दिल्ली में केंद्र की आयुष्मान भारत योजना को लेकर एक बार फिर विवाद गहरा गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने इस योजना को लागू करने से साफ इनकार करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। सरकार का कहना है कि आयुष्मान भारत योजना को लागू करना पहले से प्रभावी दिल्ली आरोग्य कोष (DAK) योजना को कमजोर करने जैसा होगा।
दिल्ली सरकार ने तर्क दिया है कि उसकी योजना अधिक व्यापक और प्रभावशाली है। आयुष्मान भारत योजना केवल दिल्ली की सीमित आबादी को लाभ पहुँचाएगी, जबकि DAK योजना हर नागरिक को मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराती है।
AAP सरकार ने अदालत को बताया कि केंद्र की प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) दिल्ली की केवल 12-15% आबादी को कवर करती है। इसके विपरीत, दिल्ली आरोग्य कोष योजना पूरे राज्य की जनता को लाभान्वित करती है। इस योजना के तहत मरीजों को राजधानी के किसी भी सूचीबद्ध निजी अस्पताल में मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है। सरकार ने कहा कि उनकी योजना पारदर्शी है और इसका प्रभाव ज्यादा दूरगामी है। DAK योजना न केवल दिल्लीवासियों को लाभ पहुँचाती है, बल्कि पड़ोसी राज्यों से इलाज के लिए आने वाले मरीजों को भी राहत देती है।
दिल्ली सरकार ने हलफनामे में इस बात पर जोर दिया कि राजधानी के सरकारी अस्पतालों का नेटवर्क बेहद मजबूत है। दिल्ली के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में इलाज करवाने वाले 30% से अधिक मरीज उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और बिहार जैसे पड़ोसी राज्यों से आते हैं। सरकार का दावा है कि यह आंकड़ा दिखाता है कि दिल्ली के अस्पतालों में दी जा रही स्वास्थ्य सेवाएँ, अन्य राज्यों में आयुष्मान भारत योजना के तहत उपलब्ध सुविधाओं से कहीं बेहतर हैं।
AAP सरकार ने इस याचिका को राजनीति से प्रेरित बताते हुए खारिज करने का आग्रह किया है। सरकार ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा केवल 10% सीटें जीत पाई थी, फिर भी वह अपनी नीतियों को जबरदस्ती थोपने की कोशिश कर रही है। सरकार का कहना है कि स्वास्थ्य नीति बनाना राज्य का विषय है और केंद्र की योजना को लागू करना दिल्ली के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप करने जैसा है।
दिल्ली सरकार ने यह भी कहा कि आयुष्मान भारत योजना पुरानी 2011 की जनगणना के आधार पर बनाई गई है, जो वर्तमान समय की जरूरतों के अनुसार अप्रासंगिक हो चुकी है। इस योजना के तहत बहुत से जरूरतमंद लोग लाभ से वंचित रह सकते हैं, जबकि DAK योजना ऐसी किसी सीमा से परे है और ज्यादा समावेशी है।
दिल्ली के भाजपा सांसदों ने हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने अदालत से माँग की है कि दिल्ली सरकार को आयुष्मान भारत योजना को लागू करने का निर्देश दिया जाए। भाजपा सांसदों का कहना है कि यह योजना पूरे देश में लागू हो चुकी है और दिल्ली के नागरिकों को भी इसका लाभ मिलना चाहिए।
बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने पिछले महीने दिल्ली सरकार और केंद्र को निर्देश दिया था कि वे 5 जनवरी तक आयुष्मान भारत योजना को लागू करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करें। कोर्ट ने कहा था कि जब 33 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश इस योजना को लागू कर चुके हैं, तो दिल्ली में इसे न लागू करना उचित नहीं है।