Friday, October 4, 2024
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मारे गए दंगाइयों को जमीयत ने बताया ‘शहीद’, कानूनी सहायता का ऐलान: कहा – पैगंबर मुहम्मद का अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं

कासमी ने इस्लामिक प्रदर्शनकारियों को हर तरह की कानूनी सहायता देने का ऐलान किया है। कासमी ने कहा कि पैगंबर मुहम्मद का अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

नूपुर शर्माल (Nupur Sharma) के पैगंबर मुहम्मद पर कथित बयान के विरोध में 10 जून 2022 को जुमे की नमाज के दिन इस्लामिक कट्टरपंथियों ने झारखंड में राँची में (Ranchi Violence) जमकर हिंसा की। हिसा के दौरान पत्थरबाजी और गोलियाँ भी चलाई गई। हनुमान मंदिर में पत्थरबाजी और तोड़फोड़ की गई और पुलिस पर भी हमले किए गए गए। जवाबी कार्रवाई में कुछ दंगाइयों की मौत हो गई। रविवार (12 जून, 2022) को इस्लामिक संगठन जमीयत उलेमा ए हिन्द (Jamiat Ulema-e-Hind) ने मारे गए दंगाइयों को ‘शहीद’ करार दिया है।

इसके साथ ही इस्लामिक संगठन ने राँची के दंगाइयो को मुआवजा देने की माँग की है। जमीयत के महासचिव एम हकीमुद्दीन कासमी ने पुलिस पर मुस्लिम प्रदर्शनकारियों को सार्वजनिक रूप से मारने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार को घायलों के इलाज में मदद करनी चाहिए और मृतक के परिजनों को वित्तीय मुआवजा देना चाहिए। इससे पहले कॉन्ग्रेस के एमएलए इरफान अंसारी ने 50 लाख रुपए के मुआवजे की माँग की थी।

इसके साथ ही कासमी ने इस्लामिक प्रदर्शनकारियों को हर तरह की कानूनी सहायता देने का ऐलान किया है। कासमी ने कहा कि पैगंबर मुहम्मद का अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हमने शांति की अपील करने के लिए डीआईजी से मुलाकात की है और डीसीपी से मुलाकात करेंगे। हम डीजीपी, राज्यपाल और सीएम से भी मिलने की कोशिश कर रहे हैं। घटना की जाँच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है और डीआईजी के अनुसार एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट आ जाएगी।”

इस बीच अब मारे गए दंगाइयों के परिजनों ने दावा किया है कि वो प्रदर्शन में शामिल ही नहीं थे। मारे गए दोनों दंगाइयों की पहचान मोहम्मद मुदस्सिर कैफ़ी (22) और मोहम्मद साहिल (24) के रूप में हुई। उल्लेखनीय है कि राँची में हुई झड़पों में दो दर्जन से अधिक लोग मारे गए और दो दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे। घायल हुए 13 लोगों का इलाज रिम्स में किया जा रहा है।

आतंकियों के साथ खड़ा रहा है जमीयत

गौरतलब है कि इससे पहले हाल ही में जब वाराणसी ब्लास्ट के दोषी आतंकी वलीउल्लाह खान को कोर्ट ने फाँसी की सजा सुनाई थी तो जमीयत उसके समर्थन में खड़ा हो गया था। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी आतंकी वलीउल्लाह की फाँसी की सजा के खिलाफ हाई कोर्ट जाने की बात कही थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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