Wednesday, October 9, 2024
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लोकसभा चुनाव 2024: BSP छोड़ BJP में शामिल हुए रितेश पांडेय, पीएम मोदी संग लंच में हुए थे शामिल, राम मंदिर आंदोलन से जुड़ा था परिवार

अंबेडकर नगर लोकसभा सीट से सांसद रितेश पाण्डेय ने बीएसपी से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है।

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बहुजन समाज पार्टी को बड़ा झटका लगा है। साल 2020 में लोकसभा में पार्टी के नेता रहे और अंबेडकर नगर लोकसभा सीट से सांसद रितेश पाण्डेय ने बीएसपी से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। रितेश पाण्डेय सांसद से पहले विधायक भी रहे थे। उसके पिता भी सांसद रहे हैं, तो चाचा पवन पाण्डेय को मजबूत ब्राह्मण नेताओं में शुमार किया जाता है। वो राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे हैं और बाबरी ढहाने के मामले में उन पर अलग से एफआईआर भी दर्ज की गई थी। खास बात ये है कि उनके चाचा पवन पाण्डेय, पिता राकेश पाण्डेय और खुद रितेश पाण्डेय अब अलग-अलग पार्टियों में पहुँच चुके हैं।

बीजेपी से जुड़ने के बाद रितेश पाण्डेय ने कहा, “मैं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को देखते हुए विकसित भारत की कल्पना में अपना सहयोग देने के लिए इस बड़े मिशन के लिए बीजेपी के साथ जुड़ कर काम करने के लिए आगे आया हूँ। मेरे क्षेत्र में ही हम देखते हैं कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे, 2-2 औद्योगिक कॉरिडोर और 40 हजार से ज्यादा आवास की उपलब्ध कराना दिखाता है कि ये हमारे क्षेत्र को विकसित भारत की ओर बढ़ाने के लिए हो रहा है।”

उन्होंने कहा, “मैं बीएसपी में 15 साल से था। मैं मायावती जी की कार्यप्रणाली पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। मैंने अपने इस्तीफे में विस्तार से इसकी वजहें बताई हैं। पिछले पाँच साल में मेरे लोकसभा क्षेत्र में जो काम हुए हैं, जो बदलाव हुए हैं। उसके लिए मैंने बीजेपी का साथ चुना है।”

पीएम मोदी के साथ लंच कर चुके हैं रितेश पाण्डेय

पीएम मोदी ने 9 फरवरी 2024 को रितेश पाण्डेय समेत 8 अलग-अलग पार्टियों के सांसदों के साथ संसद में लंच किया था। रितेश पाण्डेय ने एक्स पर इसके बारे में लिखा भी था और पीएम मोदी की जमकर तारीफ भी की थी। उन्होंने एक्स पर लिखा था, “आज लंच के लिए प्रधानमंत्री के जरिए आमंत्रित किया जाना और यह सीखना वास्तव में एक सम्मान की बात थी कि उन्होंने 2001 के भुज भूकंप से हासिल एक्सपीरियंस का इस्तेमाल कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए किस तरह से किया। बहुत ही ज्यादा ज्ञानवर्धक चर्चा हुई। हमारे साथ बैठने के लिए आपका धन्यवाद!” इसके बाद से ही उनके बीजेपी में जाने की चर्चाएं शुरू हो गई थी।

बीएसपी से दिया इस्तीफा, मायावती को लिखा पत्र

इससे पहले, उन्होंने बीएसपी की मुखिया मायावती को पत्र लिखकर पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने आरोप लगाया है कि लंबे समय से न तो उन्हें पार्टी की बैठकों में बुलाया जा रहा था और न ही उनसे किसी तरह का संवाद किया जा रहा था। इतना ही नहीं, पार्टी के पदाधिकारियों से मिलने के अनगिनत प्रयासों में भी उन्हें कामयाबी नहीं मिल रही थी। पत्र में पांडेय ने लिखा कि ऐसा लगता है कि पार्टी को मेरी सेवाओं की कोई जरूरत नहीं है। ऐसे में इस्तीफा देने के अलावा मेरे पास कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने मार्गदर्शन और राजनीति में मौके देने के लिए मायावती को आभार भी व्यक्त किया। वैसे, अंबेडनगर लोकसभा सीट से खुद मायावती सांसद रही हैं, ऐसे में उसी सीट से सांसद का पार्टी छोड़ना उनके लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।

बता दें कि रितेश पाण्डेय का पूरा परिवार ही राजनीति में है। पिता राकेश पाण्डेय भी सांसद रह चुके हैं। उन्होंने 2022 में समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था। चाचा पवन पाण्डेय शिवसेना से लेकर सपा, बसपा, बीजेपी सभी में रह चुके हैं। वहीं, रितेश पाण्डेय शुरू से बीएसपी से ही जुड़े रहे थे। साल 2012 के विधानसभा चुनाव में वो पहली बार मैदान में उतरे थे, लेकिन उन्हें हार झेलनी पड़ी थी। इसके बाद साल 2017 के विधानसभा चुनाव में पहली बार विधायक बने थे, और साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने अंबेडकर से बीजेपी के मुकुट बिहारी को हराया था। उन्हें बीएसपी ने 2020 में सदन में पार्टी का नेता बनाया था। हालाँकि उसके बाद से ही वो पार्टी में उपेक्षित चल रहे थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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