आप नेता प्रकाश जरवाल को डॉक्टर राजेन्द्र सिंह के सुसाइड केस में उनके साथी कपिल नागर समेत शनिवार (मई 9, 2020) को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद दिल्ली की कोर्ट ने उन्हें रविवार को 4 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया।
कोर्ट में जरवाल की पेशी के दौरान दिल्ली पुलिस ने दोनों आरोपितों से पूछताछ के लिए 10 दिन की रिमांड माँगी। जिसके बाद, विधायक के वकील इरशाद ने याचिका का विरोध किया।
इरशाद ने कहा कि इस मामले में आप नेता को जानबूझकर फँसाया गया है और वे जरूरत पड़ने पर पुलिस का सहयोग करने के लिए तैयार हैं। वहीं, दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील ने जरवाल के ऊपर लगे इल्जामों को संगीन बताया और कहा कि मामले में जाँच अपने प्राथमिक चरण पर है और दोनों आरोपितों से पूछताछ करना बाकी है।
दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट नितिका कपूर ने इस दौरान पुलिस की याचिका को मंजूर करते हुए आरोपितों को 4 दिन पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया।
इस मामले के संबंध में अदालत ने कहा कि आरोपितों को हिरासत में लेकर पूछताछ किया जाना जरूरी है। मजिस्ट्रेट ने कहा, “जाँच शुरुआती चरण में है और आरोपितों से जबरन वसूली के दस्तावेजों की बरामदगी और टैंकर माफिया की भूमिका सुनिश्चित होनी अभी बाकी है।”
बता दें, इससे पहले इस मामले में कोर्ट ने जरवाल और नागर के खिलाफ आठ मई को गैर जमानती वारंट जारी किया था और दोनों के गायब होने के कारण परिजनों से पूछताछ की जा रही थी।
डॉक्टर का सुसाइड नोट
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने 18 अप्रैल को दिल्ली के नेब सराय इलाके में 52 वर्षीय डॉक्टर राजेन्द्र सिंह ने फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मृतक के पास से एक 2 पेज का सुसाइड नोट मिला था जिसमें उन्होंने आत्महत्या के लिए इलाके के विधायक प्रकाश जरवाल और उनके सहयोगी कपिल को जिम्मेदार ठहराया था।
इसके अतिरिक्त पुलिस ने एक डायरी भी बरामद की थी, जिसमें लिखा था, “मेरा इस इलाके में एक क्लीनिक है और मेरे कुछ वाटर टैंकर दिल्ली जल बोर्ड में किराए पर चलते थे, लेकिन एमएलए प्रकाश जरवाल और उसका सहयोगी कपिल नागर मुझसे हर टैंकर के हिसाब से पैसे माँगने लगे। कुछ पैसे दिए भी गए लेकिन बाद में मेरे सभी टैंकर प्रकाश जरवाल ने दिल्ली जल बोर्ड से हटवा दिया।”
सुसाइड नोट में लिखा था, “टैंकरों को दिल्ली जल बोर्ड से हटवाने के बाद जब उन्हें ओखला के दिल्ली जल बोर्ड में लगवाया गया तो टैंकरों को वहाँ से भी प्रकाश जरवाल द्वारा हटवा दिया गया।” सुसाइड नोट के अनुसार प्रकाश जरवाल और उसके सहयोगी से उन्हें जान से मारने की धमकी भी मिल रही थी और धमकियों के कारण उनका जीना मुश्किल हो गया था।