उनका नाम है लाटायाँ फ़र्न्स-आडवाणी (Latoya Ferns-Advani)। महाराष्ट्र यूथ कॉन्ग्रेस की वे नई प्रवक्ता और मीडिया समन्वयक हैं। पार्टी ने उन्हें यह जिम्मेदारी बीते 11 जुलाई को ही सौंपी है।
लाटायाँ आडवाणी का अतीत देखकर पता चलता है कि कॉन्ग्रेस में जिम्मेदारी पाने के लिए गाय के खिलाफ अभद्र चुटकुले, गोमूत्र पर तंज और इस्लामिक आतंकियों से हमदर्दी रखनी पड़ती है।
Thank you for the opportunity to serve as @IYCMaha Spokesperson and Media Coordinator, President @satyajeettambe ji and GS @brijdutt ji. Here’s to increasing young @INCIndia-ns’ elasticity of impact and ability to serve India.
— Latoya Ferns-Advani (लटाँया) (@LatoyaFerns) July 11, 2020
Jai Hind 🇮🇳 https://t.co/wqP0qF3OdT
यूथ कॉन्ग्रेस भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस की युवा शाखा है। वर्तमान में यह राहुल गाँधी के नियंत्रण में है। लाटाँया आडवाणी का ‘लिंक्ड-इन’ प्रोफाइल बताता है कि वे एक ‘मीडिया और नीति रणनीतिकार’ हैं। उन्होंने डरहम और वारविक विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है।
‘डेली टाइम्स’ जैसे पाकिस्तानी प्रकाशन में कॉलम लिखने वाली लटाँया फर्न्स-आडवाणी का ऐसे ही एक ‘लेख’ में मानना है कि आतंकी संगठन आईएसआईएस के ‘लड़ाकों’ को उनका अपना राज्य देकर उन्हें वैध बनाया जाना चाहिए। पाकिस्तानी प्रकाशन की वेबसाइट पर एक लेख में वह लिखती हैं कि आईएसआईएस (ISIS) को एक ‘राज्य’ के रूप में पहचान ना दिए जाने से हम ‘लड़ाकों’ और ‘नागरिकों’ बीच अंतर नहीं कर पाते हैं।
लटाँया आडवाणी ने अपने लेख में न केवल आईएसआईएस आतंकवादियों को ‘लड़ाकों’ के रूप में, बल्कि ‘सेनानियों’ के रूप में जगह दी है। वह कहती हैं कि ‘ISIS सेनानियों’ को ‘पहचाने जाने वाली वर्दी’ ना देने से उन्हें चुपके से घात लगाकर हमला करने का लाभ देती है।
महाराष्ट्र युवा कॉन्ग्रेस प्रवक्ता और मीडिया समन्वयक के रूप में नियुक्त लटाँया फर्न्स-आडवाणी का मानना है कि आईएसआईएस को स्टेट का दर्जा उन्हें पहचान योग्य बनाने में सेना की सहायता करेगा।
इसके अलावा, लटाँया फर्न्स-आडवाणी आतंकवादी शब्द का शुद्धिकरण करना चाहती है, जिसका उपयोग कि आतंकवादियों, आतंकियों का वर्णन करने के लिए किया जाता है। वह दावा करती है कि आईएसआईएस ‘अमेरिका के घृणित लोकतंत्र को बढ़ावा देने और जल्दबाजी वाली एग्जिट स्ट्रेटेजी का नतीजा है।
वास्तव में, ISIS मजहबी हिंसा को बढ़ावा देता है और उन कट्टरपंथियों को तवज्जो देता है, जो काफिर वाली इनकी परिभाषा से सहमत होते हैं।
ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय सुरक्षा वेबसाइट के अनुसार, अपने गठन के बाद से, आईएसआईएस ने इराक और सीरिया के क्षेत्रों पर और उसके भीतर सुन्नी और शिया के बीच सांप्रदायिक तनाव पैदा कर कब्जा करने पर ध्यान केंद्रित किया है। लटाँया फर्न्स-आडवाणी की मानें तो इस विचारधारा को वैध बना दिया जाना चाहिए।
उसी लेख में, लटाँया फर्न्स-आडवाणी ने आईएसआईएस द्वारा की गई क्रूरता और बर्बरताओं, जैसे -सार्वजनिक जगहों पर सर कलम करने को सही ठहराया है। जब हमने इस ‘लेख’ में यह जाँच करने की कोशिश की कि कहीं यह व्यंग्य तो नहीं है? लेकिन हमने यह पाया कि यह व्यंग्य नहीं बल्कि महाराष्ट्र युवा कॉन्ग्रेस की प्रवक्ता लटाँया फर्न्स-आडवाणी द्वारा बेहद गम्भीरता से लिखा गया था।
लटाँया फर्न्स-आडवाणी सिर्फ आतंकी संगठनों को ही क्लीन चिट नहीं देतीं बल्कि सोशल मीडिया पर आतंकवादियों की ही भाषा में नियमित रूप से हिंदुओं पर ‘गोमूत्र’ से लेकर अन्य घटिया हिन्दू घृणा से भरे हुए ट्वीट भी करती हैं। जिसके कुछ उदाहरण यहाँ देखे जा सकते हैं, जहाँ लटाँया जनता कर्फ्यू के अवसर पर गोमूत्र पार्टी जैसे ‘जोक’ बनाते हुए देखी जा सकती हैं –
A tokenistic one day #JanataCurfew, besides being pedagogic, is not going to help much. It should have happened a month ago instead of throwing cow piss parties and Yogi calling for large religious gatherings.
