महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में उठापठक का दौर जारी है। राज्य की महाविकास आघाड़ी गठबंधन सरकार में जहाँ कॉन्ग्रेस अपने आपको अलग-थलग महसूस कर रही है। वहीं, राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) और शिवसेना के बीच लगातार नजदीकियाँ बढ़ रही हैं। इसी बीच महाराष्ट्र कॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने सोमवार (14 जून 2021) को ऐलान किया है कि राज्य का अगला विधानसभा चुनाव उनकी पार्टी अकेले ही लड़ेगी। खास बात यह है कि पटोले ने मुख्यमंत्री बनने की इच्छा भी जताई है।
Congress will contest the Maharashtra Assembly Elections alone. I am ready to be the CM face if the high command decides: Maharashtra Congress chief Nana Patole
— ANI (@ANI) June 14, 2021
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार (12 जून 2021) को पटोले ने अमरावती में कहा, ”2024 के चुनाव में कॉन्ग्रेस महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। केवल कॉन्ग्रेस की विचारधारा ही देश को बचा सकती है।” उन्होंने आगे यह भी कहा कि अगर आलाकमान फैसला लेता है तो वह मुख्यमंत्री का चेहरा बनने के लिए भी तैयार हैं। अमरावती के तिवास में कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने पूछा, ”क्या आप नाना पटोले को 2024 में सीएम नहीं बनाना चाहते हैं?”
पटोले ने कहा, “मैं कॉन्ग्रेस का राज्य प्रमुख हूँ। इसलिए मैं अपनी पार्टी की बात बताऊँगा। मुझे नहीं पता कि उन्होंने (शरद पवार) क्या कहा, लेकिन कॉन्ग्रेस ने यह स्पष्ट कर दिया है हम सभी स्थानीय निकाय चुनाव और विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेंगे।”
पवार द्वारा शिवसेना की प्रशंसा करने से बौखलाए पटोले ने कहा, “कॉन्ग्रेस बड़ी पार्टी है। हमें किसी के प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है। यहाँ तक कि अगर कोई (पवार) हमें दरकिनार कर रहा है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि कॉन्ग्रेस को दरकिनार कर दिया जाएगा। 2024 तक महाराष्ट्र में शीर्ष पार्टी केवल कॉन्ग्रेस ही रहेगी।।” इसके अलावा, उन्होंने ऑक्सीजन, दवाओं और इंजेक्शन की कमी को उजागर करते हुए कोविड-19 स्थिति के कुप्रबंधन का आरोप मोदी सरकार पर लगाया। उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी के पास 6 महीने से विरोध कर रहे किसानों से मिलने का समय नहीं है।
इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा विधायक राम कदम ने दावा किया कि पटोले का खुद को मुख्यमंत्री घोषित करना उद्धव ठाकरे की दक्षता पर उनके संदेह का स्पष्ट संकेत है। उन्होंने कहा कि शिवसेना-राकांपा कॉन्ग्रेस को दरकिनार कर रही है, उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस प्रमुख के बयान से यह दुख स्पष्ट झलक रहा है। पटोले ने अक्सर अपने ही सहयोगियों के खिलाफ टिप्पणी की है, फिर चाहे वह सचिन वाजे का मामला हो, ईवीएम, वीर सावरकर आदि।
कॉंग्रेस अध्यक्ष @NANA_PATOLE
— Ram Kadam – राम कदम (@ramkadam) June 13, 2021
यांचे विधान.. त्यांना मुख्यमंत्री व्हायचे आहे.
हे स्पष्ट दर्शवते की त्यांचा मुख्यमंत्री @OfficeofUT उद्भव ठाकरे यांच्या कार्यशैली वर विश्वास नाही..
मागील काही दिवसांपासून ज्या पद्धतीने #शिवसेना आणि #राष्ट्रवादी हे दोन्ही पक्ष कॉंग्रेसला अपमानित pic.twitter.com/yo0OXjD2Be
रिपोर्ट्स के अनुसार, पटोले के इस बयान के बाद से महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई है। ये चर्चाएँ जोर पकड़ रही हैं कि राज्य की महाविकास अघाड़ी सरकार में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। इस मामले में कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता नसीम खान ने कहा कि अगर उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ती है तो उसे इसका फायदा होगा।
वहीं, पटोले के इस बयान के बाद महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि महाविकास अघाड़ी के तीनों घटक दल (शिवसेना, एनसीपी और कॉन्ग्रेस) सरकार चलाने के मुद्दे पर एकजुट हैं। हालाँकि, साल 2024 में होने वाले राज्य विधानसभा और लोकसभा का चुनाव साथ लड़ने पर अब तक फैसला नहीं हुआ है।
दरअसल, हाल ही में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की पवार के साथ बैठक से महाराष्ट्र का सियासी पारा लगातार चढ़ता जा रहा है। NCP चीफ शरद पवार ने महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार को लेकर दावा किया था ये ना सिर्फ अपना कार्यकाल पूरा करेगी, बल्कि आगे होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव भी साथ लड़ेगी। हालाँकि, वर्तमान परिदृश्य को देखकर उनका ये दावा धराशायी होता नजर आ रहा है।
बता दें कि केंद्रीय मंत्री व रिपब्लिकन पार्टी ऑफ़ इंडिया (RPI) के चीफ रामदास आठवले ने कहा था कि महाराष्ट्र में बहुत जल्द बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है। उन्होंने ये तक कह दिया था कि शिवसेना और बीजेपी ढाई-ढाई साल के लिए सीएम पद बाँट सकती हैं।