जामिया मिलिया इस्लामिया में दिल्ली पुलिस की कथित बर्बरता को लेकर प्रियंका गाँधी ने इंडिया गेट पर केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ धरना दिया। उनके धरने में न तो भीड़ जुटी और न ही उन्हें जनसमर्थन मिला। इसका असर प्रियंका के चेहरे पर साफ झलक रहा था। हालत यह थी कि वे जब धरने पर बैठने के लिए इंडिया गेट पहुॅंची तो गिनती के ही नेता थे। इसके बाद उनके साथ धरने पर बैठी महिला कॉन्ग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने आनन-फानन में किसी को फोन लगाया और फटकारने वाले अंदाज़ में पूछा- “हमारे लीडर्स कहाँ हैं?” इसके बाद वो कहती हैं- “आओ भेजिए, वेणुगोपाल वगैरह को भेजिए। आप समझ गए न?”
इंडिया गेट पर प्रियंका गाँधी के धरने को लेकर जनता में तो उत्साह नहीं ही देखने को मिला। कॉन्ग्रेस नेता व कार्यकर्ता भी नहीं थे। इसलिए, प्रियंका ने फोन लगवा कर कर्नाटक कॉन्ग्रेस के प्रभारी किसी वेणुगोपाल को भेजने को कहवाया। कॉन्ग्रेस के ‘चुनावी वॉर रूम’ में सक्रिय रहने वाले वेणुगोपाल धरना स्थल पर पहुँचे तो ज़रूर लेकिन वे वहाँ पर ऊँघते हुए नज़र आए। यहाँ तक कि ख़ुद कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी भी ऊँघती नज़र आईं। नीचे संलग्न किए गए वीडियो में आप देख सकते हैं कि कैसे भीड़ न होने की वजह से नाराज़ प्रियंका ने फोन करवाया:
Here’s KC Venugopal ??? pic.twitter.com/7nKWRCmyxl
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) December 16, 2019
जामिया हिंसा पर सियासी रोटी सेंकने पहुॅंची प्रियंका गॉंधी के धरने की तस्वीरें और सुष्मिता देव के फोन कॉल का वीडियो सोशल मीडिया वायरल होते ही कॉन्ग्रेस की किरकिरी हो गई। हालॉंकि इस दौरान मोदी सरकार पर बरसने में प्रियंका ने कोई कमी नहीं की। उन्होंने कहा इस दौरान प्रियंका ने कहा कि ये लोकतंत्र है, तानाशाही नहीं है और छात्र लोकतंत्र का आधार हैं। प्रियंका ने गुंडों के सामने न झुकने की बात कही। प्रियंका ने जामिया में हुई घटना पर प्रधानमंत्री से जवाब माँगा। उन्होंने कहा कि पीएम को डूबती अर्थव्यवस्था पर बोलना चाहिए। उन्होंने कुलदीप सेंगर को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके विधायक ने एक महिला का बलात्कार किया और पीएम मोदी चुप रहे। प्रियंका ने कहा कि युवा इस देश की आत्मा हैं और सरकार ने देश की आत्मा पर प्रहार किया है।
बता दें कि जामिया नगर में संशोधित नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ चल रहा विरोध प्रदर्शन तब हिंसक हो उठा, जब उपद्रवियों ने शनिवार (दिसंबर 15, 2019) को 4 बसों में आग लगा दी और 100 से भी अधिक वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद पुलिस को जामिया कैम्पस में घुस कर स्थिति को नियंत्रित करना पड़ा। आम विधायक अमानतुल्लाह ख़ान भी भीड़ का नेतृत्व करते देखे गए। जहाँ आप सुप्रीमो अरविन्द केजरीवाल ने इस घटना की निंदा की, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली पुलिस पर ही आग लगाने का इल्जाम लगा दिया।