Friday, April 19, 2024
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डिप्रेशन में नहीं थे मेरे पति, उन्हें जल्द ढूँढ कर लाएँ: बंगाल से लापता चुनाव अधिकारी की पत्नी ने लगाई गुहार

अर्णब रॉय चुनाव ड्यूटी के लिए अपने सरकारी आवास से बिप्रदास चौधरी पॉलिटेक्निक कॉलेज के लिए निकले लेकिन दोपहर बाद से उन्हें नहीं देखा गया। अर्णब का वाहन कॉलेज के बाहर पाया गया लेकिन...

पश्चिम बंगाल के नादिया ज़िले के रानाघाट से लापता चुनाव अधिकारी अर्नब रॉय की पत्नी अनिशा जैन ने कहा कि उनके पति अवसादग्रसित नहीं थे। सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें उन्होंने इस बात को पूरी तरह से नकार दिया कि उनके पति डिप्रेशन में थे। उन्होंने अपने पति को ढूँढने और न्याय की अपील भी की।

ख़बर के अनुसार, नदिया के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि 30 वर्षीय अर्णब रॉय नामक अधिकारी चुनाव ड्यूटी के लिए अपने सरकारी आवास से बृहस्पतिवार (18 अप्रैल) की सुबह बिप्रदास चौधरी पॉलिटेक्निक कॉलेज के लिए निकले लेकिन दोपहर बाद से उन्हें नहीं देखा गया। अधिकारी ने बताया कि अर्णब का वाहन कॉलेज के बाहर पार्क किया हुआ पाया गया।

जिला पुलिस ने बताया कि उनके दोनों मोबाइल फोन बंद थे और उनकी अंतिम लोकेशन नदिया ज़िले में शांतिपुर के पास बताई गई। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि शांतिपुर के बाद उनकी लोकेशन का पता नहीं चल पाया क्योंकि वहाँ से उनका फोन बंद आ रहा है।

जिला मजिस्ट्रेट के साथ भी हुआ था कुछ दिन पहले झगड़ा

प्रारंभिक जाँच में यह पता चला था कि रॉय का नदिया के ज़िला मजिस्ट्रेट सुमित गुप्ता के साथ कुछ दिनों पहले कथित रूप से झगड़ा हुआ था। गुप्ता और रॉय का झगड़ा निर्वाचन के सिलसिले में ड्यूटी को लेकर हुआ था। इस बीच आयोग ने रॉय की जगह नए अधिकारी को तैनात कर दिया। उल्लेखनीय है कि राणाघाट संसदीय क्षेत्र को तृणमूल कॉन्ग्रेस का गढ़ माना जाता है और वहाँ चौथे चरण में 29 अप्रैल को मतदान होगा।

गुप्ता ने झगड़े की बात से किया मना

गुप्ता से जब इस संबंध में संपर्क किया गया तो उन्होंने रॉय के साथ किसी प्रकार का झगड़ा होने से इनकार किया। गुप्ता ने पीटीआई को बताया था, “जिस किसी ने आपको यह सूचना दी है, उसने झूठी जानकारी दी है। हमारे बीच कुछ नहीं हुआ था। हमने उनकी तलाश के लिए पहल की है।” विफल खोज अभियान के बाद जिला प्रशासन द्वारा कृष्णानगर कोतवाली में उनके लापता होने की शिकायत दर्ज कराई गई थी।

पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा की कई ख़बरें

गुरुवार को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के शुरू होते ही, पश्चिम बंगाल से बड़े पैमाने पर लगातार राजनीतिक हिंसा और चुनावी हिंसा की ख़बरें सामने आईं। एक ख़बर यह भी आई थी कि राज्य के रायगंज निर्वाचन क्षेत्र में एक मुस्लिम बहुल गाँव के हिन्दू निवासियों को मतदान करने से रोक दिया गया था।

एक अन्य मामले में, दार्जिलिंग निर्वाचन क्षेत्र के चोपरा में व्यापक हिंसा देखी गई थी, जहाँ उपद्रवियों ने मतदाताओं को वोट डालने से रोकने की कोशिश की थी। एक अन्य घटना में, 22 वर्षीय भाजपा कार्यकर्ता शिशुपाल शाहिश की हत्या कर दी गई थी और उनके शव को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में एक पेड़ पर लटका दिया गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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