कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी विदेश में जाकर अफवाह उड़ाते हैं कि भारत की मौजूदा सरकार के शासन में देश में पत्रकारिता की स्वतंत्रता कम हो गई है। वे अपनी हर अमेरिकी यात्रा में इस बात को दोहराते रहे हैं, लेकिन राहुल गाँधी के टीम के लोग ही मनमाफिक सवाल नहीं पूछने पर पत्रकारों के साथ मारपीट करते हैं और उनके मोबाइल फोन छिन लेते है। इंडिया टुडे के पत्रकार के साथ अमेरिका में ऐसा हुआ था।
राहुल गाँधी की हालिया अमेरिका यात्रा के दौरान इंडिया टुडे के पत्रकार रोहित शर्मा के साथ ऐसा ही हुआ। उन्होंने इंडियन ओवरसीज कॉन्ग्रेस (IOC) के चेयरमैन सैम पित्रोदा से बांग्लादेश के हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा को लेकर सवाल किया तो वहाँ बैठे कॉन्ग्रेस समर्थक लोगों ने पत्रकार का मोबाइल फोन लिया और फुटेज को डिलीट करने के लिए धमकाने लगे।
कहा जा रहा है कि ऐसा करने वालों में राहुल गाँधी के निजी सचिव अलंकार भी शामिल थे। एक X यूजर अंकुर सिंह ने इसको लेकर पोस्ट किया है। उन्होंने कहा, “अलंकार ने इंटरव्यू रोक दिया। रिकॉर्डिंग डिलीट करने को कहा। पत्रकार ने मना कर दिया तो अलंकार ने उनका आईफोन छीन लिया और उनकी गर्दन पकड़ी। इसके बाद फोन को जबरन अनलॉक करके रिकॉर्डिंग डिलीट कर दी।”
🚨Press Freedom in Congress
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) September 13, 2024
Rahul Gandhi’s personal secretary Alankar misbehaved with India Today Journalist.
Reason- Journalist asked Sam Pitroda whether Rahul Gandhi will raise issue of Hindu Minorities in Bangladesh.
Alankar stopped the interview, told to delete the… pic.twitter.com/ej9zZJ9T68
इंडिया टुडे के पत्रकार रोहित शर्मा ने इस पूरे वाकये को बताया है। उन्होंने लिखा है कि वे 7 सितंबर 2024 को भारत के विपक्ष के नेता राहुल गाँधी की बहुप्रतीक्षित यात्रा को कवर करने के लिए अमेरिका के डलास स्थित टेक्सास गए थे। यहाँ राहुल गाँधी आने वाले थे और भारतीय प्रवासियों, छात्रों, प्रेस और कैपिटल हिल के नेताओं के साथ मुलाकात करने वाले थे।
शर्मा ने इंडिया टुडे पर लिखे अपने लेख में बताया, “अपनी तैयारी के हिस्से के रूप में मैंने इंडियन ओवरसीज कॉन्ग्रेस (IOC) के अध्यक्ष सैम पित्रोदा से संपर्क किया। मैंने पहले भी उनका साक्षात्कार लिया है। सैम इंटरव्यू देने के लिए तैयार हो गए। शाम करीब 7.30 बजे मैं टेक्सास के इरविंग में रिट्ज कार्लटन पहुँचा। वहाँ मुझे सैम के विला में ले जाया गया, जहाँ करीब 30 लोग बैठे थे, जिनमें भारत से आए कुछ लोग भी थे।”
इसके बाद पत्रकार शर्मा इंटरव्यू रिकॉर्ड करने के लिए अपना फोन सेट किया और राहुल गाँधी की यात्रा पर चर्चा करने लगे थे। इस दौरान सैम पित्रोदा ने उनके चार सवालों का सहजता से जवाब दिया। उन्होंने अंतिम सवाल पूछा कि ‘क्या राहुल गाँधी अमेरिकी सांसदों के साथ अपनी बैठकों के दौरान बांग्लादेश में मारे जा रहे हिंदुओं का मुद्दा उठाएँगे?’
इस सवाल का जवाब देने से पहले सैम पित्रोदा ने कहा, “यह राहुल और सांसदों पर निर्भर है कि वे तय करें कि क्या प्रासंगिक है। मैं उनकी ओर से नहीं बोल सकता लेकिन…।” इसी बीच वहाँ बैठे लोग हंगामा करने लगे। कमरे में मौजूद एक व्यक्ति ने चिल्लाकर कहा कि यह सवाल ‘विवादास्पद’ है। वहाँ मौजूद अन्य लोगों भी उस व्यक्ति के हाँ में हाँ मिलाई।
रोहित शर्मा ने कहा, “राहुल की टीम के एक सदस्य ने मेरा फ़ोन छीन लिया और चिल्लाने लगा- ‘बंद करो! बंद करो!, साक्षात्कार बंद करो!” उन्होंने आगे कहा, “सैम भी मेरी तरह घबराए हुए थे और लोगों से शांत रहने की अपील कर रहे थे। हालाँकि, राहुल गाँधी के टीम के लोगों एवं समर्थकों ने उनकी बात नहीं मानी और मेरी माइक छीनने लगे। मैंने विरोध किया और उन्होंने मोबाइल की रिकॉर्डिंग बंद कर दी।”
इस हंगामे के बीच ही सैम पित्रोदा को राहुल गाँधी से मिलने के लिए एयरपोर्ट ले जाया गया। हालाँकि, कमरे में कम से कम 15 लोग रह गए। रोहित ने आगे कहा, “उन्होंने मुझसे साक्षात्कार से अंतिम प्रश्न हटाने के लिए कहा। मैं उन्हें समझाता रहा कि प्रश्न में कुछ भी विवादास्पद नहीं है और उनकी हरकतें गलत हैं। इसके बावजूद वे अड़े रहे और मेरा फोन लेकर उसमें खोजबीन करने लगे।”
इसके बाद उन लोगों ने उस साक्षात्कार को पत्रकार की फ़ोटो लाइब्रेरी से डिलीट कर दिया, लेकिन वह डिलीट फ़ोल्डर में वह रह गया और उसे खोलने के लिए पत्रकार के फेस आईडी की जरूरत थी। रोहित ने बताया, “जब मैं वहाँ बैठा था तो दो आदमी मेरे बगल में खड़े थे। उनमें से एक ने चुपके से मेरा फ़ोन मेरे चेहरे के पास लाया और मेरी सहमति के बिना उसे अनलॉक कर दिया।”
इसके बाद उन्होंने डिलीट किए गए फ़ोल्डर से इंटरव्यू को डिलीट करना शुरू कर दिया। iCloud भी चेक किया। रिकॉर्डिंग के दौरान फ़ोन एयरप्लेन मोड में था। इसलिए वीडियो सिंक नहीं हो पा रहा था। इस तरह वे लगभग आधे घंटे तक हर तरह की हरकत करने के बाद शांत बैठ गए। हालाँकि, इसके बाद भी वे फोन नहीं लौटाए और उसे चार दिनों तक अपने पास रखा।
इस तरह इंडिया टुडे के वॉशिंगटन स्थित संवाददाता रोहित शर्मा के साथ राहुल गाँधी की टीम के लोगों ने जबरदस्ती की और प्रेस की स्वतंत्रता को हर तरह से कुचलने की कोशिश की। हालाँकि, रोहित के जिस सवाल को लेकर यह बवाल किया गया, उस सवाल को उनके ही एक मित्र ने राहुल गाँधी से पूछ लिया और कॉन्ग्रेस ने इसे अपने X हैंडल पर इसे पोस्ट भी किया।