Wednesday, May 8, 2024
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लालू-नीतीश को चुभते है BJP के तरकश से निकले ये 2 तीर, पार्टी ने दोनों सदनों में चुना अपना नेता: अनुभवी, तेज-तर्रार और अच्छे वक्ता हैं दोनों

आपको याद होगा कि विधानसभा में किस तरह स्पीकर रहते हुए विजय कुमार सिन्हा और सीएम नीतीश के बीच बहस हुई थी। भाजपा को ऐसा ही नेता चाहिए था, जो सामने से अटैक करने की क्षमता रखता हो।

भाजपा ने बिहार में अपने तरकश से फिर दो तीर निकाले हैं। आपको याद होगा कि इससे पहले अप्रत्याशित फैसला लेते हुए भाजपा ने पूर्णिया के तारकिशोर प्रसाद और बेतिया की रेणु देवी को उप-मुख्यमंत्री बनाया था, लेकिन अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा से अलग होते हुए राजद के साथ सरकार बना ली है, जिसमें तेजश्वी यादव डिप्टी सीएम बने हैं। भाजपा ने विधानसभा में विजय कुमार सिन्हा और विधान परिषद में सम्राट चौधरी को नेता प्रतिपक्ष चुना है।

भूमिहार समाज से आने वाले विजय कुमार सिन्हा को भाजपा ने पार्टी के विधानमंडल दल का नेता भी चुना है। दोनों ही नेता अपनी आक्रामक शैली के लिए जाने जाते हैं और सदन से लेकर सड़क तक सरकार को घेरने में समर्थ हैं। दोनों की छवि तेज-तर्रार नेताओं की है और दोनों प्रखर वक्ता भी हैं। आपको याद होगा कि विधानसभा में किस तरह स्पीकर रहते हुए विजय कुमार सिन्हा और सीएम नीतीश के बीच बहस हुई थी। भाजपा को ऐसा ही नेता चाहिए था, जो सामने से अटैक करने की क्षमता रखता हो।

तभी तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी पर विजय कुमार सिन्हा को तरजीह दी गई है। इस तरह भाजपा ने ये भी साफ़ कर दिया है कि वो बिहार में सुशील कुमार मोदी के काल से निकल गई है। पिछली बार सुशील मोदी के प्रति जनता और कार्यकर्ताओं के असंतोष के कारण ही उन्हें डिप्टी सीएम नहीं बनाया गया था। भाजपा ने दोनों नेताओं को पद देकर जातीय समीकरण भी साधे हैं। सम्राट चौधरी OBC समाज से आते हैं। बोचहाँ उपचुनाव में राजद ने सवर्णों को लुभाया था और भाजपा हार गई थी, ऐसे में सिन्हा समीकरण में फिट बैठते हैं।

नीतीश कुमार को अक्सर ‘लव-कुश’ समीकरण साधने वाला बताया जाता है, जो कुर्मी-कुशवाहा समाज को अपना वोट बैंक मानते हैं। ऐसे में सम्राट चौधरी के सहारे भाजपा इस समीकरण को भी काटेगी। लखीसराय से विधायकी की हैट्रिक लगा चुके विजय कुमार सिन्हा विधानसभा अध्यक्ष बनने से पहले श्रम संसाधन मंत्री थे। 15 वर्ष की उम्र से ही RSS से जुड़ने वाले सिन्हा छात्र संघ में विभिन्न पदों पर रह चुके हैं। विधानसभा में उनसे बहस के बाद नीतीश कुमार ने भाजपा आलाकमान से उनकी शिकायत तक कर डाली थी।

अब उन्हीं विजय कुमार सिन्हा को भाजपा ने नीतीश कुमार के सामने खड़ा कर दिया है। वहीं बिहार की 7 कुशवाहा आबादी OBC समाज में यादव समुदाय और कोइरी समुदाय के बाद सबसे बड़ी भागीदारी वाला समाज है। 3 बार मंत्री रहे सम्राट चौधरी के पिता 7 बार विधायक और सांसद रह चुके शकुनि चौधरी भी बिहार की राजनीति में एक बड़ा नाम हैं। सम्राट चौधरी बिहार भाजपा के उपाध्यक्ष थे। 1999 में ही वो मंत्री बन गए थे। उनकी माँ पार्वती देवी भी MLA रही हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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