ‘ट्रिपल तलाक’ या तीन तलाक बिल को अपराध करार देने वाला कानून बनाकर मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ जारी सामाजिक बुराई का अंत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया।

तीन तलाक को अपराध घोषित करने के लिए लाए गया बिल को जुलाई 2019 में संसद से पास होने के बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) एक्ट कानून बन गया, जिसे 19 सितंबर 2018 से लागू माना गया। इसके तहत तीन तलाक कहते हुए तलाक देना गैरकानूनी होगा और ऐसा करने वाले पति को तीन साल तक सजा का प्रावधान इस कानून में किया गया है।

उज्ज्वला योजना: गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों की महिलाओं को 5 करोड़ एलपीजी कनेक्शन वितरित करने के लिए 1 मई 2016 को पीएम नरेंद्र मोदी ने उज्ज्वला योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के लिए 8000 करोड़ का बजट रखा गया था। 5 करोड़ गैस कनेक्शन का लक्ष्य 2018 में ही पूरा कर लिया गया था और फरवरी 2021 तक उज्ज्वला योजना के अंतर्गत 8.3 करोड़ मुफ्त एलपीजी कनेक्शन दिए जा चुके हैं।

3. आर्थिक उत्थान

जन धन योजना से करोड़ों भारतीयों को हुआ फायदा: प्रधानमंत्री जन-धन योजना देश के एक बड़े तबके की पहुँच वित्तीय सेवाओं जैसे कि बैंक खातों, ट्रांसफर, क्रेडिट, बीमा और पेंशन तक करने के उद्देश्य से मोदी सरकार ने जन-धन योजना की शुरुआत की। पीएम मोदी ने 15 अगस्त 2014 के लालकिले की प्राचीर से दिए गए अपने पहले भाषण के दौरान ‘प्रधानमंत्री जन धन योजना’ की घोषणा की थी।

जन-धन योजना के तहत एक हफ्ते के अंदर (23-29 अगस्त, 2014) ही 1.8 करोड़ खाते खोले गए, ‘जिसे एक हफ्ते में सर्वाधिक बैंक खाते खोलने’ की उपलब्धि के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह दी गई। सरकार के मुताबिक, अब तक देश भर में जन-धन के 42.40 करोड़ खाते खुले हैं और लाभार्थियों के खाते में ₹146,658.88 करोड़ रुपये की धनराशि जमा है।

जीएसटी लागू करने का फैसला: मोदी सरकार द्वारा 1 जुलाई 2017 से लागू किया गया गुड्स ऐंड सर्विस टैक्स (GST), देश के सबसे बड़े टैक्स सुधारों में से एक है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) एक इनडायरेक्ट टैक्स (या कंज्मप्शन टैक्स) है जिसका उपयोग भारत में वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर किया जाता है। यह एक व्यापक, बहुस्तरीय, गंतव्य-आधारित टैक्स है। इसकी व्यापकता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसमें कुछ स्टेट टैक्स को छोड़कर लगभग सभी अप्रत्यक्ष कर या इनडायरेक्ट टैक्स शामिल हैं।

जीएसटी में पहले से चल रहे 17 अप्रत्यक्ष कर समाहित कर दिए गए, जिसे व्यापार जगत के लिए टैक्सेशन कानूनों का अनुपालन आसान हो गया। 2017 में संसद के एक विशेष सत्र के जरिए जीएसटी को पास करवाना मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है।

4. स्वस्थ भारत

आयुष्मान भारत योजना: 23 सितंबर 2018 को मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना‘ (पीएम जय) का उद्देश्य देश में 50 करोड़ लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना है। इसके तहत देश के 10 करोड़ परिवारों को सालाना 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा मिल रहा है।

आयुष्मान भारत दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजनाओं में से है, जिसका उद्देश्य 10 करोड़ से भी अधिक गरीब और वंचित परिवारों (या लगभग 50 करोड़ लाभार्थियों को) को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध करवाना है। इसके तहत इन परिवारों को मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाता है।

5. आपदा में अवसर

आत्मनिर्भर भारत अभियान: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई 2020 में ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के तहत कोविड-19 महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज की घोषणा की थी, जोकि भारत भारत की जीडीपी के लगभग 10% के बराबर है। मोदी सरकार ने दूसरे और तीसरे राहत पैकेज को क्रमश: आत्मनिर्भर भारत अभियान 2.0 और 3.0 नाम दिया।

इस योजना की घोषणा करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि 21 वीं सदी के भारत के सपने को साकार करने के लिये देश को आत्मनिर्भर बनाना जरूरी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कोविड-19 महामारी के पैदा हुए संकट को एक अवसर के रूप में देखा चाहिए।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत तीन करोड़ किसानों को 4.22 लाख करोड़ रुपये का कृषि लोन दिया गया। सरकार ने बताया है कि मार्च और अप्रैल के बीच ₹86,600 करोड़ रुपये के 63 लाख लोन कृषि क्षेत्र में दिए गए ।

