Tuesday, November 5, 2024
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मुश्किल में राहुल गाँधी: MHA के बाद विदेशी नागरिकता मामला अब सुप्रीम कोर्ट में, नामांकन रद्द की माँग

याचिका में सवाल उठाया गया है कि यह जानते हुए कि राहुल गाँधी की नागरिकता ब्रिटेन की है, चुनाव आयोग द्वारा उनका नामांकन क्यों स्वीकार किया गया?

कॉन्ग्रेस पार्टी अध्यक्ष राहुल गाँधी की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। कभी वो अपने झूठ बोलने की आदत से विवादों में बने रहते हैं, तो कभी अपनी बचकानी हरक़तों से। फ़िलहाल, उन्हें लेकर जो सवाल उठ रहे हैं, वो उनकी विदेशी नागरिकता को लेकर हैं। प्रियंका गाँधी के भाई राहुल गाँधी की नागरिकता का प्रश्न अब सुप्रीम कोर्ट की दहलीज़ तक जा पहुँचा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, हिन्दू महासभा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाख़िल कर के उनकी ब्रिटिश नागरिकता पर आपत्ति जताई है और उनके नामांकर को रद्द करने की माँग की है।

हिन्दू महासभा की तरफ से जय भगवान गोयल ने यह याचिका दाखिल की है, जिस पर जल्द सुनवाई करने की माँग पर ज़ोर दिया गया। याचिका में यह सवाल भी उठाया गया है कि यह जानते हुए कि राहुल गाँधी की नागरिकता ब्रिटेन की है, चुनाव आयोग द्वारा उनका नामांकन क्यों स्वीकार किया गया?

बता दें कि राहुल गाँधी की ब्रिटिश नागरिकता और उनके नाम (राउल विंची) को लेकर पहले भी विवाद उठ चुके हैं। भारतीय गृह मंत्रालय ने बड़ा क़दम उठाते हुए राहुल गाँधी को नोटिस थमाकर उनकी विदेशी नागरिकता पर 15 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा है।

हाल ही में राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए ख़ुलासा किया था कि राहुल गाँधी ने एक प्राइवेट कम्पनी के रजिस्ट्रेशन काग़ज़ात में ख़ुद को ब्रिटिश नागरिक बताया था। ये कम्पनी लंदन में स्थित है। स्वामी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर राहुल गाँधी की भारतीय नागरिकता व संसद की सदस्यता समाप्त करने की माँग की थी।

राहुल गाँधी को गृह मंत्रालय द्वारा भेजा गया नोटिस

इन डॉक्यूमेंट्स के अनुसार, राहुल गाँधी बैकॉप्स लिमिटेड नामक कम्पनी के डायरेक्टर और सेक्रटरी थे। स्वामी ने ये डॉक्यूमेंट्स ब्रिटेन के कम्पनी लॉ अथॉरिटी से निकलवाने की बात कही थी। अब गृह मंत्रालय ने बड़ा क़दम उठाते हुए राहुल को भेजे गए नोटिस में पूछा है :

“मंत्रालय ने सांसद डॉक्टर सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा एक शिकायत प्राप्त की है। इसमें 2003 में लंदन में सूचीबद्ध कम्पनी ‘बैकॉप्स लिमिटेड’ का जिक्र करते हुए कहा गया है कि आप इसके डायरेक्टर और सेक्रटरी थे। इस कम्पनी का दर्ज पता – 51 सॉउथगेट स्ट्रीट, विंस्टर, हैम्पशायर, SO23 9EH है। 2005 एवं 2006 में फाइल किए गए कम्पनी के वार्षिक रिटर्न्स में आपकी जन्मतिथि 19/06/1970 दर्ज है और आपने ख़ुद को एक ब्रिटिश नागरिक बताया है। आप 15 दिनों के भीतर इस मामले को लेकर मंत्रालय को अपनी स्थिति स्पष्ट करें।”

कम्पनी केडॉक्युमेंट्स, जिसमें राहुल ने ख़ुद को ब्रिटिश बताया था

गृह मंत्रालय ने सुब्रह्मण्यम स्वामी की शिकायत की एक कॉपी भी नोटिस के साथ राहुल गाँधी को भेजी है। इससे पहले सुब्रह्मण्यम स्वामी के आरोपों का खंडन करते हुए कॉन्ग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा था कि राहुल गाँधी तभी से भारतीय नागरिक हैं, जब से उनका जन्म हुआ है। 2015 में जब सुब्रह्मण्यम स्वामी ने ये गंभीर आरोप लगाए थे, तब कॉन्ग्रेस ने कहा था कि ब्रिटिश सरकार से ज़रूर कोई ग़लती हुई है और वो उन्हें सुधार करने की अपील करेंगे। सवाल यह है कि अगर राहुल गाँधी ने ख़ुद को ब्रिटिश नागरिक बताया था, तो वह अमेठी के लिए नामांकन दाख़िल करते समय ख़ुद को भारतीय क्यों बताते हैं?

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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