जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने NCERT की किताबों से मुगलों के चैप्टर हटाए जाने पर प्रतिक्रिया दी है। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि मुगलों का इतिहास नहीं मिटाया जा सकता। उन्होंने कहा कि किताबों से मुगलों के चैप्टर भले हटा दिए गए हों लेकिन लोग उन मुगल शासकों को कैसे भूलेंगे जिन्होंने हम पर 800 सालों तक हुकूमत की है।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग बाबर, अकबर, शाहजहाँ, औरंगजेब और जहाँगीर को कैसे भूलेंगे? जब लोग ताजमहल देखने जाएँगे तो क्या बताया जाएगा इसे किसने बनवाया? हुमायूँ के मकबरे और लाल किले को कैसे छिपाएँगे? एनसी अध्यक्ष ने कहा कि वे लोग अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं। हम रहें न रहें इतिहास रहेगा।
J&K | History cannot be erased. How can you forget Shah Jahan, Akbar, Humayun or Jahangir? During the 800 years of rule (by the Mughals), no Hindu, Christian or Sikh ever felt threatened. How to hide Red Fort, Humayun’s Tomb? It (centre) is shooting itself in the foot: NC chief… pic.twitter.com/Bz6d0qXAhc
— ANI (@ANI) April 8, 2023
एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम में हुए इस बदलाव का कई मुस्लिम नेता विरोध कर चुके हैं। 3 अप्रैल को सपा विधायक इकबाल महमूद ने कहा था कि मुगलों ने लंबे समय तक हिंदुस्तान में राज किया है। मुगलों का इतिहास पूरी दुनिया में पढ़ाया जाता है। देश की किताबों से मुगलों की जानकारी हटाने से कुछ नहीं होगा। महमूद ने आगे कहा था कि मुगलों ने भारत को ताजमहल, लाल किला, और कुतुब मीनार जैसी इमारतें दी हैं।
बता दें कि नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने 12वीं के पाठ्यक्रम में कई बड़े बदलाव किए हैं। ये बदलाव इतिहास, नागरिक शास्त्र और हिन्दी की किताबों में हुआ है। इतिहास की किताब से मुगल इतिहास से जुड़ी जानकारी हटाई गई है। वहीं हिंदी के पाठ्यक्रम से कविताएँ और पैराग्राफ हटाने का फैसला किया गया है। इसके अलावा 10वीं और 11वीं के पाठ्यक्रम से भी मुगल इतिहास से जुड़ी जानकारी हटाई गई है। सिलेबस में जो भी बदलाव किया गया है उसे मौजूदा शैक्षणिक सत्र यानी 2023-24 से ही लागू कर दिया जाएगा।