6. कृषि पर ध्यान

  1. किसानों के भले के लिए लाए गए तीन नए कृषि कानून भारत को गाँवों का देश कहा जाता है और आज भी देश की करीब 70 फीसदी आबादी कृषि कार्यों से जुड़ी है। देश की जीडीपी के लिए महत्वपूर्ण कृषि क्षेत्र के विकास के लिए मोदी सरकार ने 2020 में तीन नए कृषि कानूनों को मँजूरी दी। इनमें किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020; मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020 पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता; और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 समेत तीन नए कृषि कानून शामिल हैं।

इन कानूनों का उद्देश्य किसानों को अपनी उपज की बेहतर कीमत दिलाने और मंडियों पर उनकी निर्भरता कम करने के साथ ही कॉन्ट्रैक्ट खेती जैसी विधियों से उनके लिए कमाई के साधन बढ़ाना आदि हैं।

क्या हैं मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानून

  1. किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) अधिनियम 2020: इस कानून के मुताबिक, अब किसान अपनी उपज राज्यों द्वारा गठित कृषि उपज विपणन समितियों (एपीएमसी) की मंडियों के बाहर भी बेच सकता है। सरकार का कहना है कि इस कानून से किसान अपनी मर्जी से एपीएमसी की मंडियों के बाहर भी अपने उत्पाद अपनी मनमर्जी से कहीं ऊँची कीमत पर बेच पाएँगे, इससे उन्हें ही ज्यादा फायदा होगा।

मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020 पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता: इस कानून का उद्देश्य कॉन्ट्रैक्ट खेती को बढ़ावा देना है। इसके मुताबिक, कोई निजी कंपनी या ठेकेदार एक निश्चित राशि के बदले अपने हिसाब से खेत में फसल उत्पादन के लिए किसान के साथ करार करेगा।

आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून: इस कानून में अनाज, दालों, आलू, प्याज और खाद्य तेल जैसे खाद्य पदार्थों को आवश्यक वस्तुओं की सूची से बाहर करने का प्रावधान है। इसके बाद युद्ध व प्राकृतिक आपदा जैसी आपात स्थितियों को छोड़कर स्टॉक करने की कोई सीमा नहीं रह जाएगी।

7.पूर्वोत्तर के विकास के लिए बनाई नई राह

विकास के मामले में पिछड़े माने जाने वाले पूर्वोत्तर राज्यों के विकास के लिए मोदी सरकार ने कई योजनाओं की घोषणा की। मोदी सरकार पूर्वोत्तर में इंफ्रास्ट्रक्चर से उद्योग धंधों के विकास को लेकर काम कर रही है। मोदी सरकार अब तक पूर्वोत्तर में रेल नेटवर्क के विकास पर 10 हजार करोड़ रुपएखर्च कर चुकी है। यही नहीं यहाँ सड़कों के निर्माण पर भी ध्यान दिया जा रहा है जिसमें 10 हजार करोड़ रुपए की लागत से 1,000 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हो रहा है।

मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर के 19 जलमार्गों को राष्ट्रीय जलमार्ग के रूप में विकसित करने की घोषणा की है। पूर्वोत्तर राज्यों में दो बड़ी बिजली परियोजनाओं पर काम चल रहा है, जिन पर 10 हजार करोड़ रुपए की लागत आएगी। साथ ही मोदी सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए 5,300 करोड़ रुपए की लागत से एक व्यापक दूरसंचार योजना लागू कर रही है।

मोदी सरकार के पिछले 7 साल के कार्यकाल के दौरान लिए गए इन फैसलों से देश, समाज और हर तबके का भला हुआ है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

Abhishek Pandey
Abhishek Pandey
राम की नगरी अयोध्या से। पत्रकारिता का सफर पिछले 9 सालों से जारी। सीखने की ललक और बेहतर बनने की कोशिश हर दिन कुछ करने को प्रेरित करती है।

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बच्चा अगर पोर्न देखे तो अपराध नहीं भी… लेकिन पोर्नोग्राफी में बच्चे का इस्तेमाल अपराध: बाल अश्लील कंटेंट डाउनलोड के मामले में CJI चंद्रचूड़

सुप्रीम कोर्ट ने चाइल्ड पॉर्नोग्राफी से जुड़े मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।

मोहम्मद जमालुद्दीन और राजीव मुखर्जी सस्पेंड, रामनवमी पर जब पश्चिम बंगाल में हो रही थी हिंसा… तब ये दोनों पुलिस अधिकारी थे लापरवाह: चला...

चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में रामनवमी पर हुई हिंसा को रोक पाने में नाकाम थाना प्रभारी स्तर के 2 अधिकारियों को सस्पेंड किया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe