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Sunday, April 13, 2025
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दिग्विजय सिंह की हार के बाद पूर्व सरपंच को होना पड़ा टकला: भारी पड़ा कॉन्ग्रेस नेता की जीत को लेकर शर्त लगाना, पूरे गाँव के सामने मुँडवाने पड़े बाल

दिग्विजय सिंह को लेकर उनके समर्थक एकदम आश्वस्त नज़र आ रहे थे कि उनकी जीत होनी है। बैलास पंचायत के पूर्व सरपंच करण सिंह पँवार ने तो शर्त तक लगा ली थी।

लोकसभा चुनाव 2024 में मध्य प्रदेश में कॉन्ग्रेस की दुर्गति हुई है। भाजपा ने यहाँ क्लीन स्वीप किया और 29 में से 29 सीटें अपने नाम की। यहाँ तक कि जो छिंदवाड़ा पिछले 5 दशक से कमलनाथ का गढ़ बना हुआ था, वहाँ भी कॉन्ग्रेस को हार मिली। वहीं राजगढ़ से कॉन्ग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार दिग्विजय सिंह भी हार गए। दिग्विजय सिंह 10 वर्षों तक राज्य के CM रहे हैं। रोचक खबर ये है कि दिग्विजय सिंह की हार के कारण एक सरपंच को मुंडन कराना पड़ा।

राजगढ़ से दिग्विजय सिंह को 6.12 लाख वोट मिले, वहीं उनके प्रतिद्वंद्वी भाजपा के रोडमल नागर को 7.58 लाख मत प्राप्त हुए। इस तरह से दिग्विजय सिंह को 1.46 लाख वोटों के अंतर से हार मिली। रोडमल नागर लगातार तीसरी बार सांसद बने हैं, उन्होंने जीत की हैट्रिक लगाई है। दिग्विजय सिंह को लेकर उनके समर्थक एकदम आश्वस्त नज़र आ रहे थे कि उनकी जीत होनी है। बैलास पंचायत के पूर्व सरपंच करण सिंह पँवार ने तो शर्त तक लगा ली थी।

पँवार ने शर्त लगाई थी कि दिग्विजय सिंह सिंह अगर चुनाव है गए तो वो अपने सिर का मुंडन करा लेंगे। वहीं जिससे उन्होंने शर्त लगाई थी, उस ग्रामीण ने कहा था कि अगर रोडमल नागर की हार हो जाती है तो वो हमेशा के लिए गाँव छोड़ कर चला जाएगा। सब पूर्व सरपंच को हार के बाद पूरे गाँव के सामने अपना सिर मुँड़वाना पड़ा। माता मंदिर पर उनके मुंडन करने का वीडियो सोशल मीडिया में भी मजाकिया चर्चा का विषय बन रहा है।

जहाँ एक तरफ उत्तर प्रदेश में भाजपा 62 से सीधे 33 पर आ गई, वहीं मध्य प्रदेश ने उसकी लाज रखते हुए पूरी सीटें भगवा पार्टी की झोली में डाल दी। वहीं मध्य प्रदेश में एकमात्र सीट छिंदवाड़ा 2019 के लोकसभा सीट में कॉन्ग्रेस के खाते में गई थी, अबकी उनका गढ़ भी ढह गया। ग्वालियर से ज्योतिरादित्य सिंधिया और विदिशा से शिवराज सिंह चौहान केंद्रीय मंत्री भी बनने जा रहे हैं। वहीं इंदौर से शंकर लालवानी ने ने 10 लाख से भी अधिक वोटों से जीत दर्ज की।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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