Saturday, July 27, 2024
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‘नहीं हटना चाहिए मथुरा का शाही ईदगाह मस्जिद’ – कॉन्ग्रेस नेता ने की श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति याचिका की निंदा

"अगल-बगल में मंदिर-मस्जिद होने से भावनात्मक एकता बढ़ती है। इस मामले को उठाने वाले लोग बाहरी हैं। मथुरा में मंदिर-मस्जिद का कोई विवाद ही नहीं है।" - 2019 लोकसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस से लड़ चुके नेता महेश पाठक ने...

उत्तर प्रदेश के मथुरा में स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि को मुक्त कराने का मामला दिन पर दिन गर्माता जा रहा है। कहा जा रहा है कि शाही ईदगाह मस्जिद कहाँ स्थित है, वहीं पर कंस के कारगर में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। रविवार (सितम्बर 27, 2020) को कॉन्ग्रेस नेता की अध्यक्षता वाले एक संगठन ने उस याचिका की निंदा की है, जिसमें मथुरा कोर्ट से श्रीकृष्ण जन्मभूमि में अतिक्रमण से मुक्ति की माँग की गई है।

‘अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा’ ने उन लोगों की आलोचना की है, जो 17वीं शताब्दी की मस्जिद को हटाने की माँग लेकर कोर्ट पहुँचे हुए हैं। संगठन ने कहा कि मथुरा के शांति-सद्भाव को बिगाड़ने के लिए इस तरह से मुद्दे उठाए जा रहे हैं। महासभा के अध्यक्ष और वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता महेश पाठक ने दावा किया है कि इस मामले में 20वीं सदी में ही समझौता हो चुका है, इसीलिए मथुरा में मंदिर-मस्जिद का कोई विवाद ही नहीं है।

उन्होंने इस मामले को उठाने वाले लोगों को बाहरी करार दिया। उन्होंने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर हुए अतिक्रमण पर बोलते हुए कहा कि अगल-बगल में मंदिर-मस्जिद होने से भावनात्मक एकता बढ़ती है और साथ ही दावा किया कि यहाँ दोनों समुदायों में परस्पर सद्भाव है। लखनऊ निवासी रंजना अग्निहोत्री समेत 6 लोगों ने कोर्ट से श्रीकृष्ण जन्मभूमि को अतिक्रमण-मुक्त करने की माँग की है।

शुक्रवार को मथुरा की एक अदालत में याचिका दायर कर के वकील विष्णु शंकर जैन ने माँग की है कि 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान एवं शाही ईदगाह प्रबंध समिति के बीच हुआ समझौता पूरी तरह गलत है और उसे निरस्त किया जाए। ज्ञात हो कि महेश पाठक मथुरा से कॉन्ग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। 2019 लोकसभा चुनाव में उन्हें मात्र 28,084 (2.55%) वोट ही मिले थे और भाजपा की हेमा मालिनी लगातार दूसरी बार विजयी हुई थीं।

बाबरी पक्षकार इकबाल अंसारी ने भी कहा है कि हिन्दू-मुस्लिम की राजनीति करने वाले इस मामले को तूल दे रहे हैं। उसने कहा कि चंद लोग मंदिर-मस्जिद विवाद को अपनी रोजी-रोटी के लिए चलते रहने देना चाहते हैं। उसने कहा कि हिन्दू-मुस्लिम न किया जाए तो हिंदुस्तान दुनिया में शिखर पर होगा। इसके लिए उसने बाबरी मस्जिद मामले का उदाहरण देते हुए कहा कि ये कोर्ट में 50 वर्ष चला। उसने मथुरा की मुक्ति की बात करने वालों को हिंदुस्तान की तरक्की रोकने वाला करार दिया।

उधर ‘बजरंग दल’ के संस्थापक विनय कटियार ने स्पष्ट किया कि जहाँ भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, मथुरा में उसी जगह पर आज मस्जिद खड़ी है। उन्होंने कहा कि उस मस्जिद का रास्ता श्रीकृष्ण जन्मभूमि से होकर जाता है। उन्होंने दावा किया कि इस पर दूसरे संप्रदाय के लोगों ने बलपूर्वक कब्ज़ा कर रखा है। उन्होंने कहा कि बिना किसी बड़े आंदोलन के प्रशासन की नींद नहीं खुलेगी, इसीलिए इसकी रूपरेखा बनानी पड़ेगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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