Wednesday, September 18, 2024
Homeराजनीतिहैदराबाद में असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ BJP ने डॉक्टर माधवी लता को उतारा: जानिए...

हैदराबाद में असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ BJP ने डॉक्टर माधवी लता को उतारा: जानिए कौन हैं ये महिला, जिनकी खूब हो रही है चर्चा

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पहली लिस्ट शनिवार (2 फरवरी 2024) को जारी कर दी। भाजपा ने हैदराबाद में AIMIM सुप्रीमो एवं सांसद असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ डॉक्टर माधवी लता को प्रत्याशी बनाया है।

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पहली लिस्ट शनिवार (2 फरवरी 2024) को जारी कर दी। भाजपा ने हैदराबाद में AIMIM सुप्रीमो एवं सांसद असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ डॉक्टर माधवी लता को प्रत्याशी बनाया है। माधवी राजनीति विज्ञान में परास्नातक हैं। वो हैदराबाद में एक नामी अस्पताल की चेयरपर्सन हैं। माधवी को प्रत्याशी घोषित करते ही सोशल मीडिया में उनके समर्थन में मुहिम छेड़ दी गई है।

बच्चों को दिया श्रीमद्भगवत गीता का ज्ञान

माधवी 3 बच्चों की माँ हैं। उनकी बड़ी बेटी लोपामुद्रा 19 वर्ष की हैं, जो IIT मद्रास से बीटेक कर रही हैं। दूसरे नंबर पर 16 साल का बेटा रामकृष्ण परमहंस है। वह भी IIT मद्रास से बीटेक प्रथम वर्ष का छात्र है। माधवी की सबसे छोटी बेटी मोदिनी है, जो फिलहाल कक्षा 11 में पढ़ती है। मोदिनी भी अपने भाई और बहन की तरह IIT करना चाहती हैं। माधवी ने अपने बच्चों को बचपन में खुद ही पढ़ाया है। वे बच्चों को अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, समाजशास्त्र आदि विषयों के साथ-साथ उन्हें श्रीमद्भगवत गीता और महाभारत का भी ज्ञान दिया है।

NCC कैडेट और भरतनाट्यम नृत्यांगना

माधवी लता के पति का नाम विश्वनाथ है। वो एमिरेट्स विरिंची नाम की कम्पनी के संस्थापक हैं। माधवी तेलंगाना टुडे को बताती हैं कि उन्होंने कई अनाथालयों को दान दिए हैं। माधवी लता प्रोफेशनल भरतनाट्यम नृत्यांगना हैं। वो अब तक 100 से ज्यादा स्टेज प्रस्तुति दे चुकी हैं। माधवी अपने छात्रा जीवन में NCC कैडेट भी रह चुकी हैं।

डॉक्टर माधवी लता को तेलंगाना में हिंदुत्व का मुखर चेहरा माना जाता है। कोटी महिला कॉलेज से राजनीति शास्त्र में MA करने के बाद वह मूलतः शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे सामाजिक कार्यों में काफी सक्रिय रही हैं। इन कार्यों को वो ट्रस्ट और संस्थाओं के माध्यम से करती हैं। हैदराबाद से भाजपा की पहली महिला प्रत्याशी माधवी के हिन्दू धर्म को लेकर दिए जाने वाले भाषण अक्सर वायरल होते हैं।

हैदराबाद में मंदिरों पर कब्ज़ा

प्रत्याशी के तौर पर अपना नाम सामने आने के बाद माधवी ने ANI से बात की। तब उन्होंने बताया कि वो पिछले 8 वर्षों से लगातार हैदराबाद के उस संसदीय क्षेत्र में जा रही हैं, जहाँ से वो खुद प्रत्याशी घोषित हुई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उस क्षेत्र में विकास पूरी तरह से ठप्प हो गया है और लोग पढ़ाई, सफाई और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। माधवी ने आगे कहा कि जहाँ मदरसों में बच्चों को खाना नहीं मिल रहा है, वहीं हिंदुओं के कई मंदिरों को कब्ज़ा कर लिया गया है।

उस संसदीय क्षेत्र के हिन्दू समाज को आए दिन परेशानी का सामना करने वाली आबादी बताते हुए माधवी ने आरोप लगाया कि मुस्लिम बच्चों को भी बाल मजदूरी करवाई जा रही है। माधवी ने आगे बताया कि ओवैसी जैसे लोगों का वोट सिर्फ हिन्दू और मुस्लिमों की लड़ाई करवाने से आता है। पुराने हैदराबाद को गरीबी और बेबसी का शिकार बताते हुए भाजपा प्रत्याशी ने इसे बहुत आगे ले जाने की जरूरत पर जोर दिया।

1984 से काबिज़ है ओवैसी परिवार

भारतीय जनता पार्टी ने जिस हैदराबाद सीट पर माधवी लता को उतारा है, वहाँ साल 1984 से ओवैसी परिवार का दबदबा है। ओवैसी के अब्बा सुल्तान सलाउद्दीन यहाँ से 1984 में पहली बार सांसद बने थे। साल 2004 तक सुल्तान सलाउद्दीन यहाँ से जीतते आए, जिसके बाद से अब इस सीट पर असदुद्दीन ओवैसी की जीत हो रही है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

हिरोइन को अगवा कर कार में 2 घंटे दरिंदगी, ब्लैकमेल करने को बनाई Video… यौन शोषण के जिस केस के बाद बनी हेमा कमिटी,...

यौन शोषण के जिस मामले के बाद जस्टिस हेमा कमेटी का गठन किया गया था, उस घटना के मुख्य आरोपित एक्टर सुनील एनएस उर्फ पल्सर सुनी को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है।

पेजर ब्लास्ट से 500+ की गई आँख, फिर भी क्यों इस्तेमाल करता है हिजबुल्लाह, हमास के आतंकी ऐसे हमलों से कितने महफूज: जानिए सब...

हिजबुल्लाह द्वारा पेजर का इस्तेमाल किए जाने के पीछे कारण है कि इसमें भेजे जाने वाले संदेश और उसे भेजने वाले को ट्रैक नहीं किया जा सकता।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -