नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर कॉन्ग्रेस के भीतर ही विरोध तेज होता जा रहा है। पहले गोवा में पार्टी स्टैंड का विरोध करते हुए कुछ नेताओं ने पार्टी छोड़ी। अब मध्य प्रदेश के दो कॉन्ग्रेस विधायकों ने इसके विरोध पर आपत्ति जताई है। ये विधायक हैं मंदसौर जिले के सुवासरा विधानसभा क्षेत्र से चुने गए हरदीप सिंह डांग और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह।
लक्ष्मण सिंह ने ट्वीट कर पार्टी स्टैंड को लेकर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा है कि सीएए पर अब पॉलिटिक्स बंद होनी चाहिए। मुस्लिम भी अब इसका विरोध नहीं करना चाहते। चांचौड़ा से विधायक सिंह पहले भी कह चुके हैं कि संसद में कानून पारित हो चुका है और सभी राजनीतिक दल अपने विचार व्यक्त कर चुके हैं। ऐसे में इसे विषय पर ज्यादा टिप्पणी, बयान व्यर्थ है। उन्होंने कहा था कि इसके कबूल कर लोगों को आगे बढ़ना चाहिए।
नागरिकता कानून की राजनीति बन्द करो।अब तो मुसलमान भी कह रहे हैं कि बंद करो।वो कह रहे हैं कि हमारे रोजगार की व्यवस्था करो।रस्सी को ज्यादा खींचने से वो टूट जाती है।
— lakshman singh (@laxmanragho) January 10, 2020
वहीं, विधायक हरदीप सिंह डांग ने यह कहते हुए CAA का समर्थन किया है कि यह देश के नहीं बल्कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में रह रहे अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए है, जो बहुत ही अच्छी बात है। डंग ने CAA और NRC पर आम लोगों के साथ राजनीतिक पार्टियों की अधूरी जानकारी को लेकर हैरानी भी जताई है। उन्होंने कहा कि अधूरी जानकारी के कारण ही लोग सड़कों पर आकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।
सीतामऊ में पत्रकारो से बात करते हुए डांग ने कहा कि पाकिस्तान में प्रताड़ित लोगों को यदि भारत में सहारा मिलता है तो इसमें कोई गलत बात नहीं है। उन्होंने कहा कि CAA और NRC अलग-अलग हैं। इन्हें अलग-अलग ही देखा जाना चाहिए।
लक्ष्मण सिंह और डांग का ये बयान ऐसे वक्त में सामने आया है जब सीएए को लेकर कॉन्ग्रेस लगातार आक्रामक रुख अपनाए हुए है। बीते दिनों मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ भी विरोध-प्रदर्शन में शामिल हुए थे। वैसे यह पहला मौका नहीं है जब डांग और लक्ष्मण सिंह ने अपनी पार्टी के ही स्टैंड का विरोध किया हो। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के मोदी सरकार के फैसले का भी उन्होंने स्वागत किया था। लक्ष्मण सिंह भी कर्जमाफी सहित कई मसलों पर कमलनाथ सरकार को घेर चुके हैं।
इससे पहले गोवा में कॉन्ग्रेस के चार नेताओं ने CAA के मसले पर पार्टी छोड़ दी थी। इन नेताओं का कहना था कि पार्टी अल्पसंख्यकों खासकर, समुदाय विशेष वालों को बरगलाने की कोशिश कर रही है। पार्टी छोड़ने वाले नेताओं में पणजी कॉन्ग्रेस ब्लॉक समिति के अध्यक्ष प्रसाद अमोनकर, उत्तर गोवा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ प्रमुख जावेद शेख, ब्लॉक समिति सचिव दिनेश कुबल और नेता शिवराज तारकर शामिल थे। सीएए का समर्थन करते हुए इनमें से तीन नेता भाजपा की सदस्यता भी ले चुके हैं।