पाकिस्तान के सहयोग से पंजाब में खालिस्तानी अलगाववाद को बढ़ावा देने वाले ‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख अमृतपाल सिंह को पुलिस लगातार खोज रही है। वेश बदलकर उसके भागने तक की आशंका जाहिर की जा रही है। हालाँकि, सुरक्षा एजेंसियाँ लगातार दबिश दे रही है। बठिंडा इलाके में उसके 70 समर्थकों को पुलिस ने जेल भेजा है। उधर, अमृतपाल के समर्थकों की गिरफ्तारी का कॉन्ग्रेस और अकाली दल विरोध कर रही है। गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (SGPC) भी सरकार की आलोचना कर रही है।
बठिंडा रेंज के ADGP सुरिंदर पाल सिंह परमार ने कहा, “हमने 70 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। हम अलर्ट पर हैं। स्थिति शांतिपूर्ण है। लोगों में विश्वास जगाने के लिए फ्लैग मार्च किया जा रहा है। लोगों ने हमें बहुत समर्थन दिया है और आशा है कि वे हमारा सहयोग करते रहेंगे।”
Punjab | In Bathinda range, we arrested 70 people and sent them to jail. We are on alert. The situation is peaceful. Flag march being done to instil confidence among people. People have supported us a lot & hope they will continue to cooperate with us: Surinder Pal Singh Parmar,… pic.twitter.com/biT5xuehd6
— ANI (@ANI) March 22, 2023
अमृतपाल के समर्थकों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का शिरोमणि अकाली दल और कॉन्ग्रेस विरोध कर रही है। अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने इन सिख युवकों को कानूनी मदद उपलब्ध कराने की बात कही है। वहीं, कॉन्ग्रेस के पंजाब अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने पंजाब के डीजीपी को पत्र लिखकर समर्थकों की गिरफ्तारी चिंता जताई है।
सुखबीर सिंह बादल ने अमृतपाल के समर्थकों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई को ‘अतिरिक्त संवैधानिक’ कार्रवाई बताया। बादल ने कहा कि केवल संदेह के आधार पर सिख युवकों की अंधाधुन कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने इन युवाओं को कानूनी मदद देने के लिए पार्टी के नेताओं को कहा है।
Shiromani Akali Dal has decided to provide complete legal assistance to all Sikh youth arrested in the ongoing extra-constitutional crackdown in Punjab and ensure their rights are not trampled upon by @AAPPunjab govt.
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) March 21, 2023
Helpline numbers are given below: pic.twitter.com/SHspqXPqLl
सुखबीर बादल ने अपने बयान में भगोड़ा अमृतपाल का जिक्र तक नहीं किया। ना ही उसे अलगववादी बताया और ना ही उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई का समर्थन किया। वहीं, अकाली दल के नेता विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा कि अमृतपाल के समर्थकों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाने का विरोध करते हुए उसे वापस लेने की माँग की।
कॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष वडिंग ने कहा कि पार्टी चरमपंथियों के खिलाफ नरमी का समर्थन नहीं करती। इसके साथ ही उन्होंने जोड़ा कि भटके के नौजवानों के पुनर्वास की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस बड़े पैमाने पर सिख युवकों को अमृतपाल का समर्थक बताकर पकड़ रही है, जो कि चिंता का विषय है।
उधर, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC), अमृतसर भगोड़ा अमृतपाल एवं अन्य गिरफ्तार खालिस्तानियों के समर्थन में उतर आई है। SGPC के अधिकारियों द्वारा जारी किए गए कई बयानों में अमृतपाल का सीधे तौर पर अमृतपाल का नाम नहीं लिया गया, लेकिन सिख युवाओं के खिलाफ कार्रवाई की आलोचना की।
19 मार्च 2023 को दिए गए अपने पहले बयान में एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा था, “पंजाब पुलिस और [पंजाब और हरियाणा] उच्च न्यायालय द्वारा नियम निर्धारित किए गए हैं कि अगर प्राथमिकी दर्ज की जाती है तो किसी को गिरफ्तार करने के लिए कदम उठाए जाएँगे। मेरा मानना है कि कल से अब तक की गई कार्रवाई से जनता में दहशत का माहौल है। बसों को रोक दिया गया है। धारा 144 लगा दी गई है। इंटरनेट को निलंबित कर दिया गया है।”
ਪੰਜਾਬ ‘ਚ ਸਰਕਾਰਾਂ ਨੂੰ ਡਰ ਦਾ ਮਹੌਲ ਨਹੀਂ ਸਿਰਜਣਾ ਚਾਹੀਦਾ: ਐਡਵੋਕੇਟ ਹਰਜਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਧਾਮੀ
— Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee (@SGPCAmritsar) March 19, 2023
Govts should not create atmosphere of fear in Punjab: Harjinder Singh Dhami, SGPC President@PTI_News @ANI @thetribunechd @iepunjab @TOIChandigarh @the_hindu @IndiaToday @TimesNow @ndtv @BaazNewsOrg pic.twitter.com/F4MSZKl1Lb
