Monday, June 16, 2025
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‘IAS इफ्तिखारुद्दीन को मुस्लिम होने की वजह से बनाया निशाना’: धर्मांतरण गैंग से कनेक्शन मामले में SIT जाँच से भड़के ओवैसी

''उत्तर प्रदेश सरकार ने वरिष्ठ आईएएस के 6 साल पुराने वीडियो की जाँच करने के लिए एसआईटी (SIT) का गठन किया। यह वीडियो उस समय का है जब यह सरकार सत्ता में भी नहीं थी। इससे यह स्पष्ट है कि उन्हें धर्म के आधार पर निशाना बनाया जा रहा है।''

एआईएमआईएम (AIMIM ) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ IAS अधिकारी मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन का समर्थन किया है। हाल ही में मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन का धर्मांतरण गैंग से कनेक्शन सामने आया है। ओवैसी ने कहा, ”IAS को धर्म के आधार पर निशाना बनाया गया है। उन्हें मुस्लिम होने की वजह से निशाना बनाया गया।”

ओवैसी ने ट्वीट किया, ”उत्तर प्रदेश सरकार ने वरिष्ठ आईएएस के 6 साल पुराने वीडियो की जाँच करने के लिए एसआईटी (SIT) का गठन किया। यह वीडियो उस समय का है जब यह सरकार सत्ता में भी नहीं थी। इससे यह स्पष्ट है कि उन्हें धर्म के आधार पर निशाना बनाया जा रहा है।”

उन्होंने आगे लिखा, ”अगर पैरामीटर यह है कि किसी भी अधिकारी को धार्मिक गतिविधि से नहीं जोड़ा जाना चाहिए, तो कार्यालयों में सभी धार्मिक प्रतीकों/छवियों के इस्तेमाल पर रोक लगाएँ। यदि घर में अपने धर्म की चर्चा करना अपराध है तो सार्वजनिक धार्मिक उत्सव में भाग लेने वाले हर अधिकारी को दंडित करें। यह दोहरा मापदंड क्यों?”

हाल ही में उत्तर प्रदेश स्थित कानपुर के वरिष्ठ IAS इफ्तिखारुद्दीन के 3 वीडियो वायरल हुए हैं, जिसमें वो कथित रूप से मंडलायुक्त पद पर तैनाती के दौरान सरकारी आवास में मुस्लिम कट्टरपंथियों को बुलाकर धर्म परिवर्तन को बढ़ावा देने वाले पाठ पढ़ा रहे हैं। उन पर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए इस्लामी कट्टरता को बढ़ावा देने के आरोप लगे हैं। ‘मठ मंदिर समन्वय समिति’ ने इस बाबत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की थी।

गौरतलब है कि सीएम योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में यह प्रकरण आने के बाद वीडियो की जाँच के लिए SIT का गठन किया गया है। एसआईटी के अध्यक्ष डीजी सीबीसीआईडी जीएल मीणा हैं एवं सदस्य एडीजी कानपुर जोन भानु भास्कर हैं। यह मामले की जाँच करके 7 दिन में शासन को अपनी रिपोर्ट देंगे। इस प्रकरण पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी नाराजगी जताई है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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