Wednesday, May 1, 2024
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ब्लैकमेल नहीं, पीठ में छुरा नहीं, पैतृक संपत्ति नहीं… दिल्ली आने से पहले कर्नाटक CM पोस्ट पर शिवकुमार ने कॉन्ग्रेस आलाकमान को ललकारा भी, पुचकारा भी

सिद्धारमैया के साथ मुख्यमंत्री पद की शेयरिंग से जुड़े सवाल के जवाब में शिवकुमार ने कहा कि यह कोई बाँटने वाली संपत्ति नहीं है। जैसे भाई-बहन के बीच पैतृक संपत्ति का बँटवारा हो जाता है। यहाँ सवाल सरकार बनाने का है। कुर्सी बाँटने का नहीं।

224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे 13 मई 2023 को ही आ गए थे। कॉन्ग्रेस को स्पष्ट बहुमत भी मिल गया था। लेकिन पार्टी अभी तक यह तय नहीं कर पाई है कि कर्नाटक का मुख्यमंत्री कौन होगा। पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Siddaramaiah) और प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) दावेदार बताए जा रहे हैं। इस बीच दिल्ली आने से पहले शिवकुमार ने मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर आलाकमान को संदेश दे दिया है। इसमें उनके तेवर भी छिपे हैं। साथ ही कॉन्ग्रेस आलाकमान के प्रति अपने समर्पण की भी उन्होंने याद दिलाई है।

शिवकुमार ने कहा है कि सीएम पद पैतृक संपत्ति नहीं है जो किसी के साथ शेयर किया जा सके। साथ ही कहा है कि वे आलाकमान को न तो ब्लैकमेल करेंगे और न पीठ में छुरा घोपेंगे। उनका यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया है जब मीडिया में सीएम पद को लेकर कई तरह की खबरें चल रही है। कुछ रिपोर्टों का कहना है कि ज्यादातर विधायकों का समर्थन सिद्धारमैया को है। कुछ में बताया गया है कि शुरुआती दो साल सिद्धारमैया और फिर शिवकुमार सीएम होंगे। कुछ रिपोर्ट में सिद्धारमैया के सीएम और शिवकुमार सहित तीन डिप्टी सीएम की बात कही जा रही है।

कहा जा रहा है कि आज यानी 16 मई को कॉन्ग्रेस मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा कर सकती है। शिवकुमार भी दिल्ली आ रहे हैं। इससे पहले सोमवार को उन्होंने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए दिल्ली आने से इनकार दिया था, जबकि सिद्धारमैया पहले से दिल्ली में हैं।

शिवकुमार ने TOI को दिए इंटरव्यू में कहा है कि उन्होंने सोनिया गाँधी और कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से वादा किया था कि वह कर्नाटक में कॉन्ग्रेस को जीत दिलाएँगे। यह वादा पूरा हो गया है। अब उन्हें सारी चीजें तय करनी है। विधायकों के समर्थन सिद्धारमैया को होने से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा केवल एक नंबर है 135 विधायकों का जो कॉन्ग्रेस के पास है।

शिवकुमार ने कहा, “सिद्धारमैया के समर्थक अगर सपने देख रहे हैं तो उन्हें देखने से रोकने वाले वह कौन होते हैं? लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने भी एक सपना देखा है। यह सपना पार्टी की छवि को सुधारने और अच्छी व्यवस्था का है।” मुख्यमंत्री पद की शेयरिंग से जुड़े सवाल के जवाब में कहा कि यह कोई बाँटने वाली संपत्ति नहीं है। जैसे भाई-बहन के बीच पैतृक संपत्ति का बँटवारा हो जाता है। यहाँ सवाल सरकार बनाने का है। कुर्सी बाँटने का नहीं। शिवकुमार ने कहा, “जब पार्टी संकट में थी तब मुझे प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया। मैं पार्टी को इस मुकाम तक पहुँचाने में सफल रहा। अब सोनिया गाँधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के चरणों में 135 सीटें दे चुका हूँ। मुझे किसी ईनाम की उम्मीद नहीं है।”

वहीं, दिल्ली जाने के दौरान ANI से हुई बातचीत में उन्होंने कहा है, “हम सब एकजुट हैं। मैं किसी को बाँटना नहीं चाहता। भले ही वे मुझे पसंद नहीं करते। लेकिन मैं एक जिम्मेदार व्यक्ति हूँ। न तो पीठ में छुरा घोंपूँगा और ना ही ब्लैकमेल करूँगा। हमने कॉन्ग्रेस पार्टी को बनाया, हमने इस घर को बनाया। मैं इसका हिस्सा हूँ। एक माँ अपने बच्चे को सब कुछ देती है। सोनिया गाँधी हमारी आदर्श हैं। कॉन्ग्रेस हर किसी के लिए परिवार की तरह है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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