Monday, February 24, 2025
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कॉन्ग्रेस की लाटायाँ आडवाणी: राम मंदिर, गाय, मोदी सब पर जहर बुझी, ISIS आतंकियों से मोहब्बतें

लटाँया फर्न्स-आडवाणी सिर्फ आतंकी संगठनों को ही क्लीन चिट नहीं देतीं बल्कि सोशल मीडिया पर आतंकवादियों की ही भाषा में नियमित रूप से हिंदुओं पर 'गोमूत्र' से लेकर अन्य घटिया हिन्दू घृणा से भरे हुए ट्वीट भी करती हैं।

उनका नाम है लाटायाँ फ़र्न्स-आडवाणी (Latoya Ferns-Advani)। महाराष्ट्र यूथ कॉन्ग्रेस की वे नई प्रवक्ता और मीडिया समन्वयक हैं। पार्टी ने उन्हें यह जिम्मेदारी बीते 11 जुलाई को ही सौंपी है।

लाटायाँ आडवाणी का अतीत देखकर पता चलता है कि कॉन्ग्रेस में जिम्मेदारी पाने के लिए गाय के खिलाफ अभद्र चुटकुले, गोमूत्र पर तंज और इस्लामिक आतंकियों से हमदर्दी रखनी पड़ती है।

यूथ कॉन्ग्रेस भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस की युवा शाखा है। वर्तमान में यह राहुल गाँधी के नियंत्रण में है। लाटाँया आडवाणी का ‘लिंक्ड-इन’ प्रोफाइल बताता है कि वे एक ‘मीडिया और नीति रणनीतिकार’ हैं। उन्होंने डरहम और वारविक विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है।

‘डेली टाइम्स’ जैसे पाकिस्तानी प्रकाशन में कॉलम लिखने वाली लटाँया फर्न्स-आडवाणी का ऐसे ही एक ‘लेख’ में मानना ​​है कि आतंकी संगठन आईएसआईएस के ‘लड़ाकों’ को उनका अपना राज्य देकर उन्हें वैध बनाया जाना चाहिए। पाकिस्तानी प्रकाशन की वेबसाइट पर एक लेख में वह लिखती हैं कि आईएसआईएस (ISIS) को एक ‘राज्य’ के रूप में पहचान ना दिए जाने से हम ‘लड़ाकों’ और ‘नागरिकों’ बीच अंतर नहीं कर पाते हैं।

लटाँया आडवाणी ने अपने लेख में न केवल आईएसआईएस आतंकवादियों को ‘लड़ाकों’ के रूप में, बल्कि ‘सेनानियों’ के रूप में जगह दी है। वह कहती हैं कि ‘ISIS सेनानियों’ को ‘पहचाने जाने वाली वर्दी’ ना देने से उन्हें चुपके से घात लगाकर हमला करने का लाभ देती है।

महाराष्ट्र युवा कॉन्ग्रेस प्रवक्ता और मीडिया समन्वयक के रूप में नियुक्त लटाँया फर्न्स-आडवाणी का मानना है कि आईएसआईएस को स्टेट का दर्जा उन्हें पहचान योग्य बनाने में सेना की सहायता करेगा।

इसके अलावा, लटाँया फर्न्स-आडवाणी आतंकवादी शब्द का शुद्धिकरण करना चाहती है, जिसका उपयोग कि आतंकवादियों, आतंकियों का वर्णन करने के लिए किया जाता है। वह दावा करती है कि आईएसआईएस ‘अमेरिका के घृणित लोकतंत्र को बढ़ावा देने और जल्दबाजी वाली एग्जिट स्ट्रेटेजी का नतीजा है।

वास्तव में, ISIS मजहबी हिंसा को बढ़ावा देता है और उन कट्टरपंथियों को तवज्जो देता है, जो काफिर वाली इनकी परिभाषा से सहमत होते हैं।

ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय सुरक्षा वेबसाइट के अनुसार, अपने गठन के बाद से, आईएसआईएस ने इराक और सीरिया के क्षेत्रों पर और उसके भीतर सुन्नी और शिया के बीच सांप्रदायिक तनाव पैदा कर कब्जा करने पर ध्यान केंद्रित किया है। लटाँया फर्न्स-आडवाणी की मानें तो इस विचारधारा को वैध बना दिया जाना चाहिए।

उसी लेख में, लटाँया फर्न्स-आडवाणी ने आईएसआईएस द्वारा की गई क्रूरता और बर्बरताओं, जैसे -सार्वजनिक जगहों पर सर कलम करने को सही ठहराया है। जब हमने इस ‘लेख’ में यह जाँच करने की कोशिश की कि कहीं यह व्यंग्य तो नहीं है? लेकिन हमने यह पाया कि यह व्यंग्य नहीं बल्कि महाराष्ट्र युवा कॉन्ग्रेस की प्रवक्ता लटाँया फर्न्स-आडवाणी द्वारा बेहद गम्भीरता से लिखा गया था।

लटाँया फर्न्स-आडवाणी सिर्फ आतंकी संगठनों को ही क्लीन चिट नहीं देतीं बल्कि सोशल मीडिया पर आतंकवादियों की ही भाषा में नियमित रूप से हिंदुओं पर ‘गोमूत्र’ से लेकर अन्य घटिया हिन्दू घृणा से भरे हुए ट्वीट भी करती हैं। जिसके कुछ उदाहरण यहाँ देखे जा सकते हैं, जहाँ लटाँया जनता कर्फ्यू के अवसर पर गोमूत्र पार्टी जैसे ‘जोक’ बनाते हुए देखी जा सकती हैं –

यूथ कॉन्ग्रेस की नई प्रवक्ता बैन के बाद ‘बीफ़ बर्गर’ खाने के लिए व्याकुल हैं –

2015 के एक ट्वीट में लटाँया का कहना है कि गाय उसकी माँ नहीं है, और वह बीफ़ पर प्रतिबंध के बाद भी इसे खाने वाली हैं –

लटाँया पाकिस्तान जाने के लिए भी व्याकुल रहती हैं –

लटाँया के अनुसार, नरेंद्र मोदी पाकिस्तानी एजेंट हैं –

दिल्ली दंगा आरोपितों और मुख्य अभियुक्तों के समर्थन में भी लटाँया डटकर खड़ी हैं –

उसका यह भी मानना है कि ‘बाबरी मस्जिद’ की जगह पर राम मंदिर का कोई अवशेष नहीं है और सुप्रीम कोर्ट का फैसल गलत था –

लटाँया फर्न्स-आडवाणी के लिंक्ड-इन प्रोफाइल के अनुसार वो कॉन्ग्रेस नेता मणि शंकर अय्यर के ऑफिस में काम करती हैं। ये वही मणि शंकर अय्यर हैं, जो केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ पाकिस्तान जाकर हर संभव षड्यंत्र का हिस्सा बनने का कारनामा करना चाहते हैं और भारत विरोध के लिए पाकिस्तान का समर्थन करते आए हैं।

लटाँया का लिंक्ड-इन प्रोफाइल

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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