नागरिकता संशोधन कानून को लेकर मुस्लिम समुदाय को भड़काकर कॉन्ग्रेसी-वामपंथी या देश विरोधी ताकतें दंगा कराने की कोशिश में लगातार हिंसा भड़का रही हैं। पुलिस ने कई लोगों को हिंसा करने और भड़काने के आरोप में गिरफ्तार भी किया है। इसी बीच केरल के एक चर्च में क्रिसमस कैरौल गाते हुए क़रीब 14 लड़कों ने मुस्लिम टोपी पहनी और लड़कियों ने हिजाब। और हाँ, इन्होंने किसी भ्रम में ऐसा नहीं किया है। चर्च ने जानबूझकर ऐसा करवाया है, जो यह बेहद खतरनाक है।
सोशल मीडिया में यह वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है। प्रोपेगेंडा से भरे वीडियो वायरल करवाए भी जाते हैं। बता दें कि यह वीडियो केरल के पठानमथिट्टा के कोजेनचेरी के सेंट थॉमस मार थोमा चर्च में क्रिसमस समारोह का है।
इस वीडियो को “क्रिसमस: शरणार्थियों का उत्सव” कैप्शन के साथ सर्कुलेट किया जा रहा है।
इस वीडियो में, युवाओं को, मप्पीला पटु (mappila pattu) की धुन में क्रिसमस कैरोल गाते हुए देखा जा सकता है, जो कि मुस्लिम समुदाय द्वारा गाए जाने वाले पारम्परिक गीत है। इस वीडियो में लड़कियों को ताली बजाते हुए देखा जा सकता है।
The News Minute की ख़बर के अनुसार, चर्च के फ़ादर डैनियल टी फिलिप, सहायक विकर, बताते हैं कि क्रिसमस के उत्सव के दौरान युवाओं द्वारा पहनी गई मुस्लिम पोशाक CAA के ख़िलाफ़ आंदोलन के प्रति एकजुटता व्यक्त करने का ज़रिया है। बेहतर होता चर्च के फादर धर्म स्थान से धर्म की बात करते राजनीति की नहीं। हालाँकि धर्म-परिवर्तन में लिप्त रहने वाले चर्च से इस तरह की आदर्श बातें बेमानी ही है!
This is India, no one can stop the unity of our religions. Please see how these youngsters appeared in their X’mas carol service in solidarity with Indian Muslims and protest against CAA&NRC. This was part of their Christmas carol service in Marthoma Church, Kozhenchery, Kerala. pic.twitter.com/CQjHb4GULn
— Jijoy (@jijoy_matt) December 25, 2019
फादर डैनियल ने यह भी बताया कि क्रिसमस का सही अर्थ लोगों के बीच शांति का संदेश देना है। उन्होंने कहा, “इस के ज़रिए हमने यही दर्शाने का प्रयास किया। समुदायों या विभिन्न व्यक्तियों के बीच भेदभाव करने का कोई मतलब नहीं है, हम सभी के बीच शांति की ज़रूरत है।”
वायरल हुए इस वीडियो के पीछे के प्रोपेगेंडा को समझना है तो इसे किन हस्तियों द्वारा कैसे शेयर किया गया, ये देखें। इस वीडियो को ट्विटर पर शेयर करते हुए कॉन्ग्रेस सांसद शशि थरूर ने लिखा, “ओह यस- उनके कपड़ों को देखकर आप बता सकते हैं कि वो कौन हैं।”
Ah yes — “you can tell who themy are from their clothes “! https://t.co/BQArDRy2hr
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) December 25, 2019
दरअसल पीएम नरेंद्र मोदी ने देश में CAA के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए टिप्पणी की थी कि CAA के विरोध-प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने वालों को उनके द्वारा पहनी जाने वाली पोशाक से पहचाना जा सकता है।
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