नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के नाम पर देश भर में हुई हिंसा में कॉन्ग्रेस के कई नेता नामजद हुए हैं। लगातार वे तथ्य भी सामने आ रहे हैं जिससे पता चलता है कि एनपीआर, एनआरसी और डिटेंशन सेंटर के नाम पर कॉन्ग्रेस लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही। चौतरफा घिरी कॉन्ग्रेस की महासचिव प्रियंका गॉंधी ने शनिवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक नया सियासी बवंडर खड़ा करने की कोशिश की। लेकिन, जब तथ्य सामने आए तो उनके दावों की पोल खुल गई।
प्रियंका ने दावा किया कि वे पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी के परिवारवालों से मिलने जा रही थीं। रास्ते में पुलिस ने उनके काफिले को रोक लिया। एक महिला अधिकारी ने उनका गला दबाया और धक्का देकर गिरा दिया। प्रियंका गॉंधी से कथित बदसलूकी को लेकर कॉन्ग्रेस ने एक वीडियो भी जारी किया। दिलचस्प यह है कि इस वीडियो में प्रियंका गॉंधी के साथ कोई जोर-जबर्दस्ती नहीं दिखाई पड़ती। एक महिला अधिकारी प्रियंका गॉंधी के पास जाती हैं और उनसे बात करने की कोशिश करती हैं। थोड़ी देर बातचीत होने के बाद प्रियंका के साथ खड़े ‘गुंडे’ महिला अधिकारी के साथ धक्का-मुक्की करते दिखाई पड़ते हैं। वीडियो में कहीं भी महिला अधिकारी प्रियंका गॉंधी का गला पकड़ते या प्रियंका जमीन पर गिरती नजर नहीं आतीं, जैसा उन्होंने दावा किया था। कॉन्ग्रेस के इस वीडियो से जाहिर है कि प्रियंका जान-बूझकर झूठ बोल रही थीं ताकि सुर्खियॉं बटोर सके। दिलचस्प यह है कि इसके लिए प्रियंका से सवाल करने की बजाए मीडिया गिरोह महिला अधिकारी पर ही टूट पड़ा।
चाहे गला दबाओ या धक्का मारो
— Congress (@INCIndia) December 28, 2019
आवाज़ कभी न होगी कम।
कान खोल कर सुन लो हुकूमत
हम डटे रहेंगे, चाहे जितना कर ले सितम।
अजय बिष्ट सरकार के जबरदस्ती बल प्रयोग से न तो श्रीमती @PriyankaGandhi डरने वाली है और न ही कांग्रेस कार्यकर्ता। कांग्रेस जनता की आवाज उठाती रहेगी। #UPmeinGundaraj pic.twitter.com/kz2IWGLH8H
जिस महिला अधिकारी को निशाना बनाने की कोशिश की गई वें हैं सर्कल ऑफिसर डॉ. अर्चना सिंह। वे प्रियंका गाँधी की फ्लीट की प्रभारी थी। उन्होंने बताया, “इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। मैं उनकी (प्रियंका गाँधी) फ्लीट इंचार्ज थी। उनके साथ किसी ने भी अभद्रता नहीं की। मैंने सिर्फ अपनी ड्यूटी की। इस घटना के दौरान मेरे साथ धक्का-मुक्की की गई थी।” लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी ने भी प्रियंका के आरोपों को पूरी तरह नकार दिया। उन्होंने बताया कि इस संबंध में सीओ एमसीआर डॉ. अर्चना सिंह ने रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रियंका गाँधी पार्टी दफ्तर से गोखले मार्ग के लिए निकली थीं। उनकी फ्लीट तय रास्ते से न जाकर लोहिया पथ की तरफ जाने लगी। इस पर जब बातचीत की गई तो कोई सही जवाब नहीं मिला।
Dr Archana Singh, Circle Officer Lucknow: This is not true at all. I was her (Priyanka Gandhi Vadra) fleet in-charge. No one misbehaved with her at all, I only did my duty. I also was heckled with during the incident. https://t.co/YrvWOK6TY0 pic.twitter.com/4RHoOUy9kR
— ANI UP (@ANINewsUP) December 28, 2019
झूठ पकड़े जाने के बाद प्रियंका ने सफाई देते हुए कहा, “मैं दारापुरी के परिवार से मिलने जा रही थी। पुलिस ने बार-बार रोका। जब गाड़ी को रोका और मैंने पैदल जाने की कोशिश की तो मुझे घेर कर रोका और मेरे गले पर हाथ लगाया, मुझे गिरा भी दिया था एक बार।” हालॉंकि प्रियंका की सफाई में भी उनके दावे की तरह ही घालमेल है। पहले उन्होंने कहा था कि महिला अधिकारी ने गला दबाया। सफाई देते हुए कहा कि उनके गले पर हाथ लगाया। लेकिन, कॉन्ग्रेस की तरफ से जारी वीडियो में ऐसा कुछ नहीं दिखता।
Kalanidhi Naithini, Lucknow SSP: Singh has also written that whatever rumours are doing rounds on social media of heckling and strangulating Priyanka Gandhi Vadra are wrong. https://t.co/5IsyHvTWdJ
— ANI UP (@ANINewsUP) December 28, 2019