दिल्ली भाजपा के बड़े नेता और विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार प्रवेश सिंह वर्मा ने मुख्यमंत्री आतिशी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने अरविंद केजरीवाल के कार्यकाल में बनवाए गए ‘शीशमहल’ को जनता के लिए खोलने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा जनता जानना चाहती है कि आखिर यह शीशमहल कैसा दिखता है। उनके इस पत्र से पहले सामने आया है कि शीशमहल को बनाने में ₹33 करोड़ का खर्च किया गया। यह खर्च इसलिए बढ़ा क्योंकि इसमें स्पेशल मार्बल और परदे समेत तमाम सामान वह लगाया गया जो कई गुना महँगा था।
प्रवेश वर्मा ने यह पत्र 3 जनवरी, 2025 को लिखा था। इस पत्र में प्रवेश वर्मा ने कहा, “यह आपके संज्ञान में लाना चाहता हूँ कि पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक श्री अरविंद केजरीवाल के कार्यकाल में सरकारी आवास को विशेष रूप से सज्जित और भव्य रूप दिया गया था। इसे आम जनमानस में “शीशमहल” के नाम से जाना जा रहा है। नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र की जनता, जिन्होंने लगातार तीन बार श्री केजरीवाल को अपना विधायक चुना और विधानसभा भेजा, इस भवन को देखने की प्रबल इच्छा रखती है।”
केजरीवाल ने शीशमहल में बैठकर सत्ता की चमक में जनता को भुला दिया, अब @AtishiAAP क्या आप इसे जनता के लिए खोलेंगी? ‘शाही आवास’ पर जनता का हक है, या फिर यह सत्ता का सच करोड़ों के पर्दे के पीछे ही छिपा रहेगा?" pic.twitter.com/cKCSVhQV7D
— Parvesh Sahib Singh (@p_sahibsingh) January 5, 2025
उन्होंने आगे लिखा, “यह भवन अब केवल एक निवास स्थान नहीं, बल्कि दिल्ली के शासन और प्रशासन के इतिहास का एक महत्वपूर्ण प्रतीक बन चुका है। जनता इसे देखकर यह समझना चाहती है कि जिस स्थान पर उनके द्वारा चुने गए प्रतिनिधि ने अपने कार्यकाल का समय बिताया, वह कैसा है। मेरा आपसे निवेदन है कि इस “शीशमहल” को प्रातः 10 बजे से सांय 4 बजे तक जनता दर्शन के लिए खोला जाए, ताकि दिल्ली की जनता इसे नजदीक से देख सके।”
प्रवेश वर्मा ने कहा कि इससे जनता की अपेक्षाएँ पूरी हो सकेंगी और साथ ही पारदर्शिता आएगी। गौरतलब है कि शीशमहल उस सरकारी बंगले को नाम दिया गया है, जिसमें अक्टूबर, 2024 तक मुख्यमंत्री रहे अरविंद केजरीवाल रहा करते थे। इस घर का रेनोवेशन केजरीवाल ने ही अपने कार्यकाल में करवाया था।
इस रेनोवेशन में सामान्य से कहीं अधिक धनराशि खर्च हुई थी। इस रेनोवेशन के दौरान हर चीज पर दोगुना तिगुना पैसा खर्च किया गया। इस पर बीते साल एक टीवी चैनल ने खुलासा किया था। अब इंडियन एक्सप्रेस ने बताया है कि कैसे इसमें ₹33 करोड़ लगा दिए गए।
इंडियन एक्सप्रेस ने रविवार (5 जनवरी, 2025) को एक रिपोर्ट छापी है, इसमें CAG के हवाले से शीशमहल पर किए गए फालतू खर्च के बारे में बताया गया। CAG के मुखिया रहे गिरीश चन्द्र मुर्मू द्वारा तैयार की एक रिपोर्ट के आधार पर इंडियन एक्सप्रेस ने बताया है कि फ्लैग स्टाफ रोड स्थित इस बंगले में रेनोवेशन के लिए 2020 में ₹7.9 करोड़ का काम होना था। लेकिन ठेका होते-होते यह ₹8.62 करोड़ पहुँच गया। लेकिन जब काम 2022 में खत्म हुआ, तब जनता के टैक्स के ₹33 करोड़ से अधिक इस शीशमहल में लग चुके थे।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, CAG ने शीशमहल के ऑडिट में पाया है कि ₹33 करोड़ में से ₹18 करोड़ इसलिए खर्च हुए क्योंकि जो सामान असल में लगाया जाना था, उसकी जगह कहीं ज्यादा महँगा सामान लगाया गया। CAG की रिपोर्ट में ऐसे सामानों की लिस्ट दी गई है। इसमें निर्माण से जुड़े 198 सामान हैं जबकि 40 चीजें इलेक्ट्रिकल फिटिंग से जुड़ी हैं। यह भी बताया गया है कि 2 वर्षों में काम के दौरान PWD ने इसके लिए 5 अलग-अलग बार एस्टीमेट पेश किए।
CAG ने बताया है कि ₹1.87 करोड़ का खर्च तो केवल बाथरूम और जिम के सामान की फिटिंग पर कर दिया गया। CAG ने जहाँ उन सामानों की लिस्ट दी है जिन पर अधिक खर्च किया गया तो वहीं वह सामान भी बताए हैं जिनको जबरदस्ती लगाया गया। CAG के अनुसार, दीवाल पर लगने वाली टाइल पर ₹46 लाख, LED लाइट्स पर ₹45 लाख, LED पट्टियों पर ₹12 लाख, जमीन पर लगने वाली टाइल में ₹9 लाख खर्च किए गए। जबकि पंखे से लेकर लकड़ी और दरवाजे के हैंडल पर ₹2 लाख- ₹5 लाख तक अधिक खर्च हुए।
CAG की रिपोर्ट के अनुसार, ₹3 करोड़ से अधिक इंटीरियर, ₹61 लाख लिफ्ट और स्लाइडिंग दरवाजों तथा ₹2 करोड़ ऊँचे ग्रेड के पत्थर पर खर्च किए गए। यहाँ तक कि मॉड्यूलर किचन पर तक ₹65 लाख खर्च हुए। CAG ने यह भी बताया कि रिपोर्ट के लिए असल बिल देने में AAP सरकार ने आनाकानी की थी। काम के लिए दिए गए ठेकों पर भी प्रश्न उठाए गए हैं। यह रिपोर्ट अभी दिल्ली विधानसभा में पेश नहीं की गई है लेकिन इसके कुछ हिस्से बाहर आते ही बवाल मच गया है। इस रिपोर्ट का जिक्र पीएम मोदी ने अपनी रोहिणी की रैली में भी किया है।