Tuesday, March 19, 2024
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सीमावर्ती क्षेत्रों में डेमोग्राफी बदलाव को लेकर सतर्क रहें, जुटाएँ जानकारियाँ: राज्यों के पुलिस प्रमुखों से बोले अमित शाह, कई इलाकों में तेज़ी से बढ़े मुस्लिम

इसमें खासकर पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड के पुलिस प्रमुखों को विशेष निर्देश दिए गए हैं। सम्मेलन के समापन समारोह में बोलते हुए अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर जोर देते हुए कहा कि...

देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में लगातार हो रहे डेमोग्राफी बदलाव को लेकर अब केंद्रीय गृह मंत्रालय भी सख्त हो गया है। दो दिवसीय ‘राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति सम्मेलन (National Security Strategies Conference)’ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अधिकारियों को इस पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। अमित शाह ने सीमावर्ती राज्यों के पुलिस महानिदेशकों (DGP) को कहा है कि वो बॉर्डर एरियाज में हो रहे डेमोग्राफी बदलाव पर नजर रखें।

इसमें खासकर पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड के पुलिस प्रमुखों को विशेष निर्देश दिए गए हैं। सम्मेलन के समापन समारोह में बोलते हुए अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर जोर देते हुए कहा कि देश और युवाओं के भविष्य को लेकर लड़ाई मुख्य प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने DGP कॉन्फ्रेंस की रूपरेखा बदल दी है, जिसके बाद आतंरिक सुरक्षा की मजबूती और नई चुनौतियों से निपटने के लिए तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया जाता है।

उन्होंने पुलिस को निर्देश दिया कि सीमावर्ती जिलों में सभी तरह की तकनीकी और रणनीतिक जानकारियाँ हासिल की जाएँ। उन्होंने जम्मू कश्मीर में आतंकियों के सफाई और उत्तर-पूर्व में उग्रवादियों के प्रभाव को ख़त्म किए जाने को अपनी सरकार की सफलताओं में से एक गिनाया। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सभी राज्यों को आतंरिक सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने बॉर्डर पर स्थित जिलों की जानकारियों को एक-दूसरे से साझा किए जाने पर भी बल दिया।

सीमावर्ती क्षेत्रों में डेमोग्राफी बदलाव चिंताजनक

आपको जानकर हैरानी होगी कि उत्तर प्रदेश और असम के ऐसे इलाकों में अचानक से साल 2011 के बाद 32% मुस्लिम बढ़ गए जबकि पूरे राज्य में मिलाकर ये दर 10-15 प्रतिशत की है। कथिततौर पर सीमावर्ती इलाकों में मुस्लिम आबादी 20% तेजी से बढ़ी है और साथ ही इनके मजहबी स्थलों की गिनती में भी वृद्धि देखी गई है। नेपाल और बांग्लादेश से लगे इलाकों में ये बदलाव देखा जा रहा है। माँग की गई है कि बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 50 किमी से बढ़ाकर 100 किमी किया जाए ताकि उन्हें जाँच में आसानी हो।

यूपी और असम से पहले राजस्थान में भी अचानक से मुस्लिम आबादी में हुई वृद्धि सुरक्षा एजेंसियों की चिंता का कारण बनी थी। बीएसएफ अध्य्यन में सामने आया था कि राजस्थान के इलाकों में हुआ जनसांख्यिक बदलाव में अजीब सा फर्क था। जहाँ बाकी समुदाय के लोगों में केवल 8-10 फीसद आबादी बढ़ी मिली थी। वहीं मुस्लिमों की जनसंख्या 20-25 फीसद तेजी से बढ़े थे। इसके अलावा अचानक से ज्यादा बच्चों को मदरसों में जाता देखा गया था और ये भी पता चला कि पोखरण, मोहनगढ़ और जैसलमेर जैसे सीमा वाले इलाकों में अचानक देवबंद के मौलवी आने लगे जो समुदाय को कट्टरपंथ की तालीम देते थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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