Tuesday, January 14, 2025
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क्या दिल्ली में फिर से दंगे करवाना चाहती थी AAP? जिस नाबालिग ने भेजे बम धमकी के 400+ ईमेल उसके माता-पिता का NGO अफजल गुरु समर्थक: BJP ने केजरीवाल से भी बताए लिंक

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, "यह महज संयोग नहीं है कि जब भी दिल्ली में विधानसभा चुनाव होते हैं, दंगे करके माहौल बिगाड़ने की कोशिश होती है। हम उत्तर पूर्वी दिल्ली और शाहीन बाग में हुए दंगों को नहीं भूले हैं।"

दिल्ली पुलिस ने मंगलवार (14 जनवरी 2025) को खुलासा किया कि पिछले कुछ महीनों से दिल्ली के स्कूलों को बम धमकियों वाले फर्जी ईमेल भेजने के मामले में उन्होंने आरोपी की पहचान कर ली है। स्पेशल सीपी (लॉ एंड ऑर्डर) मधुप तिवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इन धमकियों के पीछे एक नाबालिग का हाथ है, जिसने कुल 400 फर्जी ईमेल भेजे हैं। ये ईमेल दिल्ली के स्कूलों में अव्यवस्था फैलाने और पढ़ाई-लिखाई को बाधित करने का कारण बने। दिल्ली पुलिस के इस खुलासे के बाद बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर हमला बोला और कहा कि दिल्ली में चुनाव से पहले दंगे कराने की कोशिश होती है। BJP ने अरविंद केजरीवाल से भी मामले में सवाल पूछा है।

मधुप तिवारी ने कहा, “हमारी टीम ने 12 फरवरी 2024 से इन ईमेल की जाँच शुरू की थी। ये ईमेल स्कूलों में छुट्टियाँ कराने, परीक्षा स्थगित कराने और डर का माहौल बनाने का कारण बने। हमने शुरुआत में ईमेल सर्विस प्रोवाइडर्स से डेटा माँगा, लेकिन आरोपित ने वीपीएन का इस्तेमाल किया था, जिससे जाँच में दिक्कतें आई। 8 जनवरी 2025 को भेजे गए एक ईमेल से हमें टेक्निकल विंडो मिला और हमने ईमेल भेजने वाले व्यक्ति को ट्रेस कर लिया।”

दिल्ली पुलिस ने बताया कि उसने अपनी जाँच में पाया गया कि ईमेल भेजने वाला एक नाबालिग है, जिसने 400 से अधिक फर्जी ईमेल भेजे। पुलिस ने उसके लैपटॉप और मोबाइल की फोरेंसिक जाँच की, जिससे यह खुलासा हुआ कि वह अकेला ऐसा नहीं कर सकता था। उसके परिवार की जाँच करने पर पता चला कि उसके माता-पिता एक एनजीओ चलाते हैं, जिसका एक राजनीतिक दल से गहरा संबंध है। यह एनजीओ अफजल गुरु की फाँसी का विरोध करने वाले एक सिविल सोसाइटी समूह का हिस्सा भी रहा है।

स्पेशल सीपी (लॉ एंड ऑर्डर) मधुप तिवारी ने कहा, “जाँच में हमने पाया कि नाबालिग ने इन ईमेल को खुद भेजा, लेकिन हमें संदेह है कि इसके पीछे एक व्यापक साजिश हो सकती है। यह एनजीओ कई संवेदनशील मुद्दों पर एक विशेष राजनीतिक दल का समर्थन करता है और अफजल गुरु की फाँसी पर सवाल उठाता रहा है। हम डिजिटल सबूतों की गहराई से जाँच कर रहे हैं और राजनीतिक कनेक्शन के एंगल को भी देख रहे हैं।”

बीजेपी ने आम आदमी पार्टी से माँगा जवाब

इस मामले के खुलासे के बाद बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर तीखे आरोप लगाए। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि यह घटना बताती है कि कैसे आम आदमी पार्टी और उससे जुड़े एनजीओ देश के बच्चों के मन में जहर भर रहे हैं। उन्होंने कहा, “आतिशी के माता-पिता ने अफजल गुरु की दया याचिका पर हस्ताक्षर किए थे। यह एनजीओ उसी मानसिकता का हिस्सा है। हमें आम आदमी पार्टी से जवाब चाहिए कि क्या उनका इन गतिविधियों से कोई संबंध है। अगर नहीं है, तो वे स्पष्ट बयान दें।”

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि मैं अरविंद केजरीवाल से अपील करता हूँ कि वे सामने आएँ और आप को यह स्पष्ट करना चाहिए कि इन लोगों के साथ उनका क्या संबंध है। अगर नाबालिग यह सब कर रहे हैं, तो ऐसे NGO देश के बच्चों के दिमाग में किस तरह का जहर घोल रहे हैं?

त्रिवेदी ने यह भी कहा कि आप पार्टी के विधायकों पर रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाने में मदद करने के आरोप पहले ही लग चुके हैं। उन्होंने कहा, “दिल्ली सरकार के खिलाफ सबूतों की कड़ी जुड़ती जा रही है। क्या यह एनजीओ भी आप पार्टी की योजनाओं का हिस्सा है? अगर नहीं, तो अरविंद केजरीवाल और उनके सहयोगी इस पर सफाई दें।”

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “यह महज संयोग नहीं है कि जब भी दिल्ली में विधानसभा चुनाव होते हैं, दंगे करके माहौल बिगाड़ने की कोशिश होती है। हम उत्तर पूर्वी दिल्ली और शाहीन बाग में हुए दंगों को नहीं भूले हैं। अब एक नाबालिग के जरिए एक एनजीओ का नाम सामने आ रहा है और अफजल गुरु से कनेक्शन, इसमें आप और अरविंद केजरीवाल शामिल हैं।” बता दें कि 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंदू विरोधी दंगे हुए थे, जिसमें आम आदमी पार्टी से जुड़ा रहा ताहिर हुसैन मास्टरमाइंड था। वो उस समय आम आदमी पार्टी पार्टी के टिकट पर पार्षदी का चुनाव भी जीता था।

राजनीतिक संबंधों की जाँच जारी

पुलिस का कहना है कि इस मामले में अभी जाँच चल रही है। उन्होंने बताया कि आरोपित ने 7 अलग-अलग मौकों पर धमकी भरे ईमेल भेजे, जिनमें एक बार 250 स्कूलों को एक साथ बम की धमकी दी गई थी। नाबालिग को खुद भी याद नहीं है कि उसने कितनी बार ऐसे ईमेल भेजे। दिल्ली पुलिस ने यह भी जानकारी दी कि पिछले साल मई से दिसंबर तक दिल्ली के स्कूलों, अस्पतालों, एयरपोर्ट और एयरलाइंस को कुल 50 बार बम की धमकियाँ दी गईं। हर बार ये धमकियाँ फर्जी निकलीं, लेकिन उन्होंने प्रशासन और आम लोगों को परेशानी में डाला।

दिल्ली पुलिस के इस खुलासे के बाद सवाल यह है कि क्या इन फर्जी धमकियों के पीछे कोई बड़ा षड्यंत्र है और क्या राजनीतिक दलों और एनजीओ की मिलीभगत का इसमें कोई रोल है। पुलिस अब एनजीओ और उसके राजनीतिक संबंधों की गहराई से जाँच कर रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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