इसके बाद SPGC ने एक आधिकारिक बयान जारी किया। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा, “सरकारों को लोकतांत्रिक तरीके से अपने अधिकारों के लिए बोलने वाले युवाओं के उत्पीड़न और अवैध हिरासत की प्रथा को अपनाने से बचना चाहिए, क्योंकि पंजाब ने पहले ही बहुत कुछ झेला है और बेहतर भविष्य की ओर बढ़ने के लिए अब यह आवश्यक है।”
SGPC ने दावा किया कि युवा (अमृतपाल और उनके सहयोगी) ‘लोकतांत्रिक तरीके से अपने अधिकारों के लिए बोलते हैं’। हालाँकि, इनके दावों के उलट वे पूरे राज्य में बंदूक और तलवार जैसे हथियार लहराते नजर आए। रिपोर्टों से पता चलता है कि अमृतपाल नशामुक्ति केंद्रों की आड़ में एक निजी मिलिशिया बना रहा था। जाँच के दौरान पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी ISI और आतंकवादी संगठन टसिख फॉर जस्टिस’ के साथ उसके संबंध सामने आए।
ਸਿਆਸੀ ਮੁਫਾਦਾਂ ਕਾਰਨ ਪੰਜਾਬ ‘ਚ ਦਹਿਸ਼ਤ ਦਾ ਮਾਹੌਲ ਸਿਰਜਣ ਤੋਂ ਗੁਰੇਜ਼ ਕਰਨ ਸਰਕਾਰਾਂ: ਗਿਆਨੀ ਹਰਪ੍ਰੀਤ ਸਿੰਘ, ਜਥੇਦਾਰ, ਸ੍ਰੀ ਅਕਾਲ ਤਖ਼ਤ ਸਾਹਿਬ
— Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee (@SGPCAmritsar) March 19, 2023
For political interests, Governments should refrain from creating an atmosphere of terror in Punjab: @J_Harpreetsingh#Jathedar #SriAkalTakhtSahib #Sikhs pic.twitter.com/K4mJxBvfZ0
उन्होंने सरकार पर सिख युवकों को बलि का बकरा बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “इस प्रसंग को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि सिख युवकों में सरकारों द्वारा भेदभाव और ज्यादतियों के खिलाफ काफी असंतोष पनपा है, लेकिन बड़ी ताक़तें ऐसी भी हैं जो लगातार सिख युवाओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर उन्हें दिशाहीन और बलि का बकरा बनाने के अवसरों की ताक में रहती हैं।”
इसके बाद 20 मार्च 2023 को धामी ने एक और बयान जारी किया। इसमें उन्होंने कहा, “बिना किसी आरोप के मनगढ़ंत कहानियाँ बनाकर युवकों को गिरफ्तार करना राज्य के हित में नहीं है। पंजाब ने कई कालखंड देखे हैं और यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य की वर्तमान सरकार ने स्थिति में एक और अध्याय जोड़ दिया है।” उन्होंने पुलिस कार्रवाई का विरोध किया।
ਬੇਕਸੂਰੇ ਸਿੱਖ ਨੌਜੁਆਨਾਂ ਦੀ ਫੜੋ ਫੜਾਈ ਬੰਦ ਕਰੇ ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ: ਸ. ਹਰਜਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਧਾਮੀ
— Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee (@SGPCAmritsar) March 20, 2023
Punjab government should stop arresting innocent Sikh youths: Harjinder Singh Dhami@PunjabGovtIndia pic.twitter.com/FHCqaXjLPJ
श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार हरप्रीत सिंह ने 21 मार्च 2023 को कहा, “ऐसा लग रहा है कि सरकार जनता के बीच अनावश्यक दहशत पैदा कर रही है। इंटरनेट ठप है और इस वजह से लोगों के बीच गलत सूचनाएँ फैल रही हैं। लोगों तक सही जानकारी नहीं पहुँच रही है। इसी तरह का दुस्साहस तत्कालीन सरकार ने तीन दशक पहले किया था। सिखों और देश के बाकी हिस्सों ने इसके प्रभावों का सामना किया। सिखों की छवि खराब करने, पंजाब को नुकसान पहुँचाने और राजनीतिक फायदे के लिए इसी तरह की योजना चलाई जा रही है। 16-17 साल की उम्र के सिख युवाओं को अवैध रूप से हिरासत में लिया जा रहा है।”
बता दें कि अमृतपाल और उसके समर्थकों को लेकर लोगों में गलत सूचनाएँ प्रसारित की जा रही थीं। इसको ध्यान में रखते हुए और आम लोगों में किसी तरह की दहशत पैदा ना हो, सरकार ने इंटरनेट सेवा पर कुछ समय के लिए रोक लगा दी। हालाँकि, हरप्रीत सिंह ने इस कदम की आलोचना की।
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਮੌਜੂਦਾ ਹਾਲਾਤ ‘ਤੇ ਜਥੇਦਾਰ ਸ੍ਰੀ ਅਕਾਲ ਤਖ਼ਤ ਸਾਹਿਬ ਗਿਆਨੀ ਹਰਪ੍ਰੀਤ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਕਰਮ@J_Harpreetsingh #ਜਥੇਦਾਰ #ਸ੍ਰੀਅਕਾਲਤਖ਼ਤਸਾਹਿਬ pic.twitter.com/0TPq7vAqYa
— Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee (@SGPCAmritsar) March 21, 2023
उन्होंने कहा, “पंजाब को स्थिर करना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह एक सीमावर्ती राज्य है। अगर वह [सरकार] राज्य को स्थिर करना चाहती है तो उसे सिखों के साथ बैठकर बात करनी होगी। उन्होंने सिखों की समस्याओं का समाधान किया है। अगर सरकार इस तरह का आतंक पैदा करती रही तो राज्य और देश शांतिपूर्ण नहीं रह सकता। सिख युवाओं, खासकर जो युवा के खिलाफ कार्रवाई बंद होनी चाहिए।”