हमेशा अपनी घृणास्पद टिप्पणियों के लिए विवादों में रहने वाले चंद्रागुट्टा के विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर से विवादित बयान दिया है। एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष आज सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन डाल रहा है, इसका मतबल यह है कि 70 बरस की नाइंसाफ़ी के बाद भी उन्हें इंसाफ़ पर यक़ीन है। लेकिन यह तो बहुत ही सभ्य वक्तव्य है… विवादित और जहरीला सुनने के लिए वीडियो को थोड़ी देर और सुनिए।
https://platform.twitter.com/widgets.jsQayamat tak Babri Masjid thi, hain aur rahegi. – Akbaruddin Owaisi https://t.co/MxOM7ZeEXP
— AIMIM (@aimim_national) December 6, 2019
अपने तल्ख़ अंदाज़ में ओवैसी ने कहा कि मुस्लिमों के साथ कहाँ-कहाँ नाइंसाफ़ी नहीं हुई। पढ़ाई-लिखाई से लेकर नौकरियों और अधिकारों को लेकर भी नाइंसाफ़ी हुई है। अपने क्षेत्र का हलावा देते हुए उन्होंने कहा कि वहाँ भी आधारभूत आवश्यकताओं को लेकर नाइंसाफ़ी होती है। इसके आगे उन्होंने कहा कि मुस्लिमों की बस्तियों में स्कूल और बैंक होने की जगह वहाँ पुलिस स्टेशन बनाए जाते हैं। यह सब नाइंसाफ़ी है।
ओवैसी ने कहा कि मुस्लिमों के साथ इतनी नाइंसाफियाँ होती हैं, बावजूद इसके हमें इंसाफ़ पर यक़ीन है। इसी यक़ीन को आधार बनाते हुए मुस्लिम पक्ष अयोध्या मामले पर आए फ़ैसले के ख़िलाफ़ रिव्यू पिटिशन दाखिल करने के लिए प्रेरित कर रहा है। लोगों को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा, “हमको इस मुल्क़ के दस्तूर पर भरोसा है, हमको इस मुल्क़ की अदालत पर भरोसा है। इसको ग़लत नज़र से न देखें। हमारे बुज़ुर्गों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फ़ैसला होगा उसे मानेंगे।”
सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर बात करते-करते उन्होंने रिव्यू पिटिशन के बारे में कहा… और यहीं पर उन्होंने जहर भी उगला। एक तरह से सुप्रीम कोर्ट को चुनौती भी दे डाली।
“रिव्यू पिटिशन पर जो भी फ़ैसला होगा, वो चाहे हमारे हक़ में आए या न आए, हमको वो फ़ैसला भी क़बूल है। लेकिन, यह भी एक हक़ीक़त है कि क़यामत तक बाबरी मस्जिद जहाँ थी, वहीं रहेगी। चाहे वहाँ पर कुछ भी बन जाए। वो मस्जिद थी, मस्जिद है… मस्जिद ही रहेगी।”
बता दें कि नवंबर के महीने में हैदराबाद की 16वीं अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने सैदाबाद पुलिस को जुलाई 2019 के दौरान करीमनगर में एक सार्वजनिक बैठक के दौरान घृणास्पद भाषण के लिए विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था।
शहर के एक वकील के करुणासागर ने 1 अगस्त को उक्त न्यायालय के समक्ष एक याचिका दायर की थी। इसमें आरोप लगाया गया कि चंद्रांगुट्टा के विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी ने करीमनगर में एनएन गार्डन फंक्शन हॉल में 23 जुलाई को एक सार्वजनिक सभा ‘जलसा-ए-यादे फखर-ए-मिलात’ के दौरान जहरीले और नफरत फैलाने वाली भाषा का प्रयोग किया था।
एक जनसभा के दौरान विवादित बयान देते हुए उन्होंने कहा था, “हम 25 करोड़ हैं और तुम (हिन्दू) 100 करोड़ हो, 15 मिनट के लिए पुलिस हटा दो, देख लेंगे किसमें कितना दम है।” इसके आगे उन्होंने कहा था, ”लोग उन्हीं को डराते हैं जो आसानी से डरते हैं। वह (RSS) क्यों हम से घृणा करते हैं। क्योंकि वह हमारा सामना 15 मिनट भी नहीं कर सकते हैं।”
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