वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश कर दिया है। उन्होंने इस बजट में कृषि क्षेत्र के लिए एक नई योजना का ऐलान किया है। इसका नाम प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना होगा। वित्त मंत्री ने कहा है कि इससे 1.7 करोड़ किसानों को फायदा होगा।
वित्त मंत्री ने शनिवार (1 फरवरी, 2025) को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया है। वित्त मंत्री ने कहा है कि इस योजना में राज्यों की सहायता से कृषि पर काम होगा। यह योजना सबसे पहले चरण 100 जिलों में चालू की जाएगी। यह वो जिले होंगे जहाँ कृषि क्षेत्र का विकास नहीं हुआ है।
इसके लिए पहले से चल रही कृषि योजनाओं को भी शामिल किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा है कि इससे कृषि क्षेत्र में रोजगार के मौके पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि इससे पलायन केवल एक विकल्प के रूप में रह जाएगा, ना कि मजबूरी होगा। इस योजना में फोकस महिलाओं और युवाओं पर होगा।
वित्त मंत्री ने तिलहन के क्षेत्र के लिए भी नए प्रावधान लाने का ऐलान किया है। सरकार अब दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए एक मिशन लॉन्च करेगी। यह 6 वर्षों में पूरा किया जाएगा। इसमें तुअर, उड़द और मसूर की डाल पर मुख्य फोकस होगा। केन्द्रीय एजेंसियाँ इन दालों की पूरी उपज की खरीद करेंगी।
इसके अलावा सरकार सब्जियों तथा फलों के लिए भी योजना लाएगी। इसके लिए भी एक नया प्रोग्राम चालू किया जाएगा। वित्त मंत्री ने ऐलान किया है कि बिहार के भीतर मखाना बोर्ड का गठन होगा। यह मिथिला क्षेत्र को सबसे अधिक फायदा देगा।
मखाना पैदा करने वालों को संगठित किया जाएगा। उनका किसान संगठन (FPO) बनाया जाएगा। अच्छे बीजों के लिए भी काम किया जाएगा। वित्त मंत्री ने बजट में ऐलान किया है कि मत्स्य उत्पादन के लिए भी सरकार काम करेगी, सबसे अधिक फोकस अंडमान निकोबार तथा लक्षद्वीप पर रहेगा।
सरकार किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा भी ₹3 लाख से बढ़ा कर ₹5 लाख कर देगी। इसके अलावा यूरिया का एक नया प्लांट असम में भी लगाया जाएगा।