कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी अक्सर अपने बयानों और आँकड़ों की वजह से चर्चा में रहते हैं, क्योंकि इसका न तो सिर होता है और न ही पैर। पुडुचेरी में अप्रैल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले 4 दिनों की यात्रा के लिए वहाँ पहुँचे राहुल गाँधी ने तीनों कृषि कानूनों को मछुआरों और मत्स्य पालकों से जोड़ दिया और कहा कि उनके लिए कोई मंत्रालय नहीं। लेकिन, इस दौरान जानकारी के अभाव में उन्होंने अपनी ही किरकिरी कराने वाली बात कह दी।
राहुल गाँधी ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने उन किसानों के खिलाफ तीन कृषि कानून पारित कर दिए, जो इस देश की रीढ़ हैं। उन्होंने आगे कहा, “आपलोग सोच रहे होंगे कि मछुआरों की बैठक में मैं किसानों की बात क्यों कर रहा हूँ। असल में मैं आप लोगों को समुद्र का किसान मानता हूँ। अगर किसानों के लिए दिल्ली में अलग से मंत्रालय हो सकता है तो फिर समुद्र के किसानों के लिए क्यों नहीं?”
सच्चाई ये है कि मत्स्य पालन और बाजार के लिए पहले से ही विभाग है और ये ‘पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन’ मंत्रालय के अंतर्गत आता है। वर्तमान में बिहार के बेगूसराय से सांसद गिरिराज सिंह इसके मंत्री हैं। सरकार मत्स्य पालन से जुड़े किसानों के लिए ‘प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना’ भी लेकर आई है। यही विभाग अंतर्देशीय तथा समुद्री मत्स्यन व मात्स्यिकी से जुड़े मामलों को भी देखता है। इस हिसाब से समुद्री मछुआरों के हित भी इसी में आते हैं।
The current govt is attacking small & medium businesses because they want all businesses to be controlled by big corporations. Our view is different. We want to strengthen small & medium businesses because we believe that’s the strength of this country: Rahul Gandhi, Congress pic.twitter.com/xps57wEWST
— ANI (@ANI) February 17, 2021
इस मंत्रालय का लक्ष्य है कि ताजा तथा खारे जल में जलकृषि का विस्तार और मछुआरा समुदाय आदि का कल्याण के लिए कार्य किया जाए। इसीलिए, राहुल गाँधी ने जो कहा कि मछुआरों और मत्स्य पालन के लिए दिल्ली में विभाग नहीं, वो झूठ है। सरकार मछली पालन के लिए ऋण देने की व्यवस्था भी करती है और किसानों को इसके लिए प्रोत्साहित भी करती है। देश में एक ‘मात्स्यिकी विकास बोर्ड’ भी है, जो इन मामलों को देखता है।
इसी तरह से राहुल गाँधी ने हाल ही में राजस्थान के अजमेर में कहा था कि कृषि दुनिया का सबसे बड़ा बिजनेस है, जो 40 लाख करोड़ रुपए का है। अगले ही दिन असम के शिवसागर में उन्होंने कहा कि पूरा ’80 लाख करोड़ का हिंदुस्तान का सबसे बड़ा बिजनेस’ सिर्फ दो लोगों के हाथ में चला जाएगा। उन्होंने दोनों जगह जाकर अपने आँकड़े बदल दिए।