Saturday, July 27, 2024
Homeराजनीतिमिलिए खुशबू सुंदर से, जानिए क्यों कहा- राहुल गाँधी माफ करें, पर मैं कठपुतली...

मिलिए खुशबू सुंदर से, जानिए क्यों कहा- राहुल गाँधी माफ करें, पर मैं कठपुतली या रोबोट नहीं

"नई शिक्षा नीति 2020 पर मेरे विचार मेरी पार्टी से अलग हैं और मैं इसके लिए राहुल गाँधी से माफी माँगती हूँ। लेकिन मैं कठपुतली या रोबोट की तरह सिर हिलाने के बजाए तथ्यों पर बात करती हूँ। हर चीज पर हम अपने नेता से सहमत नहीं हो सकते हैं और एक नागरिक के तौर पर बहादुरी से अपनी राय रखने का साहस रख सकते हैं।"

34 साल बाद आई नई शिक्षा नीति का ज्यादातर तबकों में स्वागत हो रहा है। हालॉंकि कॉन्ग्रेस जैसे विपक्षी, मीडिया गिरोह और लिबरल बुद्धिजीवियों को यह भी नहीं पच रहा। इस बीच अभिनेत्री और कॉन्ग्रेस नेता खुशबू सुंदर ने पार्टी स्टैंड से हटकर नई नीति का समर्थन किया है।

खुशबू ने शिक्षा नीति को लेकर चार ट्वीट किए। पहले ट्वीट में उन्होंने कहा, “नई शिक्षा नीति 2020 पर मेरे विचार मेरी पार्टी से अलग हैं और मैं इसके लिए राहुल गाँधी से माफी माँगती हूँ। लेकिन मैं कठपुतली या रोबोट की तरह सिर हिलाने के बजाए तथ्यों पर बात करती हूँ। हर चीज पर हम अपने नेता से सहमत नहीं हो सकते हैं और एक नागरिक के तौर पर बहादुरी से अपनी राय रखने का साहस रख सकते हैं।”

दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि राजनीति सिर्फ हल्ला मचाने के लिए नहीं है। ये मिलकर काम करने का विषय है, जिसे भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री को समझना होगा। हम विपक्ष के रूप में इसे विस्तार से देखेंगे और इसकी कमियों को इंगित करेंगे।

उन्होंने आगे लिखा, “मैं सकारात्मक पहलुओं को देखना पसंद करती हूँ और नकारात्मक चीजों पर काम करती हूँ। हमें समस्याओं के समाधान की पेशकश करनी है न कि केवल आवाजें बुलंद करनी हैं। विपक्ष का मतलब देश के भविष्य के लिए काम करना भी है। मैं अटल जी की जिंदगी से एक अंश लेना चाहूँगी।”

अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा, “संघी ज्यादा खुश न हों। मैं बीजेपी में नहीं जा रही हूँँ। मेरी राय पार्टी से अलग है, लेकिन मैं खुद की सोच के साथ एक व्यक्ति हूँ। नई शिक्षा नीति में कुछ जगहों पर खामियाँ हैं, लेकिन मुझे अभी भी लगता है कि हम सकारात्मकता के साथ बदलाव को देख सकते हैं।”

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक ने बुधवार को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को मंजूरी देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है क्योंकि 34 साल तक देश की शिक्षा नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ था।

वहीं, नई शिक्षा नीति पर केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा कि इस नीति गुणवत्ता, पहुँच, जवाबदेही, सामर्थ्य और समानता के आधार पर एक समूह प्रक्रिया के अंतर्गत बनाया गया है। जहाँ विद्यार्थियों के कौशल विकास पर ध्यान दिया गया है, वहीं पाठ्यक्रम को लचीला बनाया गया है ताकि वे अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा का सफलतापूर्वक मुकाबला कर सके। उन्होंने कहा, “मुझे आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि नई शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से भारत अपने वैभव को पुनः प्राप्त करेगा।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -