Saturday, May 17, 2025
HomeराजनीतिPM मोदी को अपशब्द बोलने के मामले में फिर फँसे राहुल गाँधी: अब लगाने...

PM मोदी को अपशब्द बोलने के मामले में फिर फँसे राहुल गाँधी: अब लगाने होंगे अयोध्या कोर्ट के चक्कर

राहुल गाँधी कुछ समय पहले राफेल को लेकर लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर थे। इस दौरान उन्होंने लड़ाकू विमान से संबंधित दस्तावेज को स्कैम बताया था। वकील ने याचिका में जिक्र किया है कि राहुल गाँधी ने ना सिर्फ कागज को फर्जी बताया, बल्कि पीएम के लिए ‘चौकीदार चोर’ शब्द का इस्तेमाल भी किया था।

कॉन्ग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी के लिए उत्तर प्रदेश से बुरी खबर सामने आई है। अयोध्या जिले के एडीजे-प्रथम कोर्ट ने उन्हें राफेल मामले (Rafael) को लेकर नोटिस जारी किया है। राहुल गाँधी को 26 मार्च को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया गया है। यह निर्देश वकील मुरलीधर चतुर्वेदी की दायर याचिका के तहत दी गई है, जिसमें उन्होंने राहुल गाँधी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपशब्द कहने के आरोप लगाए हैं।

क्या बोले थे राहुल गाँधी

जानकारी के मुताबिक, राहुल गाँधी कुछ समय पहले राफेल को लेकर लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर थे। इस दौरान उन्होंने लड़ाकू विमान से संबंधित दस्तावेज को स्कैम बताया था। वकील ने याचिका में जिक्र किया है कि राहुल गाँधी ने ना सिर्फ कागज को फर्जी बताया, बल्कि पीएम के लिए ‘चौकीदार चोर’ शब्द का इस्तेमाल भी किया था।

सुप्रीम कोर्ट से माँग चुके हैं माफी

बता दें कि राफेल मामले को लेकर राहुल गाँधी पर ये पहला केस नहीं है। इससे पहले उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल की जा चुकी है। उन पर कोर्ट की अवमानना का आरोप लगा था। तब राहुल गाँधी ने हलफनामा दायर करके सुप्रीम कोर्ट से माफी माँग ली थी। उन्होंने हलफनामे में लिखा था कि उन्होंने जानबूझकर ऐसा नहीं किया। उनसे गलती हो गई। इसके लिए वह माफी चाहते हैं।

गौरतलब है कि राहुल गाँधी राफेल डील और कई मुद्दों को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर लगातार हमलावर रहे हैं। वो नोटबंदी पर भी सरकार को घेरने से पीछे नहीं रहे। इस दौरान भी उन्होंने केंद्र सरकार पर भ्रष्टाचार और पीएम मोदी को चौकीदार चोर कहकर संबोधित भी किया।

हाल ही में उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर हमला किया और कहा कि चीन भारत में प्रवेश करता है और हमारी जमीन हड़प लेता है। आप उन्हें क्या संदेश देते हैं? कि हम अपने रक्षा व्यय में वृद्धि नहीं करेंगे। आपने इसे 3000-4000 करोड़ रुपए बढ़ा दिया। आपने क्या संदेश दिया? आप भारत में प्रवेश कर सकते हैं और जो चाहें कर सकते हैं, हम अपने रक्षा बलों का समर्थन नहीं करेंगे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

240 पुस्तकें, 50 रिसर्च पेपर… स्वामी रामभद्राचार्य को ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ क्यों? जो 500 सालों में नहीं हुआ वो भी कर दिखाया: संत नहीं, पुरस्कृत...

स्वामी रामभद्राचार्य को 'ज्ञानपीठ पुरस्कार' क्यों? ये लेख उनके लिए नहीं है जो सवाल पूछ रहे, उन आम लोगों के लिए है जो उस गिरोह के भ्रमजाल का निशाना हैं। जिनका पढ़ने-लिखने से कोई वास्ता ही नहीं, वो क्या समझेगा कि 2 महीने की उम्र में अपने नेत्र खोने वाला शिशु कालांतर में 240 पुस्तकें और 50 शोधपत्र प्रकाशित कर देगा।

अब इकोनमी ही नहीं, डिफेंस सेक्टर में भी ग्लोबल पॉवर बनकर उभरा है भारत: ऑपरेशन सिंदूर में दुनिया ने देखा दम, नई डिफेंस पॉलिसी...

‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की सैन्य शक्ति, रणनीतिक क्षमता और राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन था। जो खुद पहल कर के निर्णायक कार्रवाई करता है।
- विज्ञापन -