— Latoya Ferns-Advani (लटाँया) (@LatoyaFerns) March 22, 2020
यूथ कॉन्ग्रेस की नई प्रवक्ता बैन के बाद ‘बीफ़ बर्गर’ खाने के लिए व्याकुल हैं –
Omg either stop or get me food-asylum statt 🤤 Dying for a good beef burger after this bs ban. I’ve found my steak (slathered with a marrow sauce), but that’s about it. I’m beginning to think the BJP is certifiably insane for making us give up a good patty for patanjali cow pats.
— Latoya Ferns-Advani (लटाँया) (@LatoyaFerns) January 13, 2020
2015 के एक ट्वीट में लटाँया का कहना है कि गाय उसकी माँ नहीं है, और वह बीफ़ पर प्रतिबंध के बाद भी इसे खाने वाली हैं –
My mother is certainly not a cow. I’m truly sorry if yours is, because I’m going to have to eat her regardless of the #BeefBan. Lol.
— Latoya Ferns-Advani (लटाँया) (@LatoyaFerns) March 13, 2015
लटाँया पाकिस्तान जाने के लिए भी व्याकुल रहती हैं –
When my government demands that the best of us go to Pakistan, the Sindhi in me thinks it’s a damn good idea. Why don’t you fools ease the visa and trade restrictions already? 🇮🇳♥️🇵🇰
— Latoya Ferns-Advani (लटाँया) (@LatoyaFerns) January 9, 2020
In these fascist times, seeking asylum in Pakistan doesn’t seem like a bad idea. If I am ever forced to leave my beloved India, I’d choose somewhere which resembles it most, especially when it’s home friends I love like @ImamAliUnar & @shehryar_taseer. 🇮🇳♥️🇵🇰 Hate hath no power.
— Latoya Ferns-Advani (लटाँया) (@LatoyaFerns) December 11, 2019
लटाँया के अनुसार, नरेंद्र मोदी पाकिस्तानी एजेंट हैं –
Is PM @NarendraModi a stooge of Pakistan’s ISI?
— Latoya Ferns-Advani (लटाँया) (@LatoyaFerns) September 3, 2019
Checklist:
He destabilised Kashmir, abolishing A.370 unconstitutionally, causing international outcry.
Destabilised North East with the National Register of Citizens, causing both statelessness & cultural genocide.
Wrecked economy.
दिल्ली दंगा आरोपितों और मुख्य अभियुक्तों के समर्थन में भी लटाँया डटकर खड़ी हैं –
Khalid Saifi
— Latoya Ferns-Advani (लटाँया) (@LatoyaFerns) June 8, 2020
Sharjeel Imam
Meeran Haider
Safoora Zargar
Asif Tanha
Kafeel Khan
Farhan Zuberi
Mohd Amir
Imran
Anwar
Faheemuddin
Sabir
& 100s of Muslims activists are facing UAPA, sedition, NSA & other charges. The Opposition is speaking about them, to render support & solidarity❤️ https://t.co/wFYAXYsE5i
उसका यह भी मानना है कि ‘बाबरी मस्जिद’ की जगह पर राम मंदिर का कोई अवशेष नहीं है और सुप्रीम कोर्ट का फैसल गलत था –
Lord Ram must be ashamed of India. The #BabriMasjid was demolished brick by brick. Today the Supreme Court capitulated to the mob’s demands. #RamMandir is being built on desecrated land in the name of the Lord despite no evidence of a Hindu structure below it. This is not justice
— Latoya Ferns-Advani (लटाँया) (@LatoyaFerns) November 9, 2019
लटाँया फर्न्स-आडवाणी के लिंक्ड-इन प्रोफाइल के अनुसार वो कॉन्ग्रेस नेता मणि शंकर अय्यर के ऑफिस में काम करती हैं। ये वही मणि शंकर अय्यर हैं, जो केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ पाकिस्तान जाकर हर संभव षड्यंत्र का हिस्सा बनने का कारनामा करना चाहते हैं और भारत विरोध के लिए पाकिस्तान का समर्थन करते आए हैं।